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बलिया: जिला अस्पताल से ली थी बुखार की दवा, खाने से गई आंखों की रोशनी - बुखार की दवा खाने के बाद गई आंखों की रोशनी

उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अस्पताल से दी गई बुखार की दवा खाने पर मासूम की आंखों की रोशनी चली गई. वहीं मामले पर सीएमएस का कहना है कि मस्तिष्क ज्वर में अक्सर आंख की रोशनी चली जाती है.

बुखार की दवा खाने के बाद गई आंखों की रोशनी.
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Published : Nov 17, 2019, 11:51 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

बलिया: एक बार फिर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है. जहां एक मासूम बच्चे को बुखार की दवा देने के बाद उसकी आंख की रोशनी चली गई. इस घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया. सीएमएस ने आनन-फानन में नेत्र चिकित्सक से मासूम की जांच कराई और उसे बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर कर दिया. सीएमएस का कहना है कि मस्तिष्क ज्वर में अक्सर आंख की रोशनी चली जाती है.

बुखार की दवा खाने के बाद गई आंखों की रोशनी.

बुखार की दवा लेने गया था मासूम
बलिया जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग सिंह के पास 6 वर्षीय मासूम को बुखार की शिकायत लेकर उसके परिजन पहुंचे थे. चिकित्सक ने बुखार की दवाई देकर उसे घर भेज दिया.

दवा खाने के बाद गई आंखों की रोशनी
रात में दवाई की एक खुराक देने के बाद सुबह बच्चे को आंख से दिखना धीरे-धीरे कम हो गया. उसके बाद वह पूरी तरीके से कुछ भी देखने में असमर्थ हो गया. इतना ही नहीं परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की दवाई खाने के बाद उसके पेशाब करने में भी दिक्कत आने लगी.

अस्पताल में मचा हड़कंप
परिजन बच्चे को लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी पहुंचे. मामले की जानकारी होते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया. मामले पर सीएमएस का कहना है कि मस्तिष्क ज्वर में अक्सर आंख की रोशनी चली जाती है.

मां ने डॉ. पर लगाया आरोप
बच्चे की मां का आरोप है कि डॉ. अनुराग सिंह को बुखार की समस्या को लेकर दिखाया था. उन्होंने एक खुराक दवाई दी, जिसे खाने के बाद बच्चे की आंख की रोशनी चली गई.

नेत्र चिकित्सक से बच्चे की जांच कराई तो उसके आंख की परत में समस्या सामने आई है. जिसके बाद मासूम को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी के आईएमएस रेफर किया गया है. बच्चे को मस्तिष्क ज्वर की शिकायत थी और अक्सर मस्तिष्क ज्वर में आंख की रोशनी जाने का खतरा बना रहता है.
- बीपी सिंह, सीएमएस, जिला अस्पताल

इसे भी पढ़ें- जिला महिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, बेसुध हुए जिम्मेदार

बलिया: एक बार फिर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है. जहां एक मासूम बच्चे को बुखार की दवा देने के बाद उसकी आंख की रोशनी चली गई. इस घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया. सीएमएस ने आनन-फानन में नेत्र चिकित्सक से मासूम की जांच कराई और उसे बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर कर दिया. सीएमएस का कहना है कि मस्तिष्क ज्वर में अक्सर आंख की रोशनी चली जाती है.

बुखार की दवा खाने के बाद गई आंखों की रोशनी.

बुखार की दवा लेने गया था मासूम
बलिया जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग सिंह के पास 6 वर्षीय मासूम को बुखार की शिकायत लेकर उसके परिजन पहुंचे थे. चिकित्सक ने बुखार की दवाई देकर उसे घर भेज दिया.

दवा खाने के बाद गई आंखों की रोशनी
रात में दवाई की एक खुराक देने के बाद सुबह बच्चे को आंख से दिखना धीरे-धीरे कम हो गया. उसके बाद वह पूरी तरीके से कुछ भी देखने में असमर्थ हो गया. इतना ही नहीं परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की दवाई खाने के बाद उसके पेशाब करने में भी दिक्कत आने लगी.

अस्पताल में मचा हड़कंप
परिजन बच्चे को लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी पहुंचे. मामले की जानकारी होते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया. मामले पर सीएमएस का कहना है कि मस्तिष्क ज्वर में अक्सर आंख की रोशनी चली जाती है.

मां ने डॉ. पर लगाया आरोप
बच्चे की मां का आरोप है कि डॉ. अनुराग सिंह को बुखार की समस्या को लेकर दिखाया था. उन्होंने एक खुराक दवाई दी, जिसे खाने के बाद बच्चे की आंख की रोशनी चली गई.

नेत्र चिकित्सक से बच्चे की जांच कराई तो उसके आंख की परत में समस्या सामने आई है. जिसके बाद मासूम को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी के आईएमएस रेफर किया गया है. बच्चे को मस्तिष्क ज्वर की शिकायत थी और अक्सर मस्तिष्क ज्वर में आंख की रोशनी जाने का खतरा बना रहता है.
- बीपी सिंह, सीएमएस, जिला अस्पताल

इसे भी पढ़ें- जिला महिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, बेसुध हुए जिम्मेदार

Intro:बलिया जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है जब एक मासूम बच्चे को बुखार की दवा देने के बाद उसकी आंख की रोशनी चली गई इस मामले को लेकर जब अस्पताल में हड़कंप मचा तो आनन-फानन में सीएमएस ने नेत्र चिकित्सक से मासूम की जांच कराई और उसे बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर कर दिया उसका कहना है कि मस्तिष्क ज्वर में अक्सर आंख की रोशनी चली जाती है


बलिया जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अनुराग सिंह के पास 6 वर्षीय मासूम को बुखार की शिकायत लेकर उसके परिजन पहुंचे थे चिकित्सक ने बुखार की दवाई देकर उसे घर भेज दिया रात में दवाई की एक खुराक देने के बाद सुबह में बच्चे को आंख से दिखना धीरे-धीरे कम हो गया उसके बाद वह पूरी तरीके से कुछ भी देखने में असमर्थ हो गया इतना ही नहीं परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की दवाई खाने के बाद उसके पेशाब करने में भी दिक्कत आने लगी


परिजन बच्चे को लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी पहुंचे जहां इस खबर से हड़कंप मच गया आनन फानन में सीएमएस भी अस्पताल पहुंच गए और पूरे मामले की जानकारी ली 


बच्चे की मां का आरोप है कि डॉ अनुराग सिंह को बुखार की समस्या को लेकर दिखाया गया जहां उन्होंने एक खुराक दवाई दी जिसके खाने के बाद बच्चे की आंख की रोशनी चली गई








Body:इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस बीपी सिंह का कहना है कि उनको अभी जानकारी हुई इस प्रकरण की जिसके बाद उन्होंने नेत्र चिकित्सक से बच्चे का जांच कराया तो उसके आंख की परत में दिक्कत की समस्या सामने आई है जिसके बाद मासूम को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी के आई एम एस रेफर किया गया है उन्होंने कहा कि बच्चे को मस्तिष्क ज्वर की शिकायत थी और अक्सर मस्तिष्क ज्वर में आंख की रोशनी जाने का खतरा बना रहता है

बाइट1--सविता देवी--परिजन
बाइट2--बीपी सिंह--सीएमएसConclusion:प्रशान्त बनर्जी
बलिया

खबर रैप से भेजी गई है
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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