बहराइच: महान क्रांतिकारी सुखदेव की जयंती शुक्रवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन में मनाई गई. गोष्ठी में वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम की अध्यक्षता बहराइच विकास मंच के अध्यक्ष पंडित हर्षित त्रिपाठी ने की.
अमर शहीद सरदार भगत सिंह के साथ फांसी पर चढ़ने वाले महान क्रांतिकारी सुखदेव की जयंती भावपूर्ण अंदाज में मनाई गई. कार्यक्रम में वक्ताओं ने क्रांतिकारी सुखदेव के जीवन के सभी आयामों पर प्रकाश डाला. विकास मंच के संरक्षक पंडित अनिल त्रिपाठी ने कहा कि महान क्रांतिकारी सुखदेव का स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान रहा है. उन्होंने देश को स्वाधीनता की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया.
15 मई 1907 को जन्मे थे क्रांतिकारी सुखदेव
सुखदेव का पूरा नाम सुखदेव थापर है. उनका जन्म 15 मई 1907 को लिंगा पंजाब प्रांत के लुधियाना शहर स्थित नाघरा मोहल्ले में हुआ. बचपन से ही सुखदेव ने ब्रिटिश हुकूमत के क्रूर अत्याचारों को देखा था. उन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन के बंधनों से मुक्त करने का प्रण किया.
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुखदेव थापर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे. उन्होंने पंजाब और उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के क्रांतिकारी समूह को संगठित किया. उन्होंने अन्य प्रसिद्ध क्रांतिकारियों के साथ लाहौर में नौजवान सभा की शुरुआत की. जो विभिन्न गतिविधियों में शामिल एक संगठन था.
सुखदेव ने लाहौर षड्यंत्र 18 दिसंबर 1928 में उनके साहसी हमले के लिए भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में याद किया जाएगा. क्योंकि उस हमले ने ब्रिटिश सरकार की नींव हिला कर रख दी थी. सुखदेव, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु साथी थे, जिन्होंने मिलकर वर्ष 1928 में पुलिस ऑफिसर जेपी सांडर्स की हत्या की थी.