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गैर इरादतन हत्या के दोषियों को मिला 10 साल का कारावास

बहराइच में कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या के मामले में दो लोगों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. आरोपियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. गौरीशंकर पुरवा गांव में विवाद को लेकर आरोपियों ने मारपीट की थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी.

Bahraich Court sentenced
बहराइच कोर्ट
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Published : Feb 17, 2021, 9:41 PM IST

बहराइच: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सुरेश चंद्र ने बुधवार को गैर इरादतन हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए दो आरोपितों को 10-10 वर्षो के कैद की सजा सुनाई है. आरोपितों को 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है.

मामला हरदी थाना क्षेत्र के गौरीशंकर पुरवा गांव का है. 21 मार्च 2005 को समय दिन के 12 बजे मड़हा रखने के विवाद को लेकर गांव निवासी आरोपित मन्नू तिवारी, ललई उर्फ ओंकार, शिवशंकर और दुखहरण ने लाठी राम मिलन और उनके भाई कुंजी लाल, पिता पहाड़ी लाल और बहन राम जानकी व मां जानकी की लाठी डंडो से पिटाई कर दी. पिटाई में सभी गंभीर रुप से चोटिल हो गए थे. इसमें वादी के पिता पहाड़ी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

मामले में आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने आराेप पत्र न्यायालय में दाखिल किया. आरोप पत्र में दुखहरण परीक्षण से बाहर कर दिया गया जबकि मन्नु की मुकदमें के दौरान मौत हो गई. बुधवार को अपर शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता के तर्को को सुनने के बाद ललई और शिवशंकर पर दोष सिद्ध कर दोनों को 10-10 वर्षो के कारावास की सजा सुनाई गई.

बहराइच: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सुरेश चंद्र ने बुधवार को गैर इरादतन हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए दो आरोपितों को 10-10 वर्षो के कैद की सजा सुनाई है. आरोपितों को 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है.

मामला हरदी थाना क्षेत्र के गौरीशंकर पुरवा गांव का है. 21 मार्च 2005 को समय दिन के 12 बजे मड़हा रखने के विवाद को लेकर गांव निवासी आरोपित मन्नू तिवारी, ललई उर्फ ओंकार, शिवशंकर और दुखहरण ने लाठी राम मिलन और उनके भाई कुंजी लाल, पिता पहाड़ी लाल और बहन राम जानकी व मां जानकी की लाठी डंडो से पिटाई कर दी. पिटाई में सभी गंभीर रुप से चोटिल हो गए थे. इसमें वादी के पिता पहाड़ी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

मामले में आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने आराेप पत्र न्यायालय में दाखिल किया. आरोप पत्र में दुखहरण परीक्षण से बाहर कर दिया गया जबकि मन्नु की मुकदमें के दौरान मौत हो गई. बुधवार को अपर शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता के तर्को को सुनने के बाद ललई और शिवशंकर पर दोष सिद्ध कर दोनों को 10-10 वर्षो के कारावास की सजा सुनाई गई.

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