बलरामपुर: जिले के बलरामपुर ग्रामीण ब्लॉक के स्वास्थ्य का जिम्मा नंदनगर खजुरिया में करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर है. यहां पर मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं तक नहीं है. यहां पर 100 से 150 की ओपीडी होती है. फिर भी मरीजों को तमाम सुविधाओं के बीच अधूरे इलाज के साथ अपने घर लौटना पड़ता है. यहां पर मैटरनिटी वार्ड और जनरल ऑपरेशन वार्ड है, लेकिन स्त्री रोग विशेषज्ञ और सर्जन की कमी के कारण यहां पर आज तक एक भी ऑपरेशन संभव नहीं हो सका है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जोकहिया में चल रहे बलरामपुर ग्रामीण ब्लॉक के सीएचसी के काम को ट्रांसफर नहीं किया जा सका है. यहां के स्थानीय लोगों में जिला स्वास्थ्य प्रशासन के लिए गुस्सा साफ तौर पर देखा जा सकता है.
अस्पताल ट्रांसफर की बात हमने भी कहीं थी, लेकिन अभी तक यहां पर देखने में तो कुछ भी नहीं दिखता है. यहां पर तमाम तरह की सुविधाएं हैं. यहां पर हम अपने इलाज के लिए आए थे, लेकिन केवल टिकिया देकर हमें यहां से वापस भेजा जा रहा है. हमने डॉक्टर साहब से अनुरोध भी किया था कि कमजोरी है. आप कुछ इंजेक्शन लगा दे, लेकिन इंजेक्शन न होने का हवाला देकर डॉक्टर साहब बाहर भेज रहे हैं.
राजन यादव, मरीज
हमने भी अखबार में पढ़ा था कि जोकहिया वाले अस्पताल को यहां पर ट्रांसफर कर दिया गया है. हमें खुशी हुई थी कि हमें अब वह तमाम सुविधाएं मिल सकेंगी, लेकिन यहां पर न तो उचित बैठने की व्यवस्था है. न ही पीने के पानी की व्यवस्था है. दिन भर इस अस्पताल में बिजली तक नहीं आती है इसलिए जरूरी जांच भी नहीं हो पाती हैं.
मनोज कुमार भारती, मरीज
सीएचसी नंदनगर खजुरिया में तमाम तरह की दिक्कतें हैं. इन समस्याओं को धीरे-धीरे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जल्दी हम कोशिश करेंगे कि नंद नगर सीएचसी का काम शुरू हो जाए. वहां पर सीएचसी अपनी पूरी क्षमता के साथ रन करने लगेगी तो तमाम तरह की दिक्कतें खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी वहां पर बिजली पीने के पानी की समस्या बनी रहती है. इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं.
डॉ घनश्याम सिंह, जिला चिकित्सा अधिकारी