बांदा: कोरोना वायरस को लेकर संपूर्ण लॉक डाउन के बीच मनरेगा मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है और उनको सरकार की ओर से सामान उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है. लेकिन शहरों में हजारों की तादाद में आवारा जानवरों हैं जिनके आगे खाने की समस्या खड़ी हो गयी है. जिसके चलते यह कूड़ा कचरा और कागज खाने को मजबूर हैं.
वहीं कुछ समाजसेवी शहरों में आवारा घूमने वाले कुछ जानवरों को चारा दे देते हैं. इसके बावजूद भूख लगने पर यह जानवर कूड़ा कचरा और कागज खा रहे हैं. अन्य क्षेत्रों की तुलना में बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा गोवंश पाए जाते हैं. मौजूदा समय में देश में पूर्ण लॉकडाउन है. जिसके चलते शहरों में घूमने में यह आवारा जानवर अब भूख की वजह से मरने की कगार पर हैं.
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पहले यह जानवर सब्जी की दुकानों या होटलों आदि से निकलने वाली चीजों से अपना पेट भर लेते थे. लेकिन अब लॉकडाउन के चलते ये सारी दुकानें और मंडियां बंद हो गईं जिसके चलते इन जानवरों के सामने भी पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है.