बदायूं: जिले की दातागंज तहसील के उपकोषागार में 5 करोड़ से ज्यादा के स्टांप बेचकर कैशियर रकम को हड़पने का मामले सामने आया है. वहीं गबन की जानकारी मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया. रोकड़िया बगैर कोई जानकारी दिए फरार हो गया. बता दें कि कुछ दिन पहले शासन की ओर से छोटे-छोटे उपकोषागारों को बंद करने का आदेश आया था. जिलाधिकारी ने दातागंज उपकोषागार के अभिलेख भी चेक करवाए थे, जिसके बाद यह मामला सामने आया.
क्या है मामला
- दातागंज तहसील के उपकोषागार में तैनात रोकड़िया हरीश साल 2013 से घपले बाजी कर रहा था.
- जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने चार सदस्यों की टीम गठित कर उपकोषागार के अभिलेख चेक कराए.
- जांच में पाया कि रोकड़िया हरीश ने 5 करोड़ 70 लाख के स्टाम्प बेचकर उनका रुपया बैंक में जमा नहीं किया.
- अधिकारियों को शक न हो इसके लिए उसने स्टॉक रजिस्टर में भी हेर-फेर कर रखी थी.
- शासन की नीति के अनुसार उपकोषागारों को जिला कोषागार में सम्मिलित करने का आदेश आने के बाद सारे उपकोषागार बदायूं कोषागार में सम्मिलित हो गए.
- इसके बाद भी दातागंज कोषागार में तैनात रोकड़िये ने वहां का लेखा-जोखा जमा नहीं किया और फरार हो गया.
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2013 से वहां पर स्टांप बेचे जाते थे. स्टॉक रजिस्टर से उसका मिलान करने के उपरांत यह तथ्य सामने आए. स्टांप बेचे गए हैं, उनकी धनराशि को सही तरीके से बैंक में जमा नहीं किया गया. प्रथम दृष्टया इसकी सूचना हमें मिली तो एक कमेटी गठित कर इसकी जांच कराई गई. जांच में वहां तैनात उपरोकड़िया की भूमिका संदिग्ध लगी. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है.
-कुमार प्रशांत, जिलाधिकारी