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बाराबंकी सड़क हादसा: घटना के लिए NHAI जिम्मेदार, टोल प्लाजा कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

बाराबंकी में 28 जुलाई को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ था. इस हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं इस हादसे को लेकर एनएचएआई को जिम्मेदार ठहराते हुए टोल प्लाजा कर्मियों समेत ट्रक मालिक, बस चालक और ट्रक चालक पर दो एफआईआर दर्ज कराई गई हैं.

टोल प्लाजा कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
टोल प्लाजा कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
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Published : Jul 29, 2021, 12:18 PM IST

Updated : Jul 29, 2021, 12:28 PM IST

बाराबंकी: जिले में 28 जुलाई को हुए दर्दनाक सड़क हादसे को लेकर एनएचएआई को जिम्मेदार ठहराते हुए टोल प्लाजा कर्मियों समेत ट्रक मालिक, ट्रैवेल एजेंसी, बस चालक और ट्रक चालक की लापरवाही उजागर हुई है. जिसको लेकर थाना रामसनेहीघाट में दो एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. एक एफआईआर इस हादसे में जान गंवाने वाले मोनू साहनी के भाई फगुनी साहनी की तरफ से दर्ज हुई है, तो दूसरी बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रवर्तन की ओर से दर्ज कराई गई है.

बताते चलें कि हरियाणा से चलकर बिहार जा रही बस बुधवार की रात रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र के लखनऊ-अयोध्या हाइवे पर कल्याणी नदी पुल के समीप दुर्घटना का शिकार हो गई थी, जिसमे 19 लोगों की मौत हो गई थी और 16 घायल हो गए थे.

19 लोगों की हुई थी मौत
दरअसल, बिहार प्रदेश के सीतामढ़ी, माधोपुरा, सुपौल, सहरसा और शिवहर समेत कई जिलों के रहने वाले मजदूर हर वर्ष जून महीने में पंजाब और हरियाणा प्रान्त मजदूरी पर धान रोपने जाते हैं. बीती 13 जून को ये मजदूर पहुंचे थे. धान की रोपाई खत्म कर ये लोग वापस लौट रहे थे. एक ही बस पर तकरीबन 140 मजदूर सवार थे. जैसे ही इनकी बस बाराबंकी जिले की रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र के लखनऊ- अयोध्या हाइवे पर कल्याणी नदी के पुल के करीब पहुंचे कि बस का एक्सेल टूट गया. लिहाजा बस ड्राइवर और क्लीनर बस की मरम्मत का प्रबंध करने लगे. बस से सारे यात्री उतर आए. रात होने के चलते कुछ यात्री बस के आगे सड़क पर बैठ कर आराम करने लगे और तमाम उसके आस-पास टहल रहे थे. इसी बीच लखनऊ की ओर से आ रही तेज रफ्तार बस ने बस को बुरी तरह टक्कर मार दी थी. जिससे 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. तकरीबन दर्जन भर से ज्यादा घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया, जिनमे 4 की मौत इलाज के दौरान हो गई थी.

इसे भी पढ़ें-बाराबंकी सड़क हादसा: बस और ट्रक की टक्कर में 19 की मौत, मोदी-योगी ने जताया दुख

इस मामले में एआरटीओ ने माना कि एक्सेल टूटने और दुर्घटना घटित होने के बीच तकरीबन साढ़े 4 घंटे का समय था, लेकिन सम्बंधित टोल प्लाजा द्वारा पेट्रोलिंग नहीं की गई और न ही बस के सम्बंध में कोई मदद पहुंचाई गई. यदि टोल कर्मियों द्वारा इसे गम्भीरता से लिया गया होता और पेट्रोलिंग की गई होती तो दुर्घटना को रोका जा सकता था. एआरटीओ ने एनएचएआई को हादसे का जिम्मेदार बताया है. ऐसे में बस चालक, ट्रक चालक, ट्रैवेल एजेंसी समेत टोल प्लाजा कर्मियों की लापरवाही सामने आई है. इस मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन राहुल श्रीवास्तव की तहरीर पर रामसनेही घाट थाने में दोनों वाहन स्वामियों, अज्ञात चालकों तथा सम्बंधित टोल प्लाजा कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है.

बाराबंकी: जिले में 28 जुलाई को हुए दर्दनाक सड़क हादसे को लेकर एनएचएआई को जिम्मेदार ठहराते हुए टोल प्लाजा कर्मियों समेत ट्रक मालिक, ट्रैवेल एजेंसी, बस चालक और ट्रक चालक की लापरवाही उजागर हुई है. जिसको लेकर थाना रामसनेहीघाट में दो एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. एक एफआईआर इस हादसे में जान गंवाने वाले मोनू साहनी के भाई फगुनी साहनी की तरफ से दर्ज हुई है, तो दूसरी बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रवर्तन की ओर से दर्ज कराई गई है.

बताते चलें कि हरियाणा से चलकर बिहार जा रही बस बुधवार की रात रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र के लखनऊ-अयोध्या हाइवे पर कल्याणी नदी पुल के समीप दुर्घटना का शिकार हो गई थी, जिसमे 19 लोगों की मौत हो गई थी और 16 घायल हो गए थे.

19 लोगों की हुई थी मौत
दरअसल, बिहार प्रदेश के सीतामढ़ी, माधोपुरा, सुपौल, सहरसा और शिवहर समेत कई जिलों के रहने वाले मजदूर हर वर्ष जून महीने में पंजाब और हरियाणा प्रान्त मजदूरी पर धान रोपने जाते हैं. बीती 13 जून को ये मजदूर पहुंचे थे. धान की रोपाई खत्म कर ये लोग वापस लौट रहे थे. एक ही बस पर तकरीबन 140 मजदूर सवार थे. जैसे ही इनकी बस बाराबंकी जिले की रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र के लखनऊ- अयोध्या हाइवे पर कल्याणी नदी के पुल के करीब पहुंचे कि बस का एक्सेल टूट गया. लिहाजा बस ड्राइवर और क्लीनर बस की मरम्मत का प्रबंध करने लगे. बस से सारे यात्री उतर आए. रात होने के चलते कुछ यात्री बस के आगे सड़क पर बैठ कर आराम करने लगे और तमाम उसके आस-पास टहल रहे थे. इसी बीच लखनऊ की ओर से आ रही तेज रफ्तार बस ने बस को बुरी तरह टक्कर मार दी थी. जिससे 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. तकरीबन दर्जन भर से ज्यादा घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया, जिनमे 4 की मौत इलाज के दौरान हो गई थी.

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इस मामले में एआरटीओ ने माना कि एक्सेल टूटने और दुर्घटना घटित होने के बीच तकरीबन साढ़े 4 घंटे का समय था, लेकिन सम्बंधित टोल प्लाजा द्वारा पेट्रोलिंग नहीं की गई और न ही बस के सम्बंध में कोई मदद पहुंचाई गई. यदि टोल कर्मियों द्वारा इसे गम्भीरता से लिया गया होता और पेट्रोलिंग की गई होती तो दुर्घटना को रोका जा सकता था. एआरटीओ ने एनएचएआई को हादसे का जिम्मेदार बताया है. ऐसे में बस चालक, ट्रक चालक, ट्रैवेल एजेंसी समेत टोल प्लाजा कर्मियों की लापरवाही सामने आई है. इस मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन राहुल श्रीवास्तव की तहरीर पर रामसनेही घाट थाने में दोनों वाहन स्वामियों, अज्ञात चालकों तथा सम्बंधित टोल प्लाजा कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है.

Last Updated : Jul 29, 2021, 12:28 PM IST
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