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बहराइचः बाल श्रम के खिलाफ चला 'नो चाइल्ड लेबर अभियान'

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Published : Oct 2, 2020, 7:12 AM IST

यूपी के बहराइच जिले में भारत-नेपाल सीमावर्ती थाना रुपईडीहा क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध 'नो चाइल्ड लेबर अभियान' चलाया गया. अभियान के तहत विभिन्न होटलों, ढाबों से 64 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों की आयु 8 से 16 वर्ष बताई जा रही है.

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मुक्त कराए गए बाल श्रमिक.

बहराइचः जिले में भारत-नेपाल सीमावर्ती थाना रुपईडीहा क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध 'नो चाइल्ड लेबर अभियान' चलाया गया. अभियान के तहत विभिन्न होटलों, ढाबों से 64 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया. मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों की आयु 8 से 16 वर्ष बताई जा रही है. पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि बाल श्रम कराने वाले नियोजकों के विरुद्ध बाल श्रम अधिनियम विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए जाएंगे.

जिले में बाल श्रम की दिनों दिन बढ़ती समस्या के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस, देहात संस्था, चाइल्ड लाइन-1098, श्रम विभाग, जिला प्रोबेशन विभाग एवं जिला बाल संरक्षण ईकाई के संयुक्त तत्वावधान में भारत-नेपाल सीमावर्ती कस्बा रुपईडीहा में सघन रूप से "बाल श्रम उन्मूलन अभियान" का संचालन किया गया. जिसमें बाबागंज व रुपईडीहा कस्बे के सभी बाल श्रमिक संभावित प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर कुल 64 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया.

बाल श्रम के खिलाफ हुई इस औचक कार्रवाई से बाल श्रमिक नियोजकों में हड़कंप की स्थिति बनी है. इसके पूर्व कई बार इन बाल श्रमिक नियोजकों को चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ था. बता दें कि इस पूरे अभियान की सूचना पूर्णतया गोपनीय रखी गई थी. मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को कोविड से बचाव के लिए तत्काल मास्क उपलब्ध कराए गए और सैनिटाइज किया गया.

पुलिस अधीक्षक बहराइच विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि बाल श्रम के जरिए बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे. जिन भी नियोजकों के यहां से बाल श्रमिक मुक्त कराए गए हैं, उनके विरुद्ध बाल श्रम अधिनियम-2016, बंधुआ मजदूरी अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम एवं अनैतिक देह व्यापार अधिनियम आदि कानूनों के अंतर्गत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे. इस अभियान के लिए अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अशोक कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी जंगबहादुर यादव एवं उप जिलाधिकारी-नानपारा सूरज पटेल के पर्यवेक्षण में कुल 5 टीमों का गठन किया गया था.

अभियान में शामिल देहात संस्था एवं चाइल्ड लाइन के निदेशक डॉ. जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि मुक्त बाल श्रमिकों वैधानिक प्रक्रिया से बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर परिजनों के संरक्षण में दिया जा रहा है. इसके पश्चात प्रत्येक बच्चे के पुनर्वास की वृहद योजना बनाकर उन्हें पुनर्वासित किया जाएगा.

पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि बाल श्रम के विरुद्ध जारी अभियान के क्रम में आज थाना रुपईडीहा क्षेत्र से 64 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. उन्होंने बताया कि बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए की गई कार्रवाई में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, सीडब्ल्यूसी के संयुक्त तत्वाधान में अभियान चलाया गया. उन्होंने बताया कि 21 सितंबर को विभिन्न थाना क्षेत्रों से 58 बच्चों को मुक्त कराया गया था.


अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी रिजवान, चाईल्ड लाइन कोआर्डिनेटर देवयानी, देहात संस्था की स्वरक्षा परियोजना के समन्वयक हसन फिरोज, पुलिस मानव तस्करी रोधी इकाई के जिला प्रभारी इं. हेमंत कुमार गौड़, थाना प्रभारी रूपैडीहा प्रमोद कुमार सिंह, महिला उप निरीक्षक प्रियंका सिंह, महिला थाना प्रभारी मंजू पांडेय, सुशील कुमार, बाल संरक्षण अधिकारी शिवका मौर्या, चंद्रेश, चाईल्ड लाइन की रेखा वर्मा, अरूण, अवधेश, कीर्ती, अर्जुन, मनीष, पवन यादव, देवेश व निर्मला आदि शामिल रहे.

बहराइचः जिले में भारत-नेपाल सीमावर्ती थाना रुपईडीहा क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध 'नो चाइल्ड लेबर अभियान' चलाया गया. अभियान के तहत विभिन्न होटलों, ढाबों से 64 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया. मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों की आयु 8 से 16 वर्ष बताई जा रही है. पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि बाल श्रम कराने वाले नियोजकों के विरुद्ध बाल श्रम अधिनियम विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए जाएंगे.

जिले में बाल श्रम की दिनों दिन बढ़ती समस्या के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस, देहात संस्था, चाइल्ड लाइन-1098, श्रम विभाग, जिला प्रोबेशन विभाग एवं जिला बाल संरक्षण ईकाई के संयुक्त तत्वावधान में भारत-नेपाल सीमावर्ती कस्बा रुपईडीहा में सघन रूप से "बाल श्रम उन्मूलन अभियान" का संचालन किया गया. जिसमें बाबागंज व रुपईडीहा कस्बे के सभी बाल श्रमिक संभावित प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर कुल 64 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया.

बाल श्रम के खिलाफ हुई इस औचक कार्रवाई से बाल श्रमिक नियोजकों में हड़कंप की स्थिति बनी है. इसके पूर्व कई बार इन बाल श्रमिक नियोजकों को चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ था. बता दें कि इस पूरे अभियान की सूचना पूर्णतया गोपनीय रखी गई थी. मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को कोविड से बचाव के लिए तत्काल मास्क उपलब्ध कराए गए और सैनिटाइज किया गया.

पुलिस अधीक्षक बहराइच विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि बाल श्रम के जरिए बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे. जिन भी नियोजकों के यहां से बाल श्रमिक मुक्त कराए गए हैं, उनके विरुद्ध बाल श्रम अधिनियम-2016, बंधुआ मजदूरी अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम एवं अनैतिक देह व्यापार अधिनियम आदि कानूनों के अंतर्गत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे. इस अभियान के लिए अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अशोक कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी जंगबहादुर यादव एवं उप जिलाधिकारी-नानपारा सूरज पटेल के पर्यवेक्षण में कुल 5 टीमों का गठन किया गया था.

अभियान में शामिल देहात संस्था एवं चाइल्ड लाइन के निदेशक डॉ. जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि मुक्त बाल श्रमिकों वैधानिक प्रक्रिया से बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर परिजनों के संरक्षण में दिया जा रहा है. इसके पश्चात प्रत्येक बच्चे के पुनर्वास की वृहद योजना बनाकर उन्हें पुनर्वासित किया जाएगा.

पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि बाल श्रम के विरुद्ध जारी अभियान के क्रम में आज थाना रुपईडीहा क्षेत्र से 64 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. उन्होंने बताया कि बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए की गई कार्रवाई में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, सीडब्ल्यूसी के संयुक्त तत्वाधान में अभियान चलाया गया. उन्होंने बताया कि 21 सितंबर को विभिन्न थाना क्षेत्रों से 58 बच्चों को मुक्त कराया गया था.


अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी रिजवान, चाईल्ड लाइन कोआर्डिनेटर देवयानी, देहात संस्था की स्वरक्षा परियोजना के समन्वयक हसन फिरोज, पुलिस मानव तस्करी रोधी इकाई के जिला प्रभारी इं. हेमंत कुमार गौड़, थाना प्रभारी रूपैडीहा प्रमोद कुमार सिंह, महिला उप निरीक्षक प्रियंका सिंह, महिला थाना प्रभारी मंजू पांडेय, सुशील कुमार, बाल संरक्षण अधिकारी शिवका मौर्या, चंद्रेश, चाईल्ड लाइन की रेखा वर्मा, अरूण, अवधेश, कीर्ती, अर्जुन, मनीष, पवन यादव, देवेश व निर्मला आदि शामिल रहे.

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