बागपत: एक सप्ताह पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कानून व्यवस्था को दुरस्त करने के निर्देश दिए थे और शातिर बदमाशों पर शिकंजा कसने की हिदायत दी थी. वहीं, एक सप्ताह बाद ही बागपत के रमाला थाना क्षेत्र के जिवाना गांव के रणबीर हत्याकांड में जिला कारागार में बंद हिस्ट्रीशीटर (Historysheeter) की धमकी से दलित परिवार गांव छोड़कर पानीपत हरियाणा (Haryana) चला गया. पीड़ित परिवार के सदस्यों का आरोप है कि सुरक्षा न मिलने और अपनी जान बचाने के लिए गांव छोड़ने का फैसला किया.
रमाला थाना क्षेत्र के जिवाना गांव में 10 जून 2021 को दलित किसान रणबीर की उसके पड़ोसी राजकुमार और उसके बेटे विशु ने गांव के ही हिस्ट्रीशीटर मयंक के साथ मिलकर खेत में गोली मारकर हत्या कर दी थी. राजकुमार और रणबीर के बीच खेत में मेढ़ की खरपतवार को लेकर विवाद चल रहा था. रणबीर के भाई राहुल ने आरोपी राजकुमार, उसके बेटे विशु और हिस्ट्रीशीटर मयंक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने राजकुमार और विशु को गिरफ्तार कर लिया था और इसके बाद जेल भेज दिया गया था. वहीं, हिस्ट्रीशीटर मयंक पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया था. उसे भी जेल भेज दिया गया था.
हिस्ट्रीशीटर मयंक ने रणबीर के परिवार के पास समझौता करने के लिए कई बदमाशों को भेजा और यह धमकी भी दिलवाई कि यदि समझौता नहीं किया तो वह परिवार के सदस्यों को भी जान से मार देगा. उन पर लगातार जिला कारागार से ही समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा था. इसकी शिकायत कई बार पीड़ित परिवार ने पुलिस अधिकारियों और थाना पुलिस से की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. एक पखवाड़ा पहले उनके घर के पास बदमाशों ने रात के समय फायरिंग कर दी थी, जिसके बाद वह दहशत में आ गए थे और डर के कारण उन्होंने गांव छोड़ने का निर्णय लिया. इसके बाद रणबीर की मां इलमो, भाई राहुल, अरूण, पुरषोत्म, रणबीर की पत्नी कुंतलेश और उसके तीन बेटे घर का सामान टेंपो में भरकर पानीपत हरियाणा चले गए.
सीओ बड़ौत आलोक सिंह ने बताया कि रमाला थाना क्षेत्र के गांव जीवना में एक रणबीर नाम के शख्स की हत्या हुई थी. उस मुकदमे में पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों नामित अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही तमंचा औऱ चाकू बरामद किया गया था. तीनों अभियुक्त उसके बाद से जेल में हैं. आज एक वायरल वीडियो के माध्यम से पलायन वाली बात सामने आई है. परिजनों का कहना है कि पानीपत में उनके मकान का काम चल रहा है. उनका कहना है कि चार दिन पहले वह भी वहीं से आए हैं. किसी फैक्ट्री में काम करने के लिए यह परिवार वहां गया है. धमकी या दवाब वाली बात गांव में किसी ने बताई नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी को कोई समस्या नहीं है. बाकी जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी.
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राहुल ने बताया कि 10 जून को भाई की हत्या हो गई थी. उसके बाद से दबाव बनाया जा रहा है. फैसले के लिए हत्या के बाद जो नाम थे, वह साफ नहीं हो रहे हैं. हमारे सामने ही जिसने भाई को गोली मारी उसे ही सीओ ने बाहर कर दिया. मयंक हिस्ट्रीशीटर है. मयंक और विशु दोनों हथियार लिए हुए थे. उन्होंने गोली मारी फिर भी उनका नाम निकाल दिया गया. उस पर दबाव बनाया जा रहा है. जान का खतरा है. पुलिस की तरफ से कोई सुरक्षा नहीं दी गई है.