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बांदा: गुलाबी गैंग की कमांडर ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

यूपी के बांदा में गुलाबी गैंग की कमांडर ने डीएम को एक सौंपा है. दरअसल कमांडर ने दबंगों पर एक परिवार से मारपीट का आरोप लगाया है. कमांडर ने मामले में पुलिस की सहभागिता की भी बात कही है.

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गुलाबी गैंग की कमांडर पहुुंची डीएम ऑफिस
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Published : Jul 15, 2020, 6:30 PM IST

बांदा: गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल बुधवार को एक परिवार के साथ डीएम कार्यालय पहुंचीं. यहां कमांडर ने जमीन विवाद को लेकर दबंगों पर परिवार को धमकाने का आरोप लगाया. इसके साथ ही पुलिस के अधिकारियों पर दबंगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. कमांडर ने पीड़ित परिवार को जान का खतरा बताते हुए विपक्षियों के लाइसेंसों को निरस्त करने की मांग की.

क्या है पूरा मामला
बता दें कि गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल बिसंडा थाना क्षेत्र के बुरई माफी गांव के रहने वाले शंभू यादव के परिवार के साथ डीएम कार्यालय पहुंचीं. कमांडर का आरोप है कि गांव के ही दबंगों को जमीन विवाद के चलते शंभू यादव और उनके परिवार के साथ मारपीट की है. उनका कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, बावजूद इसके स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन पर कब्जा किया जा रहा है.

संपत पाल ने बताया कि मामले में अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं और पुलिस अब आरोपियों को ही संरक्षण देने का काम कर रही है. इसलिए हमारी मांग है कि विपक्षियों के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं. इसके साथ ही रामकेवल, श्यामसुंदर, बुद्धि विलास समेत करीब 12 लोगों के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है. वहीं अपराधियों को संरक्षण देने वाले दारोगा को भी सस्पेंड कर दिया जाए.

बांदा: गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल बुधवार को एक परिवार के साथ डीएम कार्यालय पहुंचीं. यहां कमांडर ने जमीन विवाद को लेकर दबंगों पर परिवार को धमकाने का आरोप लगाया. इसके साथ ही पुलिस के अधिकारियों पर दबंगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. कमांडर ने पीड़ित परिवार को जान का खतरा बताते हुए विपक्षियों के लाइसेंसों को निरस्त करने की मांग की.

क्या है पूरा मामला
बता दें कि गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल बिसंडा थाना क्षेत्र के बुरई माफी गांव के रहने वाले शंभू यादव के परिवार के साथ डीएम कार्यालय पहुंचीं. कमांडर का आरोप है कि गांव के ही दबंगों को जमीन विवाद के चलते शंभू यादव और उनके परिवार के साथ मारपीट की है. उनका कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, बावजूद इसके स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन पर कब्जा किया जा रहा है.

संपत पाल ने बताया कि मामले में अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं और पुलिस अब आरोपियों को ही संरक्षण देने का काम कर रही है. इसलिए हमारी मांग है कि विपक्षियों के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं. इसके साथ ही रामकेवल, श्यामसुंदर, बुद्धि विलास समेत करीब 12 लोगों के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है. वहीं अपराधियों को संरक्षण देने वाले दारोगा को भी सस्पेंड कर दिया जाए.

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