बहराइच : जिले के चौधरी चरण सिंह गिरिजा बैराज से छोड़े जा रहे पानी और घाघरा नदी में उफान से किनारे पर बसे गांवों के लोगों की धड़कनें बढ़ गईं हैं. ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग की ओर से कटान रोकने के लिए किए गए उपायों को नाकाफी बताते हुए खुद से भी जतन करने शुरू कर दिए. वे पूजा-पाठ का भी सहारा ले रहे हैं. ग्रामीणों ने नदी के तट पर पूजा-अर्चना की. लोगों ने भगवान से गांवों को बाढ़ से बचाए रखने की प्रार्थना की.
4 वर्षों है समस्या : जिले के तहसील मोतीपुर अंतर्गत चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज से बहने वाली घाघरा नदी पिछले 4 वर्षों से लगातार कटान कर रही है. इस समय भी नदी कटान कर रही है. ग्रामीणों ने कई बार सिंचाई विभाग से बांध और ठोकर के निर्माण की मांग की, लेकिन यहां पर बांध और ठोकर का निर्माण कार्य नहीं हो पाया. इससे चार सालों से लगातार घाघरा नदी उपजाऊ भूमि के साथ-साथ दूधनाथ पुरवा, तुलसीपुरवा, गुप्तापुरवा ,प्रेम नगर सहित कई गांव को अपने में समाहित कर चुकी है.
कटान होने से ग्रामीण परेशान : क्षेत्रीय ग्रामीण के मुताबिक घाघरा नदी की बाढ़ और कटान के चलते ग्राम पंचायत चहलवा, बड़खड़िया ,जंगल गुलरिहा, सुजौली क्षेत्र के ग्रामीण काफी परेशान हैं. ग्रामीणों को साल के 6 महीने में बरसात के चलते बाढ़ और कटान की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. इसके साथ-साथ जब नदी का जलस्तर कम होता है तो घाघरा नदी तेज कटान करने लगती है. कटान के चलते घाघरा नदी नई बस्ती, तुलसीपुरवा मोहरवा,विजयनगर गांव के पास कटान कर रही है, जिसके चलते क्षेत्रीय ग्रामीण परेशान हैं.
ग्रामीणों की मांग पर नहीं हुई सुनवाई : ग्रामीणों के मुताबिक उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से बांध और ठोकर की निर्माण की मांग की है लेकिन अभी तक नहीं हो पाया है. ऐसे में ग्रामीण घाघरा मैया को मनाने के लिए पूजा पाठ का सहारा लिया है. लखीमपुर जिले के सम्पूर्णानगर क्षेत्र के बालपुर गांव से आए बाबा अभय राज व जसवंती देवी के साथ ग्रामीणों ने मोहरवा में घाघरा नदी के किनारे हजारों की संख्या में पहुंचकर पूजा पाठ की. सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने घाघरा नदी के किनारे खड़े होकर हाथ जोड़कर घाघरा मैया की पूजा कर कटान रोकने की गुहार लगाई. चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज से निकलने के बाद घाघरा नदी 100 मीटर के दूरी पर स्थित साइफन से 3 किलोमीटर तक कटान कर रही है.
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