बलरामपुर: जिले में सोमवार को हुए बारूद धमाके के बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में दिख रहा है. पुलिस ने देर शाम तक आतिशबाजी व पटाखा कारोबारियों के साथ बैठक की. इसके बाद जिले के तीनों तहसीलों में एसडीएम व क्षेत्राधिकारी सहित अन्य आला अधिकारियों के नेतृत्व में पटाखा कारोबारियों के ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है.
पुलिस के अनुसार छापेमारी के दौरान बारूद और पटाखे का स्टाॅक आबादी वाले क्षेत्र में किया जाता है या नहीं. आबादी वाले क्षेत्रों में पटाखे का स्टाॅक करने वाले कारोबारियों को लाइसेंस भी निरस्त किया जा रहा है.
जिले में सोमवार को बलरामपुर शहर के कोतवाली नगर क्षेत्र के गदुरहवा मोहल्ला निवासी मोहम्मद रजा के घर में विस्फोट हुआ था. धमाका इतना तेज था कि मोहम्मद रजा के आसपास के करीब 6 से अधिक मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे, जबकि 12 के करीब मकानों में दरारें आ गई थी. वहीं इस घटना में मोहम्मद रजा के श्रावस्ती निवासी भांजे की मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए थे. इस घटना की जांच लखनऊ एटीएस व बीडीएस भी कर रही है.
घटना के बाद पुलिस-प्रशासन पटाखा व्यवसायियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. सोमवार को तीनों पुलिस सर्किल में एसडीएम व व क्षेत्राधिकारियों ने करीब 36 से अधिक पटाखा कारोबारियों के यहां छापेमारी की. एसडीएम सदर ने बताया कि बलरामपुर शहर में हुई घटना के बाद जिला प्रशासन के निर्णय पर पटाखा कारोबारियों के यहां छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने बताया कि इस दौरान पटाखे का स्टाक और बिक्री रजिस्टर की भी जांच की गई. साथ ही अग्निशमन की व्यवस्था और स्टाॅक की स्थिति भी जांची गई. एसडीएम सदर ने बताया कि हरिहरगंज में की गई छापेमारी में पटाखा कारोबारी के यहां सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं मिले. इस कारण से तत्काल लाइसेंस रद कर दिया गया है.
वहीं बारूद विस्फोट के बाद पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने एलआईयू के दो कर्मियों सहित 3 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही इंस्पेक्टर राजित राम, सीओ मनोज यादव व एलआइयू इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच की संस्तुति की है.