नई दिल्ली : दो साल से लापता 15 वर्षीय किशोरी को क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Anti Human Trafficking Unit) ने बदायूं से बरामद कर लिया है. उसे अगवा करने वाले शख्स को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वर्ष 2019 में चिल्ला गांव से उसे ले जाकर आरोपी ने शादी कर ली थी. इस शादी से उनका नौ माह का एक बच्चा भी है. इस मामले में किशोरी का सुराग देने वाले को 50 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा भी हो रखी थी.
डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार, चिल्ला गांव से वर्ष 2019 में एक 15 वर्षीय लड़की लापता हो गई थी. इसे लेकर 13 सितंबर 2019 को मयूर विहार थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. लोकल पुलिस द्वारा इस मामले में किशोरी को काफी तलाशा गया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका. इसके बाद 19 मई 2020 को हाई कोर्ट ने यह मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने इस पूरे मामले की छानबीन शुरू की. उसके परिवार से बातचीत करने के अलावा टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली गई.
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हाल ही में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में तैनात एसआई गुंजन सिंह, एएसआई नरेश और हवलदार जोगिंदर की टीम लापता लड़की को तलाशने के लिए निकली. इस मामले में कॉल डिटेल निकाली गई. इससे एक संदिग्ध युवक का नंबर पुलिस टीम को मिला. उसकी लोकेशन बदायूं आ रही थी. इस जानकारी पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और बदायूं के दतिया गांव से नाबालिग लड़की को नौ महीने की बच्ची के साथ बरामद कर लिया. वहां से जगबीर नामक आरोपी को पकड़ लिया गया.
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पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पीड़ित लड़की नौवीं क्लास में चिल्ला गांव के एक स्कूल में पढ़ती थी. जगबीर उसे अगवा कर अपने साथ ले गया था. उस समय वह अपने दोस्त साहिल का इंतजार कर रही थी. चिल्ला गांव में शाहिद किराए के मकान में रहता था. आरोपी जगबीर ने लड़की को अकेले देखा और उसे अपने साथ ले गया. उसने उसके साथ दिल्ली के एक मंदिर में शादी कर ली थी. इसके बाद वह उसे अपने गांव ले गया, जहां पर वह पति-पत्नी की तरह रहते थे. इस मामले में 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था.