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आज भी पाकिस्तान की जेल में कैद हैं इस गांव के लोग

बांदा जिले के एक गांव के कई लोग आज भी पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं. इनके आने की राह उनके परिजन सालों से देख रहे हैं, लेकिन अब उनकी आंखे पथराने लगी हैं. आखिर वो क्यों पाकिस्तान की जेल में कैद हैं, क्या है वजह... देखिए हमारी ये स्पेशल रिपोर्ट...

पाकिस्तान की जेल में कैंद हैं इस गांव के लोग
पाकिस्तान की जेल में कैंद हैं इस गांव के लोग
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Published : Jun 2, 2021, 9:08 PM IST

Updated : Jun 2, 2021, 10:21 PM IST

बांदा : जिले में एक गांव ऐसा है जहां के कई लोग आज भी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. कई लोग ऐसे भी हैं जो पाकिस्तान की जेल से छूटकर आ भी गए हैं. मगर कई लोगों के परिजन आज भी उनके आने की आस में राह ताक रहे हैं. जो लोग जेल में बंद हैं वो किस हाल में हैं, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं मालूम. उन्हें जेल से छुड़वाने के लिए उनके अपनों ने शासन, प्रशासन और सरकार से कई बार गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कहीं से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.

पाकिस्तान की जेल में कैद हैं इस गांव के लोग

इस वजह से पाकिस्तान की करांची जेल में बंद हैं लोग
दरअसल, गुजरात के ओखा बंदरगाह से मछलियों को समुद्र से पकड़ने का काम किया जाता है. बड़े पैमाने पर मछुआरे यहां पर मछलियों को पकड़ने का काम करते हैं. मछलियों को पकड़ने के लिए कई कंपनियां मछुआरों को नौकरी देती है. बांदा के जसईपुर गांव के मछुआरे भी वहां पर जाकर समुद्र से मछलियों को पकड़ने का काम करते हैं. इसके बदले उन्हें अच्छा पैसा भी मिलता है. इससे उनका और उनके परिवार का गुजर-बसर होता है. मगर जब ये लोग अपनी स्ट्रीमर लेकर मछली पकड़ने के लिए समुद्र के बीच में जाते हैं, तो इन्हें भारत व पाकिस्तान की सीमा का पता नहीं चल पाता. समुद्र की ऊंची उठती लहरों के बीच मछुआरे पाकिस्तान की सरहद में पहुंच जाते हैं. जिसके बाद पाकिस्तान की नौसेना इन्हें पकड़ लेती है, और फिर इन्हें कराची जेल में बंद कर देती है.
जसईपुर गांव के 3 लोग हैं करांची जेल में कैद
जसईपुर गांव के रहने वाले 3 मछुआरे आज भी पाकिस्तान की कराची जेल में कैद हैं. गांव के रहने वाले रफीक, रोहित और बच्ची करांची जेल में बंद हैं. जानकारी के मुताबिक रफीक 3 महीने पहले मछली पकड़ने के लिए गया था, जिसे पाकिस्तान की सेना ने पकड़ लिया था. तो वहीं रोहित पिछले लगभग 3 साल से कराची की जेल में बंद है. इसके अलावा विवेक उर्फ बच्ची नाम का मछुआरा लगभग साढ़े 4 साल से कराची की जेल में बंद है.
मछुवारों के परिजनों के सामने है रोजी रोटी का संकट
पाकिस्तान की कराची जेल में बंद विवेक उर्फ बच्ची के माता-पिता ने बताया कि विवेक लगभग साढ़े 4 साल से वहां बंद है, और उसके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है. पहले तो चिट्ठी आ जाती थी, लेकिन अब किसी भी तरह की कोई सूचना नहीं मिलती. हम चाहते हैं कि हमारा विवेक जल्द पाकिस्तान से छूटकर यहां आ जाए, हमारा वही सहारा था. उसके ना रहने से किसी तरह मेहनत मजदूरी कर हम अपना पेट पाल रहे हैं.
'पाकिस्तान की जेल में हम थे परेशान'
पाकिस्तान की जेल से छूटकर आए मछुआरों ने बताया कि वहां की जेलों में हम बहुत परेशान थे. खाने पीने की वहां पर बहुत समस्या है. हालांकि हमारे साथ मारपीट वगैरह तो नहीं होती थी, मगर जेल तो जेल ही होती है. कुछ मछुआरों ने कहा कि रोजी-रोटी के लिए हमें मछली पकड़ने जाना पड़ता है. लेकिन कुछ लोगों कहना था कि अब वो गुजरात न जाकर मुंबई की तरफ जाएंगे. क्योंकि वहां पाकिस्तान की सीमा नहीं है.

बांदा : जिले में एक गांव ऐसा है जहां के कई लोग आज भी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. कई लोग ऐसे भी हैं जो पाकिस्तान की जेल से छूटकर आ भी गए हैं. मगर कई लोगों के परिजन आज भी उनके आने की आस में राह ताक रहे हैं. जो लोग जेल में बंद हैं वो किस हाल में हैं, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं मालूम. उन्हें जेल से छुड़वाने के लिए उनके अपनों ने शासन, प्रशासन और सरकार से कई बार गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कहीं से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.

पाकिस्तान की जेल में कैद हैं इस गांव के लोग

इस वजह से पाकिस्तान की करांची जेल में बंद हैं लोग
दरअसल, गुजरात के ओखा बंदरगाह से मछलियों को समुद्र से पकड़ने का काम किया जाता है. बड़े पैमाने पर मछुआरे यहां पर मछलियों को पकड़ने का काम करते हैं. मछलियों को पकड़ने के लिए कई कंपनियां मछुआरों को नौकरी देती है. बांदा के जसईपुर गांव के मछुआरे भी वहां पर जाकर समुद्र से मछलियों को पकड़ने का काम करते हैं. इसके बदले उन्हें अच्छा पैसा भी मिलता है. इससे उनका और उनके परिवार का गुजर-बसर होता है. मगर जब ये लोग अपनी स्ट्रीमर लेकर मछली पकड़ने के लिए समुद्र के बीच में जाते हैं, तो इन्हें भारत व पाकिस्तान की सीमा का पता नहीं चल पाता. समुद्र की ऊंची उठती लहरों के बीच मछुआरे पाकिस्तान की सरहद में पहुंच जाते हैं. जिसके बाद पाकिस्तान की नौसेना इन्हें पकड़ लेती है, और फिर इन्हें कराची जेल में बंद कर देती है.
जसईपुर गांव के 3 लोग हैं करांची जेल में कैद
जसईपुर गांव के रहने वाले 3 मछुआरे आज भी पाकिस्तान की कराची जेल में कैद हैं. गांव के रहने वाले रफीक, रोहित और बच्ची करांची जेल में बंद हैं. जानकारी के मुताबिक रफीक 3 महीने पहले मछली पकड़ने के लिए गया था, जिसे पाकिस्तान की सेना ने पकड़ लिया था. तो वहीं रोहित पिछले लगभग 3 साल से कराची की जेल में बंद है. इसके अलावा विवेक उर्फ बच्ची नाम का मछुआरा लगभग साढ़े 4 साल से कराची की जेल में बंद है.
मछुवारों के परिजनों के सामने है रोजी रोटी का संकट
पाकिस्तान की कराची जेल में बंद विवेक उर्फ बच्ची के माता-पिता ने बताया कि विवेक लगभग साढ़े 4 साल से वहां बंद है, और उसके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है. पहले तो चिट्ठी आ जाती थी, लेकिन अब किसी भी तरह की कोई सूचना नहीं मिलती. हम चाहते हैं कि हमारा विवेक जल्द पाकिस्तान से छूटकर यहां आ जाए, हमारा वही सहारा था. उसके ना रहने से किसी तरह मेहनत मजदूरी कर हम अपना पेट पाल रहे हैं.
'पाकिस्तान की जेल में हम थे परेशान'
पाकिस्तान की जेल से छूटकर आए मछुआरों ने बताया कि वहां की जेलों में हम बहुत परेशान थे. खाने पीने की वहां पर बहुत समस्या है. हालांकि हमारे साथ मारपीट वगैरह तो नहीं होती थी, मगर जेल तो जेल ही होती है. कुछ मछुआरों ने कहा कि रोजी-रोटी के लिए हमें मछली पकड़ने जाना पड़ता है. लेकिन कुछ लोगों कहना था कि अब वो गुजरात न जाकर मुंबई की तरफ जाएंगे. क्योंकि वहां पाकिस्तान की सीमा नहीं है.
Last Updated : Jun 2, 2021, 10:21 PM IST
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