बांदा: जिले में पिछले साल के शिक्षण सत्र में परिषदीय स्कूलों में छात्रों को समय से किताबें न मिलने से छात्रों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई थी. कई महीनों तक किताबें न मिलने की वजह से किसी तरह पुरानी किताबों के सहारे स्कूलों में पढ़ाई कराई गई थी. मगर इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें पहुंच सकें, इसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
दरअसल जिले के परिषदीय स्कूलों में पिछले शिक्षण सत्र में लगभग 6 महीने तक छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें नहीं पहुंची थी. आलम यह था की पुरानी किताबों के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई कराई गई. यह व्यवस्था बच्चों की संख्या के सामने नाकाम साबित हुई. पुरानी किताबें भी सही ढंग से सभी बच्चों के हाथों में नहीं पहुंच सकी.
शिक्षा विभाग ने काफी प्रयास किए लेकिन फिर भी समय से छात्र-छात्राओं को किताबें नहीं मिल सकी. जिसको लेकर शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी भी हुई थी. पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार शिक्षा विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें पहुंच सके इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है.
इस दौरान सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक अरविंद अस्थाना ने बताया कि पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार हम लोगों ने तैयारियां पूरी कर ली है. जिले में 2 लाख 40 हजार छात्र-छात्राओं को किताबें बांटी जानी हैं. जिसको लेकर हमने 13 पब्लिकेशंस को अलग-अलग विषयों के लिए चयनित किया है और निर्धारित समय पर छात्र-छात्राओं को किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी.