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बदायूं: दातागंज उपकोषागार में तैनात कैशियर ने किया 5 करोड़ से ज्यादा का गबन

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में स्थित दातागंज उपकोषागार में पांच करोड़ से ज्यादा के गबन का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि उपकोषागार में तैनात कैशियर ने अवैध तरीके से स्टांप बेचकर यह गबन किया था.

दातागंज उपकोषागार
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Published : Nov 19, 2019, 2:49 PM IST

बदायूं: जिले की दातागंज तहसील के उपकोषागार में 5 करोड़ से ज्यादा के स्टांप बेचकर कैशियर रकम को हड़पने का मामले सामने आया है. वहीं गबन की जानकारी मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया. रोकड़िया बगैर कोई जानकारी दिए फरार हो गया. बता दें कि कुछ दिन पहले शासन की ओर से छोटे-छोटे उपकोषागारों को बंद करने का आदेश आया था. जिलाधिकारी ने दातागंज उपकोषागार के अभिलेख भी चेक करवाए थे, जिसके बाद यह मामला सामने आया.

जानकारी देते जिलाधिकारी कुमार प्रशांत.

क्या है मामला

  • दातागंज तहसील के उपकोषागार में तैनात रोकड़िया हरीश साल 2013 से घपले बाजी कर रहा था.
  • जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने चार सदस्यों की टीम गठित कर उपकोषागार के अभिलेख चेक कराए.
  • जांच में पाया कि रोकड़िया हरीश ने 5 करोड़ 70 लाख के स्टाम्प बेचकर उनका रुपया बैंक में जमा नहीं किया.
  • अधिकारियों को शक न हो इसके लिए उसने स्टॉक रजिस्टर में भी हेर-फेर कर रखी थी.
  • शासन की नीति के अनुसार उपकोषागारों को जिला कोषागार में सम्मिलित करने का आदेश आने के बाद सारे उपकोषागार बदायूं कोषागार में सम्मिलित हो गए.
  • इसके बाद भी दातागंज कोषागार में तैनात रोकड़िये ने वहां का लेखा-जोखा जमा नहीं किया और फरार हो गया.

इसे भी पढ़ें- सदन में उठाएंगे बिजली कर्मियों की आवाज: अजय कुमार लल्लू

2013 से वहां पर स्टांप बेचे जाते थे. स्टॉक रजिस्टर से उसका मिलान करने के उपरांत यह तथ्य सामने आए. स्टांप बेचे गए हैं, उनकी धनराशि को सही तरीके से बैंक में जमा नहीं किया गया. प्रथम दृष्टया इसकी सूचना हमें मिली तो एक कमेटी गठित कर इसकी जांच कराई गई. जांच में वहां तैनात उपरोकड़िया की भूमिका संदिग्ध लगी. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है.
-कुमार प्रशांत, जिलाधिकारी

बदायूं: जिले की दातागंज तहसील के उपकोषागार में 5 करोड़ से ज्यादा के स्टांप बेचकर कैशियर रकम को हड़पने का मामले सामने आया है. वहीं गबन की जानकारी मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया. रोकड़िया बगैर कोई जानकारी दिए फरार हो गया. बता दें कि कुछ दिन पहले शासन की ओर से छोटे-छोटे उपकोषागारों को बंद करने का आदेश आया था. जिलाधिकारी ने दातागंज उपकोषागार के अभिलेख भी चेक करवाए थे, जिसके बाद यह मामला सामने आया.

जानकारी देते जिलाधिकारी कुमार प्रशांत.

क्या है मामला

  • दातागंज तहसील के उपकोषागार में तैनात रोकड़िया हरीश साल 2013 से घपले बाजी कर रहा था.
  • जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने चार सदस्यों की टीम गठित कर उपकोषागार के अभिलेख चेक कराए.
  • जांच में पाया कि रोकड़िया हरीश ने 5 करोड़ 70 लाख के स्टाम्प बेचकर उनका रुपया बैंक में जमा नहीं किया.
  • अधिकारियों को शक न हो इसके लिए उसने स्टॉक रजिस्टर में भी हेर-फेर कर रखी थी.
  • शासन की नीति के अनुसार उपकोषागारों को जिला कोषागार में सम्मिलित करने का आदेश आने के बाद सारे उपकोषागार बदायूं कोषागार में सम्मिलित हो गए.
  • इसके बाद भी दातागंज कोषागार में तैनात रोकड़िये ने वहां का लेखा-जोखा जमा नहीं किया और फरार हो गया.

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2013 से वहां पर स्टांप बेचे जाते थे. स्टॉक रजिस्टर से उसका मिलान करने के उपरांत यह तथ्य सामने आए. स्टांप बेचे गए हैं, उनकी धनराशि को सही तरीके से बैंक में जमा नहीं किया गया. प्रथम दृष्टया इसकी सूचना हमें मिली तो एक कमेटी गठित कर इसकी जांच कराई गई. जांच में वहां तैनात उपरोकड़िया की भूमिका संदिग्ध लगी. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है.
-कुमार प्रशांत, जिलाधिकारी

Intro:बदायूं की दातागंज तहसील के उप कोषागार में 5 करोड़ से ज्यादा के स्टांप बेचकर कैशियर रकम को हड़प गया गवन की खबर मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया रोकडिया बगैर कोई जानकारी दिए भाग गया अभी कुछ दिन पहले ही शासन की ओर से छोटे-छोटे उप कोषागार को बंद करने का आदेश आया था जिलाधिकारी ने जिले के उप कोषागार के अभिलेख भी चेक करवाये थे जिसके बाद यह मामला सामने आया।


Body:मामला बदायूं जिले के दातागंज तहसील के उप कोषागार का है यहां तैनात रोकडिया हरीश 2013 से घपले बाजी कर रहा था जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने टीम गठित कर उप कोषागार के अभिलेख चेक कराएं तो बड़ा मामला सामने आया 4 सदस्य टीम ने जांच पड़ताल में यह पाया की रोकडिया हरीश ने 5 करोड़ 70 लाख के स्टाम्प बेचकर उनका रुपया बैंक में जमा नहीं किया यह घोटाला वह 2013 से कर रहा था अधिकारियों को शक ना हो इसलिए उसने स्टॉक रजिस्टर में भी हेर फेर पर कर रखी थी लेकिन जब शासन की नीति के अनुसार उप कोषागारओं को जिला कोषागार में सम्मिलित करने का आदेश आया उसके बाद सारे उप कोषागार बदायूं कोषागार में आकर सम्मिलित हो गए लेकिन दातागंज कोषागार में तैनात रोकड़िये ने बहां का लेखा-जोखा जमा नहीं किया और फरार हो गया।


Conclusion:वहीं पूरे मामले पर जिला अधिकारी कुमार प्रशांत का कहना है कि यह मामला काफी पुराना है और 2013 से वहां पर स्टांप बेचे जाते थे स्टॉक रजिस्टर से उसका मिलान करने के उपरांत यह तथ्य सामने आए स्टांप बेचे गए हैं उनकी धनराशि को सही तरीके से बैंक में जमा नहीं किया गया प्रथम दृष्टया जब इसकी सूचना हमें मिली तो एक कमेटी गठित करके इसकी जांच करवाई गई जांच के उपरांत वहां पर तैनात उप रोकडिया की भूमिका संदिग्ध लगी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई है और उनको निलंबित भी कर दिया गया है हमारे द्वारा संपूर्ण घटना की सूचना कुछ अधिकारियों को दे दी गई है।

बाइट--कुमार प्रशांत (जिलाधिकारी)


समीर सक्सेना
बदायूँ
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