बागपत: जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. परिजनों ने डॉक्टर पर पैसे के लिए बच्चे को गिरवी रखने का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि 40 हजार रुपये का बिल न जमा करने पर डॉक्टर ने उनके बच्चे को गिरवी रखा है. पीड़ित दंपति ने मामले की शिकायत पुलिस से की है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना पुलिस को कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
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मामला एक साल पुराना है, 15 सितंबर 2018 को कोतवाली बड़ौत क्षेत्र के बिजरौल गांव के रहने वाले मोहर सिंह की पत्नी शिखा को ऊषा नर्सिंग होम में भर्ती कराया था. जहां पर उसने एक बच्चे को जन्म दिया था. डॉक्टरों ने डिलवरी के बाद 40 हजार रुपये का अस्पताल का बिल बनाया. दंपति के पास इतने रुपये न होने के कारण वह बिल जमा नहीं कर पाए. उनका आरोप है कि डॉक्टर ने रुपये के बदले उनके बच्चे को अस्पताल में ही रख लिया.
डॉक्टर पर बच्चा बेचने का आरोप
पीड़िता के मुताबिक डॉक्टर ने उनके सामने शर्त रखी कि वह धीरे-धीरे उनका पैसा चुका दें और बच्चा ले जाएं. जब तक पैसा नहीं मिलेगा बच्चा उनके पास रहेगा. डॉक्टर ने रजामंदी की बात कहकर दंपति के अंगूठा एक पेपर पर लगवा लिया. महिला का कहना है कि धीरे -धीरे उन्होंने 30 हजार रुपये चुका दिए थे और बचे हुए 10 हजार रुपये लेकर जब वह बच्चा लेने पहुंचे तो डॉक्टर ने उन्हें बच्चा देने से इनकार कर दिया. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने बच्चा बेच दिया है. परेशान दंपति कोतवाली बड़ौत पहुंचे और उन्होंने तहरीर देते हुए बच्चा न मिलने और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
डॉक्टर ने आरोपों को बताया निराधार
दूसरी ओर अस्पताल की डॉक्टर खुद पर लगाए गए आरोपों को निराधार और झूठा बता रही हैं. उनका कहना है कि परिवार को उसी वक्त बच्चा दे दिया गया था. फिलहाल पुलिस के अधिकारी बच्चा बेचने की आशंका जता रहे हैं और उनका कहना है कि मामले की जांच के लिए कोतवाली पुलिस को आदेश दे दिए गए हैं.