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बहराइच: 162वें बलिदान दिवस पर याद किए गए चहलारी नरेश बलभद्र सिंह - balbhadra singh remembered in bahraich

यूपी के बहराइच जिले में शनिवार को 1857 की क्रांति के अग्रदूत चहलारी नरेश बलभद्र सिंह का 162वां बलिदान दिवस मनाया गया. अमर शहीद के बलिदान दिवस पर उन्हें याद कर लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

balbhadra singh remembered on sacrifice day in bahraich
चहलारी नरेश बलभद्र सिंह को किया गया याद
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Published : Jun 13, 2020, 7:32 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 7:53 PM IST

बहराइच: जिले के कैसरगंज क्षेत्र के गुथिया स्थित आवास पर भाजपा आईटी विभाग संयोजक रुपेश कुमार के नेतृत्व में अग्रदूत चहलारी नरेश का 162वां बलिदान दिवस मनाया गया. कार्यक्रम का आयोजन किसान पीजी कॉलेज के मध्यकालीन इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रो. डॉ. शशि भूषण सिंह ने किया. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी परिषद के प्रदेश महासचिव रमेश चंद्र मिश्रा ने चहलारी नरेश की वीर गाथाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जिस वीरता के साथ उन्होंने अंग्रेज सेना के छक्के छुड़ाए, वह भारतीय सेनानियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए.

19 वर्षीय चहलारी नरेश को बनाया गया सेनापति
चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह के उत्तराधिकारी आदित्य भान सिंह ने कहा कि 1857 की क्रांति में अवध की रियासत पर फिरंगी हुकूमत के कब्जे के बाद बेगम हजरत महल ने बहराइच के बौडी में आकर राजा हरदत्त सिंह सवाई की रियासत में शरण ली थी. वहीं पर चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह, चर्दा नरेश और बहराइच और बाराबंकी के कई राजाओं के साथ बैठक कर बेगम हजरत महल ने फिरंगी हुकूमत के विरुद्ध बिगुल फूंकने की विनती की. 19 वर्षीय चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह को संयुक्त सेना का सेनापति बनाया गया.

अंग्रेजी सेना के छुड़ाए छक्के
उन्होंने बाराबंकी और बहराइच के बीच स्थित मैदान में अंग्रेज सेनापति ग्रैंड होप के नेतृत्व वाली फिरंगी सेना के छक्के छुड़ा दिए. सैकड़ों अंग्रेज सैनिकों को मौत के घाट उतारने के बाद अंग्रेज सेनापति ग्रैंड होप के हाथ पांव फूल गए. अंग्रेज सेनापति ग्रैंड होप ने शांति का संदेश देकर छल बल से चहलारी नरेश को मौत के घाट उतार दिया. उनकी बहादुरी के किस्से आज भी इलाके में गूंजते हैं.

इस अवसर पर कई लोग रहे उपस्थित
वरिष्ठ अधिवक्ता और बहराइच विकास मंच के संरक्षक पंडित अनिल तिवारी ने कहा कि चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह ने 1857 की क्रांति में आतताई फिरंगी हुकूमत के विरुद्ध स्थानीय राजाओं के साथ मिलकर एक संयुक्त सेना गठित की थी. इस अवसर पर कैसरगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष रामेंद्र देव सिंह, हिंदू युवा वाहिनी के अनिल कुमार सिंह, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिषेक सिंह सूरज, मानवेंद्र प्रताप सिंह, तरुण विजय सिंह, आकाश सिंह, दीपक सिंह, सौरभ सिंह, देवाशीष सिंह और शिव कुमार गुप्ता उपस्थित रहे.

बहराइच: जिले के कैसरगंज क्षेत्र के गुथिया स्थित आवास पर भाजपा आईटी विभाग संयोजक रुपेश कुमार के नेतृत्व में अग्रदूत चहलारी नरेश का 162वां बलिदान दिवस मनाया गया. कार्यक्रम का आयोजन किसान पीजी कॉलेज के मध्यकालीन इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रो. डॉ. शशि भूषण सिंह ने किया. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी परिषद के प्रदेश महासचिव रमेश चंद्र मिश्रा ने चहलारी नरेश की वीर गाथाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जिस वीरता के साथ उन्होंने अंग्रेज सेना के छक्के छुड़ाए, वह भारतीय सेनानियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए.

19 वर्षीय चहलारी नरेश को बनाया गया सेनापति
चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह के उत्तराधिकारी आदित्य भान सिंह ने कहा कि 1857 की क्रांति में अवध की रियासत पर फिरंगी हुकूमत के कब्जे के बाद बेगम हजरत महल ने बहराइच के बौडी में आकर राजा हरदत्त सिंह सवाई की रियासत में शरण ली थी. वहीं पर चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह, चर्दा नरेश और बहराइच और बाराबंकी के कई राजाओं के साथ बैठक कर बेगम हजरत महल ने फिरंगी हुकूमत के विरुद्ध बिगुल फूंकने की विनती की. 19 वर्षीय चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह को संयुक्त सेना का सेनापति बनाया गया.

अंग्रेजी सेना के छुड़ाए छक्के
उन्होंने बाराबंकी और बहराइच के बीच स्थित मैदान में अंग्रेज सेनापति ग्रैंड होप के नेतृत्व वाली फिरंगी सेना के छक्के छुड़ा दिए. सैकड़ों अंग्रेज सैनिकों को मौत के घाट उतारने के बाद अंग्रेज सेनापति ग्रैंड होप के हाथ पांव फूल गए. अंग्रेज सेनापति ग्रैंड होप ने शांति का संदेश देकर छल बल से चहलारी नरेश को मौत के घाट उतार दिया. उनकी बहादुरी के किस्से आज भी इलाके में गूंजते हैं.

इस अवसर पर कई लोग रहे उपस्थित
वरिष्ठ अधिवक्ता और बहराइच विकास मंच के संरक्षक पंडित अनिल तिवारी ने कहा कि चहलारी नरेश राजा बलभद्र सिंह ने 1857 की क्रांति में आतताई फिरंगी हुकूमत के विरुद्ध स्थानीय राजाओं के साथ मिलकर एक संयुक्त सेना गठित की थी. इस अवसर पर कैसरगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष रामेंद्र देव सिंह, हिंदू युवा वाहिनी के अनिल कुमार सिंह, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिषेक सिंह सूरज, मानवेंद्र प्रताप सिंह, तरुण विजय सिंह, आकाश सिंह, दीपक सिंह, सौरभ सिंह, देवाशीष सिंह और शिव कुमार गुप्ता उपस्थित रहे.

Last Updated : Jun 13, 2020, 7:53 PM IST
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