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बलरामपुर: नंदनगर सीएचसी में आज तक ऑपरेशन से नहीं हुआ एक भी प्रसव - up news

बलरामपुर जिला नीति आयोग के तहत आने वाले अति महत्वाकांक्षी जिलों में शामिल है. सीएचसी आर्थिक और ढांचागत विकास की बदहाली से जूझ रहा है. यहां पर मरीजों के लिए जांच की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है और बेहतर स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ दवाएं मिलने की सुविधाएं नहींं है.

सीएचसी नंदनगर खजुरिया बलरामपुर
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Published : Jun 24, 2019, 2:46 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 7:55 AM IST

बलरामपुर: जिले के बलरामपुर ग्रामीण ब्लॉक के स्वास्थ्य का जिम्मा नंदनगर खजुरिया में करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर है. यहां पर मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं तक नहीं है. यहां पर 100 से 150 की ओपीडी होती है. फिर भी मरीजों को तमाम सुविधाओं के बीच अधूरे इलाज के साथ अपने घर लौटना पड़ता है. यहां पर मैटरनिटी वार्ड और जनरल ऑपरेशन वार्ड है, लेकिन स्त्री रोग विशेषज्ञ और सर्जन की कमी के कारण यहां पर आज तक एक भी ऑपरेशन संभव नहीं हो सका है.

सीएचसी के मैटरनिटी वार्ड में आज तक एक भी नहीं हुआ प्रसव


प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जोकहिया में चल रहे बलरामपुर ग्रामीण ब्लॉक के सीएचसी के काम को ट्रांसफर नहीं किया जा सका है. यहां के स्थानीय लोगों में जिला स्वास्थ्य प्रशासन के लिए गुस्सा साफ तौर पर देखा जा सकता है.

अस्पताल ट्रांसफर की बात हमने भी कहीं थी, लेकिन अभी तक यहां पर देखने में तो कुछ भी नहीं दिखता है. यहां पर तमाम तरह की सुविधाएं हैं. यहां पर हम अपने इलाज के लिए आए थे, लेकिन केवल टिकिया देकर हमें यहां से वापस भेजा जा रहा है. हमने डॉक्टर साहब से अनुरोध भी किया था कि कमजोरी है. आप कुछ इंजेक्शन लगा दे, लेकिन इंजेक्शन न होने का हवाला देकर डॉक्टर साहब बाहर भेज रहे हैं.

राजन यादव, मरीज

हमने भी अखबार में पढ़ा था कि जोकहिया वाले अस्पताल को यहां पर ट्रांसफर कर दिया गया है. हमें खुशी हुई थी कि हमें अब वह तमाम सुविधाएं मिल सकेंगी, लेकिन यहां पर न तो उचित बैठने की व्यवस्था है. न ही पीने के पानी की व्यवस्था है. दिन भर इस अस्पताल में बिजली तक नहीं आती है इसलिए जरूरी जांच भी नहीं हो पाती हैं.

मनोज कुमार भारती, मरीज

सीएचसी नंदनगर खजुरिया में तमाम तरह की दिक्कतें हैं. इन समस्याओं को धीरे-धीरे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जल्दी हम कोशिश करेंगे कि नंद नगर सीएचसी का काम शुरू हो जाए. वहां पर सीएचसी अपनी पूरी क्षमता के साथ रन करने लगेगी तो तमाम तरह की दिक्कतें खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी वहां पर बिजली पीने के पानी की समस्या बनी रहती है. इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं.
डॉ घनश्याम सिंह, जिला चिकित्सा अधिकारी

बलरामपुर: जिले के बलरामपुर ग्रामीण ब्लॉक के स्वास्थ्य का जिम्मा नंदनगर खजुरिया में करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर है. यहां पर मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं तक नहीं है. यहां पर 100 से 150 की ओपीडी होती है. फिर भी मरीजों को तमाम सुविधाओं के बीच अधूरे इलाज के साथ अपने घर लौटना पड़ता है. यहां पर मैटरनिटी वार्ड और जनरल ऑपरेशन वार्ड है, लेकिन स्त्री रोग विशेषज्ञ और सर्जन की कमी के कारण यहां पर आज तक एक भी ऑपरेशन संभव नहीं हो सका है.

सीएचसी के मैटरनिटी वार्ड में आज तक एक भी नहीं हुआ प्रसव


प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जोकहिया में चल रहे बलरामपुर ग्रामीण ब्लॉक के सीएचसी के काम को ट्रांसफर नहीं किया जा सका है. यहां के स्थानीय लोगों में जिला स्वास्थ्य प्रशासन के लिए गुस्सा साफ तौर पर देखा जा सकता है.

अस्पताल ट्रांसफर की बात हमने भी कहीं थी, लेकिन अभी तक यहां पर देखने में तो कुछ भी नहीं दिखता है. यहां पर तमाम तरह की सुविधाएं हैं. यहां पर हम अपने इलाज के लिए आए थे, लेकिन केवल टिकिया देकर हमें यहां से वापस भेजा जा रहा है. हमने डॉक्टर साहब से अनुरोध भी किया था कि कमजोरी है. आप कुछ इंजेक्शन लगा दे, लेकिन इंजेक्शन न होने का हवाला देकर डॉक्टर साहब बाहर भेज रहे हैं.

राजन यादव, मरीज

हमने भी अखबार में पढ़ा था कि जोकहिया वाले अस्पताल को यहां पर ट्रांसफर कर दिया गया है. हमें खुशी हुई थी कि हमें अब वह तमाम सुविधाएं मिल सकेंगी, लेकिन यहां पर न तो उचित बैठने की व्यवस्था है. न ही पीने के पानी की व्यवस्था है. दिन भर इस अस्पताल में बिजली तक नहीं आती है इसलिए जरूरी जांच भी नहीं हो पाती हैं.

मनोज कुमार भारती, मरीज

सीएचसी नंदनगर खजुरिया में तमाम तरह की दिक्कतें हैं. इन समस्याओं को धीरे-धीरे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जल्दी हम कोशिश करेंगे कि नंद नगर सीएचसी का काम शुरू हो जाए. वहां पर सीएचसी अपनी पूरी क्षमता के साथ रन करने लगेगी तो तमाम तरह की दिक्कतें खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी वहां पर बिजली पीने के पानी की समस्या बनी रहती है. इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं.
डॉ घनश्याम सिंह, जिला चिकित्सा अधिकारी

Intro:बलरामपुर जिला नीति आयोग के तहत आने वाले अति महत्वाकांक्षी जिलों में शामिल है। यहां पर पिछले 3 सालों से नीति आयोग स्वास्थ्य, शिक्षा व ढांचागत विकास के लिए लगातार काम कर रहा है। लेकिन चीजें पटरी पर आती दिख नहीं रही है। नंदनगर खजुरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों को तमाम सुविधाएं देने का दावा तो किया जा रहा है। लेकिन ऑफिस का काम यहां से ना चलने के कारण यह सीएससी आर्थिक व ढांचागत विकास की बदहाली से जूझ रहा है। यहां पर मरीजों को ना तो जांच की सुविधाएं उपलब्ध है। और ना ही बेहतर स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ दवाएं मिलने की सुविधाएं। ऐसे में यहां की तकरीबन 3,12,000 की आबादी खुद को स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में ठगा हुआ महसूस कर रही है।


Body:बलरामपुर जिले के बलरामपुर ग्रामीण ब्लॉक के स्वास्थ्य का जिम्मा यूं तो नंदनगर खजुरिया में करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर है। लेकिन यह स्वास्थ्य केंद्र पिछले 3 सालों से हाथी दांत साबित हो रहा है। यहां पर मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है। कहने को तो यहां पर 100 से 150 की ओपीडी होती है। लेकिन मरीजों को तमाम सुविधाओं के बीच अधूरे इलाज के साथ अपने घर लौटना पड़ता है। हालही में यहां पर मैटरनिटी वार्ड और जनरल ऑपरेशन वार्ड की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। लेकिन स्त्री रोग विशेषज्ञ व सर्जन की कमी के कारण यहां पर आज तक एक भी ऑपरेशन संभव नहीं हो सका है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदनगर खजूरिया को बने हुए तकरीबन 3 साल बीत चुके हैं। लेकिन यहां पर अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जोकहिया में चल रहे बलरामपुर ग्रामीण ब्लॉक के सीएचसी के काम को ट्रांसफर नहीं किया जा सका है। यहां के स्थानीय इस बात को लेकर जहां शब्द दिखाई देते हैं। वहीं, उनमें जिला स्वास्थ्य प्रशासन के के लिए गुस्सा भी साफ तौर पर देखा जा सकता है।
वही, इसी गांव के राजन यादव ने हमसे बात करते हुए कहा कि अस्पताल ट्रांसफर की बात हमने भी पड़ी थी। लेकिन अभी तक यहां पर देखने में तो कुछ भी नहीं दिखता है। यहां पर तमाम तरह की सुविधाएं हैं। हम लोग आज अपने इलाज के लिए यहां पर आए थे। लेकिन केवल टिकिया देकर हमें यहां से वापस भेजा जा रहा है। हमने डॉक्टर साहब से अनुरोध भी किया था कि कम जोड़ी है। इसलिए कुछ इंजेक्शन वगैरा लगा दिया जाए। लेकिन इंजेक्शन ना होने का हवाला देकर डॉक्टर साहब बाहर भेज रहे हैं।
खजुरिया से अपना इलाज करवाने नंदनगर पहुंचे मनोज कुमार भारती ने हमसे बात करते हुए कहा कि हमने भी अखबार में पढ़ा था कि जो कहिया वाले अस्पताल को यहां पर ट्रांसफर कर दिया गया है। हमें खुशी हुई थी कि हमें अब वह तमाम सुविधाएं मिल सकेंगे। जिसके लिए हमें जिला मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता था लेकिन अभी तक अस्पताल को यहां पर ट्रांसफर नहीं किया जा सका है। ऐसे में यहां पर तमाम तरह की सुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
वह कहते हैं यहां पर न तो उचित बैठने की व्यवस्था है। ना ही पीने के पानी की व्यवस्था है। दिन भर इस अस्पताल में बिजली तक नहीं आती। इसलिए जरूरी जांच भी नहीं हो पाते हैं।


Conclusion:वहीं इस मामले पर जब हमने जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ घनश्याम सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सीएचसी नंदनगर खजुरिया में तमाम तरह की दिक्कतें हैं। जिसको धीरे-धीरे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने ईटीवी से कहा कि जल्दी हम कोशिश करेंगे कि नंद नगर सीएचसी का काम शुरू हो जाए, जब वहां पर सीएचसी अपनी पूरी क्षमता के साथ रन करने लगेगी तो तमाम तरह की दिक्कतें खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा वहां पर बिजली पीने के पानी की समस्या बनी रहती है। इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।
कुल मिलाकर जिला प्रशासन कुछ भी कहे लेकिन 3 साल पहले बनाया गया अस्पताल हाथी दांत साबित हो रहा है। यहां पर पैथोलॉजी की सुविधाएं तो हैं लेकिन जांचें नहीं हो पाती हैं। यहां पर एक पीडियाट्रिक और एक जनरल फिजिशियन तैनात है, लेकिन उनके पास दवाओं का टोटा बना रहने के कारण वह मरीजों को समुचित इलाज की सुविधाएं मुहैया नहीं करवा पाते। ऐसे में यहां 3,12,000 लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर ढंग से कैसे मयस्सर होंगी? यह अपने आप में सोचने का विषय है।
Last Updated : Jun 26, 2019, 7:55 AM IST
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