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बांदा: प्रचार-प्रसार के अभाव में वृद्धजनों का सहारा नहीं बन पा रहा एकलौता वृद्धाश्रम - बांदा में वृद्ध आश्रम

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्ध आश्रम में क्षमता के अनुरूप वृद्ध जन नहीं है. इसको लेकर अधिकारी अब प्रचार-प्रसार करवाने की बात कह रहे हैं.

बांदा समाज कल्याण विभाग.
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Published : Jul 28, 2019, 3:09 PM IST

बांदा: बुंदेलखंड के बांदा में अपने द्वारा ठुकराए या जिनका अपना कोई नहीं ऐसी बुजुर्गों को सहारा देने के लिए संचालित एकलौता वृद्ध आश्रम बुजुर्गों का सहारा नहीं बन पा रहा है. प्रचार-प्रसार के अभाव में यहां क्षमता के अनुरूप वृद्धजन नहीं है. समाज कल्याण विभाग की देखरेख में संचालित इस वृद्ध आश्रम में डेढ़ सौ लोगों के रहने की क्षमता है, जबकि यहां सिर्फ 50 बुजुर्ग ही हैं. अब विभाग द्वारा इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा.

वृद्ध आश्रम में क्षमता के अनुरूप वृद्ध नहीं है.
  • बांदा शहर के बाहर मेडिकल कॉलेज रोड पर सन् 2015 से एक वृद्धा आश्रम संचालित है.
  • इस वृद्ध आश्रम में 150 वृद्धों के रहने की क्षमता है, जबकि यहां पर सिर्फ 50 बुजुर्ग ही हैं.
  • प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों को इस वृद्ध आश्रम के बारे में जानकारी नहीं है.
  • इस कारण से यहां पर क्षमता के अनुरूप एक तिहाई बुजुर्ग ही है.
  • समाज कल्याण विभाग की देखरेख में लखनऊ की एक संस्था इस वृद्धाश्रम का संचालन कर रही है.
  • प्रचार-प्रसार के अभाव में यह वृद्ध आश्रम अपनों द्वारा ठुकराए या जिनका अपना कोई नहीं है, ऐसे बुजुर्गों का सहारा नहीं बन पा रहा है.
  • व्यवस्थाओं को लेकर यहां रह रहे बुजुर्गों ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं अच्छी हैं. यहां पर किसी भी चीज की कोई कमी नहीं हैं.

यहां पर क्षमता के अनुरूप बुजुर्गों नहीं है. दूरदराज के क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार जितना होना चाहिए उतना नहीं हो सका है. जिसके चलते यहां पर बुजुर्गों की कमी है, लेकिन अब इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा और यह वृद्ध आश्रम बुजुर्गों का सहारा बनेगा.
-श्याम स्वरूप त्रिवेदी, कार्यक्रम प्रबंधक


समय-समय पर यहां पर निरीक्षण करती रहती हूं और अभी हाल ही में जब निरीक्षण किया था तो 49 वृद्ध यहां उन्हें मिले थे. प्रचार-प्रसार करवाया जाता है .अभी और व्यापक प्रचार-प्रसार करवाया जाएगा.
-गीता सिंह, समाज कल्याण अधिकारी

बांदा: बुंदेलखंड के बांदा में अपने द्वारा ठुकराए या जिनका अपना कोई नहीं ऐसी बुजुर्गों को सहारा देने के लिए संचालित एकलौता वृद्ध आश्रम बुजुर्गों का सहारा नहीं बन पा रहा है. प्रचार-प्रसार के अभाव में यहां क्षमता के अनुरूप वृद्धजन नहीं है. समाज कल्याण विभाग की देखरेख में संचालित इस वृद्ध आश्रम में डेढ़ सौ लोगों के रहने की क्षमता है, जबकि यहां सिर्फ 50 बुजुर्ग ही हैं. अब विभाग द्वारा इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा.

वृद्ध आश्रम में क्षमता के अनुरूप वृद्ध नहीं है.
  • बांदा शहर के बाहर मेडिकल कॉलेज रोड पर सन् 2015 से एक वृद्धा आश्रम संचालित है.
  • इस वृद्ध आश्रम में 150 वृद्धों के रहने की क्षमता है, जबकि यहां पर सिर्फ 50 बुजुर्ग ही हैं.
  • प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों को इस वृद्ध आश्रम के बारे में जानकारी नहीं है.
  • इस कारण से यहां पर क्षमता के अनुरूप एक तिहाई बुजुर्ग ही है.
  • समाज कल्याण विभाग की देखरेख में लखनऊ की एक संस्था इस वृद्धाश्रम का संचालन कर रही है.
  • प्रचार-प्रसार के अभाव में यह वृद्ध आश्रम अपनों द्वारा ठुकराए या जिनका अपना कोई नहीं है, ऐसे बुजुर्गों का सहारा नहीं बन पा रहा है.
  • व्यवस्थाओं को लेकर यहां रह रहे बुजुर्गों ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं अच्छी हैं. यहां पर किसी भी चीज की कोई कमी नहीं हैं.

यहां पर क्षमता के अनुरूप बुजुर्गों नहीं है. दूरदराज के क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार जितना होना चाहिए उतना नहीं हो सका है. जिसके चलते यहां पर बुजुर्गों की कमी है, लेकिन अब इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा और यह वृद्ध आश्रम बुजुर्गों का सहारा बनेगा.
-श्याम स्वरूप त्रिवेदी, कार्यक्रम प्रबंधक


समय-समय पर यहां पर निरीक्षण करती रहती हूं और अभी हाल ही में जब निरीक्षण किया था तो 49 वृद्ध यहां उन्हें मिले थे. प्रचार-प्रसार करवाया जाता है .अभी और व्यापक प्रचार-प्रसार करवाया जाएगा.
-गीता सिंह, समाज कल्याण अधिकारी

Intro:SLUG- प्रचार प्रसार के अभाव में वृद्धजनों का सहारा नहीं बन पा रहा एकलौता वृद्धाश्रम
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 27.07.19
ANCHOR- बुंदेलखंड के बांदा में अपने द्वारा ठुकराए या जिनका अपना कोई नहीं ऐसी बुजुर्गों को सहारा देने के लिए संचालित एकलौता वृद्ध आश्रम इन बुजुर्गों का सहारा नहीं बन पा रहा है । प्रचार-प्रसार के अभाव में यहां क्षमता की एक तिहाई ही वृद्ध हैं । समाज कल्याण विभाग की देखरेख में संचालित इस वृद्ध आश्रम में डेढ़ सौ लोगों के रहने की क्षमता है जिसमें यहां पर सिर्फ 50 बुजुर्ग ही हैं। हालांकि अधिकारी अब इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने की बात कह रहे हैं ।


Body:वीओ- आपको बता देंगी बांदा शहर के बाहर मेडिकल कॉलेज रोड पर सन 2015 से एक वृद्धाश्रम संचालित है । जिसमे 150 वृद्धों के रहने की क्षमता है जिसमें यहां पर सिर्फ 50 बुजुर्ग ही है । प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों को इस वृद्ध आश्रम के बारे में जानकारी नहीं है जिसके चलते यहां पर क्षमता के अनुरूप एक तिहाई बुजुर्ग ही है । समाज कल्याण विभाग की देखरेख में लखनऊ की एक संस्था इस वृद्धाश्रम का का संचालन कर रही है। लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में अपनों द्वारा ठुकराए या जिनका अपना कोई नहीं ऐसे बुजुर्गों का यह वृद्धाश्रम सहारा नहीं बन पा रहा है।


Conclusion:वीओ- यार व्यवस्थाओं को लेकर यहां पर रह रहे बुजुर्गों ने बताया कि यहां पर सभी व्यवस्थाएं अच्छी हैं यहां पर किसी भी चीज की कोई कमी नहीं हैं।

वीओ- वही यहां के कार्यक्रम प्रबंधक श्याम स्वरूप त्रिवेदी ने यहां पर क्षमता के अनुरूप बुजुर्गों के ना होने के बारे में बताया कि दूरदराज के क्षेत्रों में प्रचार प्रसार जितना होना चाहिए उतना नहीं हो सका है जिसके चलते यहां पर बुजुर्गों की कमी है । लेकिन अब इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा और यह वृद्ध आश्रम बुजुर्गों का सहारा बनेगा

वीओ- वही समाज कल्याण अधिकारी गीता सिंह के मुताबिक वह समय-समय पर यहां पर निरीक्षण करती रहती हैं । और अभी हाल ही में जब उन्होंने निरीक्षण किया था तो 49 वृद्ध यहां उन्हें मिले थे । उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार करवाया जाता है लेकिन फिर भी अभी और व्यापक प्रचार-प्रसार करवाया जाएगा ।

बाइट: राजाराम, बुजुर्ग
बाइट: भुजवा, बुजुर्ग
बाइट: श्यामस्वरूप त्रिवेदी, कार्यक्रम प्रबंधक
बाइट: गीता सिंह, समाज कल्याण अधिकारी

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076
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