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बलिया: गांव के मंदिर में प्रवासी हुए क्वारंटाइन, प्रधान पर लगाया सहायता न करने का आरोप

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Published : Jun 2, 2020, 9:24 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के विकासखंड नगरा अंतर्गत ताड़ी बाड़ा गांव में आए प्रवासी मजदूरों ने ग्राम प्रधान पर कोई भी व्यवस्था न करने का आरोप लगाया है. ये प्रवासी मजदूर व्यवस्था न मिलने की की स्थिति में खुद ही गांव के बाहर एक मंदिर में क्वारंटाइन हो गए.

corona case in ballia
प्रवासी मजदूरों ने ग्राम प्रधान पर लगाया आरोप

बलिया: अन्य राज्यों से जिले के विकासखंड नगरा अंतर्गत ताड़ी बाड़ा गांव में आए प्रवासी मजदूरों ने ग्राम प्रधान पर सहायता न करने का आरोप लगाया है. वहीं ग्राम प्रधान ने मामले में कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई है, जिससे वह इन प्रवासी मजदूरों के लिए कोई व्यवस्था कर सके.

जिले में बाहर से आए हुए प्रवासी मजदूरों ने ग्राम प्रधान और जिम्मेदार अधिकारियों पर व्यवस्था के नाम पर सौतेलेपन का आरोप लगाया है. प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वे 24 मई को सूरत सहित अन्य शहरों से अपने घर वापस आए. आज स्थिति अत्यंत ही दयनीय है. व्यवस्था न होने की दशा में प्रवासी गांव के बाहर ही एक पुराने मंदिर में खुद ही क्वारंटाइन हो गए, जिससे गांव में महामारी न फैले.

मजदूरों ने कहा कि जब ग्राम प्रधान से हैंडवाश, सैनिटाइजर और भोजन की मांग की गई तो ग्राम प्रधान ने कहा कि क्या आप लोग हमसे पूछ कर प्रदेश में कमाने गए थे या हमसे पूछ कर अपने घर को वापस आए हैं. प्रवासी मजदूरों ने ग्राम प्रधान से किसी विद्यालय में खुद को क्वारंटाइन करवाने की बात कही, लेकिन ग्राम प्रधान की तरफ से किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई.

आरोप है कि प्रवासी मजदूरों ने जिम्मेदार अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस संबंध में ग्राम प्रधान ने कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जाती. इन प्रवासी मजदूरों के पास घर नहीं है, जिसके कारण ये लोग गांव के बाहर एक मंदिर में खुद ही क्वारंटाइन हुए हैं.

ये भी पढ़ें- बलिया: रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत युवाओं को दिया जाएगा काम

बलिया: अन्य राज्यों से जिले के विकासखंड नगरा अंतर्गत ताड़ी बाड़ा गांव में आए प्रवासी मजदूरों ने ग्राम प्रधान पर सहायता न करने का आरोप लगाया है. वहीं ग्राम प्रधान ने मामले में कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई है, जिससे वह इन प्रवासी मजदूरों के लिए कोई व्यवस्था कर सके.

जिले में बाहर से आए हुए प्रवासी मजदूरों ने ग्राम प्रधान और जिम्मेदार अधिकारियों पर व्यवस्था के नाम पर सौतेलेपन का आरोप लगाया है. प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वे 24 मई को सूरत सहित अन्य शहरों से अपने घर वापस आए. आज स्थिति अत्यंत ही दयनीय है. व्यवस्था न होने की दशा में प्रवासी गांव के बाहर ही एक पुराने मंदिर में खुद ही क्वारंटाइन हो गए, जिससे गांव में महामारी न फैले.

मजदूरों ने कहा कि जब ग्राम प्रधान से हैंडवाश, सैनिटाइजर और भोजन की मांग की गई तो ग्राम प्रधान ने कहा कि क्या आप लोग हमसे पूछ कर प्रदेश में कमाने गए थे या हमसे पूछ कर अपने घर को वापस आए हैं. प्रवासी मजदूरों ने ग्राम प्रधान से किसी विद्यालय में खुद को क्वारंटाइन करवाने की बात कही, लेकिन ग्राम प्रधान की तरफ से किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई.

आरोप है कि प्रवासी मजदूरों ने जिम्मेदार अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस संबंध में ग्राम प्रधान ने कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जाती. इन प्रवासी मजदूरों के पास घर नहीं है, जिसके कारण ये लोग गांव के बाहर एक मंदिर में खुद ही क्वारंटाइन हुए हैं.

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Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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