बलरामपुर: जिले में तकरीबन दो दर्जन से अधिक नाले नेपाल की पहाड़ियों से बह कर आते हैं. जिनमें मिस्कट, बालू व पत्थर भी बह कर आते हैं. जिले के एक दर्जन नाले तो सुहेलवा वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत क्षेत्र में आते हैं. लेकिन वहां पर भी धड़ल्ले से खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन करवाया जाता है.
इस पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन व जिला पुलिस ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों से संतुष्टि लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है. पिछले 15 दिनों से चल रही कार्रवाई में अब तक 50 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉलियों को पकड़ा कर सीज किया जा चुका है.
पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा दी जानकारी
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने कहा कि जिले के दो सर्किल क्षेत्रों तुलसीपुर बलरामपुर सदर में कई नाले और राप्ती नदी पड़ती है. जिन पर खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन किया जाता जाता है. जबकि राज्य सरकार द्वारा नदी और नालों से बालू खनन पर इस वक्त पूरी तरह से रोक है. इस पर अंकुश लगाने और खनन कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए पुलिस विभाग ने एक अभियान चलाया है. इस अभियान के जरिए हमने अधिकारियों की टीम गठित की है, जिसमें खनन विभाग व पुलिस के अधिकारी शामिल हैं.
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कार्रवाई करते हुए 50 वाहनों को किया सीज
उन्होंने कहा कि यह टीम खनन के समय यानी रात में खनन से प्रभावित इलाकों में कैम्प करती है. जिसमें सीओ के साथ-साथ संबंधित थाने के प्रभारी निरीक्षक व पुलिस की यूआईटी टीम शामिल होती है. अगर कोई भी व्यक्ति खनन करते दिखाई देता है तो उसे पकड़ कर उसके वाहन को सीज कर दिया जाता है. इस पर हमने कार्रवाई करते हुए अब तक तकरीबन 50 वाहनों को सीज किया है.
खनन पर रोक लगाना एक महत्वपूर्ण काम है, जिसके जरिए न केवल राजस्व के लूट पर अंकुश लगाया जा सकेगा. बल्कि अवैध खनन के कारण बढ़े बालू की दरों को भी सही तरीके से बालू बेचकर कम किया जा सकेगा.
-देव रंजन वर्मा, पुलिस अधीक्षक, बलरामपुर