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बालिका से दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोपी दोषी करार, 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा - रेप दोषी 20 साल कैद

बाराबंकी की बालिका से दो साल पहले युवक ने रेप का प्रयास (Barabanki teenager rape verdict) किया था. पुलिस ने आरोपी पर मुकदमा दर्ज किया था. मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी.

किशोरी से रेप में सजा.
किशोरी से रेप में सजा.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2023, 9:55 PM IST

बाराबंकी : दो साल पहले बालिका के साथ दुष्कर्म करने के प्रयास और उसे जान से मारने की धमकी देने के मामले में बाराबंकी की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वर ने सुनाया. कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि दोषी द्वारा अदा किए जाने वाली जुर्माने की रकम पीड़िता को दी जाए.

दो साल पहले हुई थी घटना.
दो साल पहले हुई थी घटना.

शादी समारोह में जा रही थी बालिका : विशेष लोक अभियोजक मनीषा झा ने बताया कि बदोसराय थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी महिला ने 02 दिसम्बर 2021 को थाने में पहुंचकर तहरीर देकर बताया कि 01 दिसम्बर को शाम करीब सात बजे उसकी 10 वर्षीय पुत्री गांव से बाहर एक शादी समारोह में जा रही थी. उसके साथ उसकी सात वर्षीय भतीजी और 13 वर्षीय भाई भी था. रास्ते में अलवास पुत्र नरेश ने उसकी पुत्री को दालमोठ खिलाने के बहाने बहला-फुसला कर पास में ही एक सुनसान जगह पर ले गया. वहां उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया.पीड़िता के चिल्लाने पर उसके साथ गए भाई और भतीजी दौड़कर पहुंचे. इसके बाद आरोपी अलवास गालियां और जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकला.

पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया.
पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया.

पुलिस ने दाखिल की थी चार्जशीट : मामले में 02 दिसम्बर को आरोपी अलवास उर्फ अल्बख्श पुत्र नरेश के विरुद्ध बदोसराय पुलिस ने धारा 376, 504, 506 आईपीसी और 5/6 पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर विवेचना करते हुए आरोपी अलवास उर्फ अल्बख्श के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में अभियोजन ने कई ठोस गवाह प्रस्तुत कर उनकी गवाही कराई. कोर्ट ने दोनों पक्षों के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद आरोपी अलवास को दोषी करार दिया. अपर सत्र न्यायाधीश /विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वरम ने दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.

यह भी पढ़ें : किशोरियों के साथ दुष्कर्म से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में दोषियों को सजा

दलित किशोरी से रेप के दोषी को आजीवन कारावास, साढ़े छह साल पहले हुई थी घटना

बाराबंकी : दो साल पहले बालिका के साथ दुष्कर्म करने के प्रयास और उसे जान से मारने की धमकी देने के मामले में बाराबंकी की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वर ने सुनाया. कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि दोषी द्वारा अदा किए जाने वाली जुर्माने की रकम पीड़िता को दी जाए.

दो साल पहले हुई थी घटना.
दो साल पहले हुई थी घटना.

शादी समारोह में जा रही थी बालिका : विशेष लोक अभियोजक मनीषा झा ने बताया कि बदोसराय थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी महिला ने 02 दिसम्बर 2021 को थाने में पहुंचकर तहरीर देकर बताया कि 01 दिसम्बर को शाम करीब सात बजे उसकी 10 वर्षीय पुत्री गांव से बाहर एक शादी समारोह में जा रही थी. उसके साथ उसकी सात वर्षीय भतीजी और 13 वर्षीय भाई भी था. रास्ते में अलवास पुत्र नरेश ने उसकी पुत्री को दालमोठ खिलाने के बहाने बहला-फुसला कर पास में ही एक सुनसान जगह पर ले गया. वहां उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया.पीड़िता के चिल्लाने पर उसके साथ गए भाई और भतीजी दौड़कर पहुंचे. इसके बाद आरोपी अलवास गालियां और जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकला.

पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया.
पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया.

पुलिस ने दाखिल की थी चार्जशीट : मामले में 02 दिसम्बर को आरोपी अलवास उर्फ अल्बख्श पुत्र नरेश के विरुद्ध बदोसराय पुलिस ने धारा 376, 504, 506 आईपीसी और 5/6 पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर विवेचना करते हुए आरोपी अलवास उर्फ अल्बख्श के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में अभियोजन ने कई ठोस गवाह प्रस्तुत कर उनकी गवाही कराई. कोर्ट ने दोनों पक्षों के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद आरोपी अलवास को दोषी करार दिया. अपर सत्र न्यायाधीश /विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वरम ने दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.

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