बहराइचः केंद्र सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून पास कर मुस्लिम महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने की कोशिश करने में जुटी है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मिशन शक्ति अभियान चलाकर स्त्रियों को स्वाभिमान के साथ जीने का माध्यम तैयार किया. लेकिन हालात कुछ ऐसे बन रहे हैं, कि ना तो तीन तलाक से स्त्रियों को मुक्ति मिल रही है और ना ही मिशन शक्ति से उन्हें सुरक्षा.
बेटी पैदा होने पर दिया तलाक
मामला कैसरगंज थाना क्षेत्र के एनी हतिन्सी का है. जहां रुख्सी बेगम की शादी चार साल पहले थाना जरवल रोड के अवरी बिलहरी निवासी नब्बू अली से हुई थी. आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे. इसकी शिकायत संबंधित थाने में की गई, तो आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज किया गया. जिस पर पुलिस की ओर से आरोप पत्र दाखिल किया गये. इसी बीच 18 नवंबर को रूख्सी बेगम ने ऑपरेशन से एक बेटी को जन्म दिया. बेटी के जन्म की सूचना पाते ही शौहर नब्बू अली ने पीड़िता को तलाक दे दिया.
तलाक बाद पति ने की शादी
रुख्सी बेगम को तलाक देने के बाद आरोपी पति ने करनैलगंज थाना क्षेत्र निवासी एक युवती से शादी भी कर ली. इसकी जानकारी जब पीड़िता ने पुलिस को दी. तो पुलिस ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया. इस पर पीड़िता ने बेगम हस्तशिल्प समिति की अध्यक्ष कुरेशा बेगम से संपर्क साधा. कुरेशा बेगम ने गुरुवार को पीड़िता की मुलाकात उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से कराने के लिए पहुंची. वहां मौजूद पुलिस क्षेत्राधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट ने पीड़िता रुख्सी बेगम और समिति के अध्यक्ष सुरेशा बेगम को कार्रवाई का आश्वासन देकर बिना मंत्री से मिले ही वापस लौटा दिया.
इंसाफ के लिए दर-दर भटकने को मजबूर
पीड़िता ने बताया कि तलाक मिलने के बाद वह अपनी नवजात बच्ची के साथ अपने मायके में रह रही है. उसका पति पासपोर्ट बनवा कर खाड़ी देश जाने के फिराक में है. पीड़िता का आरोप है उसे और उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी भी मिल रही है. पीड़िता ने बताया कि अगर पुलिस ने तत्काल इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की और उसके पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया को नहीं रोका. तो वह इस मामले की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से करेंगी.