बदायूं: जिले में बहने वाली भैंसोर नदी और सोत नदी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी. लोगों ने जगह-जगह इन नदियों के बीच में अतिक्रमण कर लिया था. जिला प्रशासन के प्रयास से इस अतिक्रमण को हटाकर नदियों को एक बार फिर पुनर्जीवन प्रदान करने की कवायद जोर-शोर से शुरू की गई है, जिससे बरसात से पूर्व इनके स्रोत खोल दिए जाएं और एक बार पुनः यह नदियां जीवनदायिनी का रूप ले सकें.
बीजेपी की सरकार बनने के बाद नदियों के पुनरुत्थान की बात की गई थी. जिले में नदियों को पुनर्जीवित करने के क्रम में प्रशासन ने अपनी कवायद शुरू कर दी है. इसकी वजह से एक बार फिर जिले में बहने वाली भैंसोर नदी और सोत नदी में पानी दिखना शुरू हो गया है.
अतिक्रमण से बिगड़ा नदियों का स्वरूप
जिले में भैंसोर नदी लगभग 45 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरती है. वहीं सोत नदी लगभग 85 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरा करती है. एक समय में यह दोनों नदियां जिले के लिए जीवनदायिनी थीं, लेकिन धीरे-धीरे इन पर होने वाले अतिक्रमण ने इन नदियों का स्वरूप ही बिगाड़ दिया.
श्रमिकों को उपलब्ध हो रहा है रोजगार
जिला प्रशासन की बरसात से पूर्व शुरू की गई यह कवायद अब रंग दिखाने लगी है. जिले के लोग उम्मीद करते हैं कि इस बार बरसात से पूर्व यह नदियां अपने पुराने स्वरूप में वापस आ जायेंगी. इन नदियों में कार्य मनरेगा के अंतर्गत करवाया जा रहा है, जिससे श्रमिकों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है.
कब्जा करने वालों को किया चिन्हित
सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार के मुताबिक सोत नदी में जिन लोगों का अवैध कब्जा है. उन्हें पहले ही चिन्हित कर लिया गया था, क्योंकि बारिश का मौसम आने वाला है. इस वजह से नदी को अतिक्रमण मुक्त करवाया जा रहा है. ताकि नदी में पानी के बहाव में कोई दिक्कत न हो.
जिलाधिकारी कुमार प्रशांत के मुताबिक जिले में दो प्रमुख नदियां हैं. एक भैंसोर नदी और एक सोत नदी. इसमें पुनरुद्धार का कार्य किया जा रहा है. यह नदियां जल्द ही अपने पुराने स्वरूप में दिखने लगेंगी.
-कुमार प्रशांत, जिलाधिकारी