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आर्थिक लालच और मंदबुद्धि बहन से छुटकारा पाने के लिए भाई ने की हत्या

यूपी के बाराबंकी में मंदबुद्धि दलित युवती की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि लड़की के मां, बाप और भाई ने ही उसकी हत्या की. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस गिरफ्त में आरोपी
पुलिस गिरफ्त में आरोपी
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Published : Jan 25, 2021, 9:23 PM IST

बाराबंकीः गत दिनों मंदबुद्धि दलित युवती की निर्मम हत्याकांड का पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया है. खुलास में मामला ऑनर किलिंग का निकला. सगे मां-बाप और भाई ने मिलकर ही अपने हाथों से युवती की हत्या की थी. यही नहीं आरोपी परिजनों ने इस वारदात को दुष्कर्म के बाद हत्या का रंग भी दे डाला. इस वारदात की गूंज राजधानी तक पहुंची थी. आईजी और एडीजी ने घटनास्थल का मुआयना किया था. पिछले एक हफ्ते से पुलिस हत्याकांड को लेकर परेशान थी लेकिन मृतका के पैर में लगे गोबर ने वारदात का पर्दाफाश कर दिया. पुलिस ने युवती के मां, बाप और भाई को गिरफ्तार कर लिया है.

तकरीबन 50 लोगों से की गई पूछताछ.

17 जनवरी को बरामद हुआ था शव
बीती 17 जनवरी को जैदपुर थाना क्षेत्र के बीबीपुर गांव के निकट एक दलित युवती का शव बरामद हुआ था. शव की शिनाख्त कोठी थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती के रूप में हुई थी. शव को देखकर आशंका जताई गई कि युवती के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई है. शव गांव के किनारे एक सरसों के खेत मे पाया गया था. उससे थोड़ी दूरी पर चप्पल और एक डब्बा मिला था. मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. वारदात के खुलासे के लिए पुलिस की पांच टीमें बना दी गईं.

भाई की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा
मृतका युवती मंदबुद्धि और दिव्यांग थी. उसके भाई और मां-बाप ने दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाया था. युवती के भाई की तहरीर पर दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. भाई के मुताबिक युवती 17 जनवरी को सुबह घर से शौच के लिए निकली थी. बाद में उसकी खोज खबर शुरू की गई तो शाम को उसका शव बरामद हुआ था.

राजधानी तक मच था हड़कम्प
दलित युवती की दुष्कर्म के बाद हत्या की खबर पर राजधानी तक हड़कम्प मच गया था. तमाम राजनीतिक दलों ने हत्यारों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग शुरू कर दी थी. आईजी और फिर एडीजी ने भी मौका मुआयना कर घटना के खुलासे के निर्देश दिए थे.

खुलासे में लगी थी पांच टीमें
लगातार पांच टीमें गांव में कैम्प कर इस घटना के खुलासे में लगी थी. डिजिटल डेटा और मैनुअल साक्ष्यों के आधार पर पड़ताल की जा रही थी. तकरीबन 50 लोगों से पूछताछ की गई लेकिन नतीजा कुछ न निकला. दोबारा फिर से सीन रीक्रिएट किया गया लेकिन जब युवती के पैरों पर लगे गोबर पर गौर किया तो हत्या का राजफाश हो गया.

युवती के पैर में लगे गोबर ने खोला राज
दरअसल, मृतका के पैर के तलवे में गोबर लगा था लेकिन घटना स्थल पर मृतका के जो चप्पल मिले उस पर गोबर नहीं लगा था. मृतका का पैर घटना स्थल पर मिले चप्पल के साइज से बड़े थे. मृतका की भाभी ने बताया कि वो सात नम्बर चप्पल पहनती थी लेकिन घटनास्थल पर मिली चप्पल चार नम्बर की थीं. इसी से पुलिस को घरवालों पर संदेह हुआ.

इसके अलावा एक और बात ने पुलिस के शक को यकीन में बदल दिया जब घटना स्थल के बगल खेत मे काम कर रहे युवक ने बताया कि सुबह करीब आठ बजे मृतका के पिता ने उससे पूछा था कि उसकी लड़की को तो नहीं देखा. जबकि पिता ने पुलिस को बताया कि घर से उसकी लड़की नौ बजे निकली थी. पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो हत्या का खुलासा हुआ.

क्या थी हत्या की वजह
दरअसल, मृतका मंदबुद्धि और निशक्त थी. वह गंदे तरीके से रहती थी. किसी रिश्तेदार के सामने इसकी पागलपन वाली हरकतों से परिवार के लोगों को शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी. युवती का भाई हरिओम कोटेदार है. अक्सर तमाम अधिकारी भी जाया करते थे. उनके सामने युवती आ जाती थी जिससे उसे बेइज्जती लगती थी. बहन की इन हरकतों से हरिओम आजिज आ गया था. उसे मार डालने के लिए अपने मां-बाप से कहता था. आखिरकार हरिओम ने हत्या के लिए मां-बाप को राजी कर लिया.

भाई ने दबाया गला तो मां ने दबा रखे थे पैर
16 जनवरी को हरिओम ने मां मीनाकुमारी और पिता मंशाराम के साथ बैठकर योजना बनाई. देर रात में मृतका को ये लोग खेत पर लेकर गए. हरिओम ने युवती का गला दबाया जबकि मां ने पैर पकड़ रखे थे. वहीं पिता रास्ते मे खड़ा होकर निगरानी कर रहा था. युवती मर जाये लिहाजा हरिओम ने दुपट्टा उसके गले मे लपेट कर फिर से कस दिया. फिर युवती के नीचे के कपड़े निकाले और प्राइवेट पार्ट पर डंडे से कई वार किए ताकि बलात्कार का रूप दिया जा सके. उसके बाद मां की चप्पल और डब्बा वही पास में रख दिया.

आर्थिक लाभ का भी रहा लालच
हत्यारों ने सोचा था कि एक तो उन्हें लड़की की मंदबुद्धि होने के चलते होने वाली बेइज्जती से छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही उन्हें सरकारी आर्थिक लाभ भी मिल जाएगा. तमाम राजनीतिक दलों की संवेदना उनके साथ हो जाएंगी. उन्हें इसका आर्थिक लाभ मिलेगा.

बाराबंकीः गत दिनों मंदबुद्धि दलित युवती की निर्मम हत्याकांड का पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया है. खुलास में मामला ऑनर किलिंग का निकला. सगे मां-बाप और भाई ने मिलकर ही अपने हाथों से युवती की हत्या की थी. यही नहीं आरोपी परिजनों ने इस वारदात को दुष्कर्म के बाद हत्या का रंग भी दे डाला. इस वारदात की गूंज राजधानी तक पहुंची थी. आईजी और एडीजी ने घटनास्थल का मुआयना किया था. पिछले एक हफ्ते से पुलिस हत्याकांड को लेकर परेशान थी लेकिन मृतका के पैर में लगे गोबर ने वारदात का पर्दाफाश कर दिया. पुलिस ने युवती के मां, बाप और भाई को गिरफ्तार कर लिया है.

तकरीबन 50 लोगों से की गई पूछताछ.

17 जनवरी को बरामद हुआ था शव
बीती 17 जनवरी को जैदपुर थाना क्षेत्र के बीबीपुर गांव के निकट एक दलित युवती का शव बरामद हुआ था. शव की शिनाख्त कोठी थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती के रूप में हुई थी. शव को देखकर आशंका जताई गई कि युवती के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई है. शव गांव के किनारे एक सरसों के खेत मे पाया गया था. उससे थोड़ी दूरी पर चप्पल और एक डब्बा मिला था. मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. वारदात के खुलासे के लिए पुलिस की पांच टीमें बना दी गईं.

भाई की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा
मृतका युवती मंदबुद्धि और दिव्यांग थी. उसके भाई और मां-बाप ने दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाया था. युवती के भाई की तहरीर पर दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. भाई के मुताबिक युवती 17 जनवरी को सुबह घर से शौच के लिए निकली थी. बाद में उसकी खोज खबर शुरू की गई तो शाम को उसका शव बरामद हुआ था.

राजधानी तक मच था हड़कम्प
दलित युवती की दुष्कर्म के बाद हत्या की खबर पर राजधानी तक हड़कम्प मच गया था. तमाम राजनीतिक दलों ने हत्यारों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग शुरू कर दी थी. आईजी और फिर एडीजी ने भी मौका मुआयना कर घटना के खुलासे के निर्देश दिए थे.

खुलासे में लगी थी पांच टीमें
लगातार पांच टीमें गांव में कैम्प कर इस घटना के खुलासे में लगी थी. डिजिटल डेटा और मैनुअल साक्ष्यों के आधार पर पड़ताल की जा रही थी. तकरीबन 50 लोगों से पूछताछ की गई लेकिन नतीजा कुछ न निकला. दोबारा फिर से सीन रीक्रिएट किया गया लेकिन जब युवती के पैरों पर लगे गोबर पर गौर किया तो हत्या का राजफाश हो गया.

युवती के पैर में लगे गोबर ने खोला राज
दरअसल, मृतका के पैर के तलवे में गोबर लगा था लेकिन घटना स्थल पर मृतका के जो चप्पल मिले उस पर गोबर नहीं लगा था. मृतका का पैर घटना स्थल पर मिले चप्पल के साइज से बड़े थे. मृतका की भाभी ने बताया कि वो सात नम्बर चप्पल पहनती थी लेकिन घटनास्थल पर मिली चप्पल चार नम्बर की थीं. इसी से पुलिस को घरवालों पर संदेह हुआ.

इसके अलावा एक और बात ने पुलिस के शक को यकीन में बदल दिया जब घटना स्थल के बगल खेत मे काम कर रहे युवक ने बताया कि सुबह करीब आठ बजे मृतका के पिता ने उससे पूछा था कि उसकी लड़की को तो नहीं देखा. जबकि पिता ने पुलिस को बताया कि घर से उसकी लड़की नौ बजे निकली थी. पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो हत्या का खुलासा हुआ.

क्या थी हत्या की वजह
दरअसल, मृतका मंदबुद्धि और निशक्त थी. वह गंदे तरीके से रहती थी. किसी रिश्तेदार के सामने इसकी पागलपन वाली हरकतों से परिवार के लोगों को शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी. युवती का भाई हरिओम कोटेदार है. अक्सर तमाम अधिकारी भी जाया करते थे. उनके सामने युवती आ जाती थी जिससे उसे बेइज्जती लगती थी. बहन की इन हरकतों से हरिओम आजिज आ गया था. उसे मार डालने के लिए अपने मां-बाप से कहता था. आखिरकार हरिओम ने हत्या के लिए मां-बाप को राजी कर लिया.

भाई ने दबाया गला तो मां ने दबा रखे थे पैर
16 जनवरी को हरिओम ने मां मीनाकुमारी और पिता मंशाराम के साथ बैठकर योजना बनाई. देर रात में मृतका को ये लोग खेत पर लेकर गए. हरिओम ने युवती का गला दबाया जबकि मां ने पैर पकड़ रखे थे. वहीं पिता रास्ते मे खड़ा होकर निगरानी कर रहा था. युवती मर जाये लिहाजा हरिओम ने दुपट्टा उसके गले मे लपेट कर फिर से कस दिया. फिर युवती के नीचे के कपड़े निकाले और प्राइवेट पार्ट पर डंडे से कई वार किए ताकि बलात्कार का रूप दिया जा सके. उसके बाद मां की चप्पल और डब्बा वही पास में रख दिया.

आर्थिक लाभ का भी रहा लालच
हत्यारों ने सोचा था कि एक तो उन्हें लड़की की मंदबुद्धि होने के चलते होने वाली बेइज्जती से छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही उन्हें सरकारी आर्थिक लाभ भी मिल जाएगा. तमाम राजनीतिक दलों की संवेदना उनके साथ हो जाएंगी. उन्हें इसका आर्थिक लाभ मिलेगा.

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