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बांदा: परिषदीय स्कूलों में निर्धारित समय पर बटेगीं किताबें

जिले में पिछले साल के शिक्षण सत्र में परिषदीय स्कूलों में छात्रों को समय से किताबें न मिलने का मामला सामने आया था. जिसके चलते छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई थी. जिससे सबक लेते हुए इस बार पब्लिकेशन्स को चयनित कर किताबों का ऑर्डर दे दिया गया है, जिससे निर्धारित समय पर किताबें उपलब्ध हो सकेंगी.

पिछली बार से लिया सबक इस बार परिषदीय स्कूलों में समय से बटेगीं किताबें
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Published : Mar 25, 2019, 5:09 PM IST

बांदा: जिले में पिछले साल के शिक्षण सत्र में परिषदीय स्कूलों में छात्रों को समय से किताबें न मिलने से छात्रों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई थी. कई महीनों तक किताबें न मिलने की वजह से किसी तरह पुरानी किताबों के सहारे स्कूलों में पढ़ाई कराई गई थी. मगर इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें पहुंच सकें, इसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

किताबों के बांटने के सम्बंध में जिला समन्वयक ने दी जानकारी.


दरअसल जिले के परिषदीय स्कूलों में पिछले शिक्षण सत्र में लगभग 6 महीने तक छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें नहीं पहुंची थी. आलम यह था की पुरानी किताबों के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई कराई गई. यह व्यवस्था बच्चों की संख्या के सामने नाकाम साबित हुई. पुरानी किताबें भी सही ढंग से सभी बच्चों के हाथों में नहीं पहुंच सकी.

शिक्षा विभाग ने काफी प्रयास किए लेकिन फिर भी समय से छात्र-छात्राओं को किताबें नहीं मिल सकी. जिसको लेकर शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी भी हुई थी. पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार शिक्षा विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें पहुंच सके इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है.

इस दौरान सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक अरविंद अस्थाना ने बताया कि पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार हम लोगों ने तैयारियां पूरी कर ली है. जिले में 2 लाख 40 हजार छात्र-छात्राओं को किताबें बांटी जानी हैं. जिसको लेकर हमने 13 पब्लिकेशंस को अलग-अलग विषयों के लिए चयनित किया है और निर्धारित समय पर छात्र-छात्राओं को किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी.

बांदा: जिले में पिछले साल के शिक्षण सत्र में परिषदीय स्कूलों में छात्रों को समय से किताबें न मिलने से छात्रों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई थी. कई महीनों तक किताबें न मिलने की वजह से किसी तरह पुरानी किताबों के सहारे स्कूलों में पढ़ाई कराई गई थी. मगर इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें पहुंच सकें, इसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

किताबों के बांटने के सम्बंध में जिला समन्वयक ने दी जानकारी.


दरअसल जिले के परिषदीय स्कूलों में पिछले शिक्षण सत्र में लगभग 6 महीने तक छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें नहीं पहुंची थी. आलम यह था की पुरानी किताबों के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई कराई गई. यह व्यवस्था बच्चों की संख्या के सामने नाकाम साबित हुई. पुरानी किताबें भी सही ढंग से सभी बच्चों के हाथों में नहीं पहुंच सकी.

शिक्षा विभाग ने काफी प्रयास किए लेकिन फिर भी समय से छात्र-छात्राओं को किताबें नहीं मिल सकी. जिसको लेकर शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी भी हुई थी. पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार शिक्षा विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें पहुंच सके इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है.

इस दौरान सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक अरविंद अस्थाना ने बताया कि पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार हम लोगों ने तैयारियां पूरी कर ली है. जिले में 2 लाख 40 हजार छात्र-छात्राओं को किताबें बांटी जानी हैं. जिसको लेकर हमने 13 पब्लिकेशंस को अलग-अलग विषयों के लिए चयनित किया है और निर्धारित समय पर छात्र-छात्राओं को किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी.

Intro:SLUG- पिछली बार से लिया सबक इस बार परिषदीय स्कूलों में समय से बटेगीं किताबें
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 25.03.19
ANCHOR- पिछले शिक्षण सत्र में परिषदीय स्कूलों में छात्रों को समय से किताबें न मिलने से छात्रों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई थी। कई कई महीनों तक किताबें न मिलने से किसी तरह से पुरानी किताबों के सहारे स्कूलों में पढ़ाई कराई गई जो नाकाफी रही। मगर इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें पहुंच सके इसको लेकर जोर शोर से तैयारियां हो रही है। इस बार पब्लिकेशन्स को चयनित कर बांदा में किताबों का ऑर्डर दे दिया गया है और उम्मीद है कि इस बार छात्र-छात्राओं के हाथों में समय से किताबें पहुंच जाएंगी।


Body:वीओ- आपको बता दें कि पिछले शिक्षण सत्र में लगभग छह छह माह तक छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें नहीं पहुंची थी । आलम यह था की पुरानी किताबों के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई कराई गई जो बच्चों की संख्या के सामने नाकाफी साबित हुई। यानी की पुरानी किताबें भी सही ढंग से सभी बच्चों के हाथों में नहीं पहुंच सकी। शिक्षा विभाग द्वारा खूब हाथ पैर चलाया गया फिर भी समय से छात्र-छात्राओं को किताबें नहीं मिल सकी। जिसको लेकर शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी भी हुई थी और पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार शिक्षा विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा । इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र-छात्राओं के हाथों में किताबें पहुंच सके इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है पब्लिकेशंस को चयनित कर उन्हें आर्डर भी दे दिया गया है।

बांदा में 2 लाख 40 हज़ार छात्र छात्राओं को इस शिक्षण सत्र में किताबें बाटी जानी है । जिसको लेकर 13 पब्लिकेशंस को अलग-अलग विषयों के लिए चयनित कर ऑर्डर दे दिया गया है और उम्मीद है कि इस बार शिक्षण सत्र शुरू होते ही बच्चों के हाथों में किताबें होंगी।


Conclusion:वीओ- छात्र-छात्राओं के हाथों में समय से किताबें पहुंची इसको लेकर सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक अरविंद अस्थाना ने बताया कि पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार हम लोगों ने तैयारियां पूरी कर ली है और बांदा जिले में 2 लाख 40 हजार छात्र-छात्राओं को किताबें बाटनी है । जिसको लेकर हमने 13 पब्लिकेशंस को अलग-अलग विषयों के लिए चयनित किया है और जल्द ही किताबें छात्र-छात्राओं को दे दी जाएंगी।

बाइट- अरविंद अस्थाना, जिला समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान

ANAND TIWARI
BANDA
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