बदायूंः समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव समेत तीन नेताओं ने चुनाव के दौरान प्रलोभन देने के मामले में विशेष न्यायालय एमपी एमएलए सीनियर डिवीजन कोर्ट में सरेंडर किया. कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद देर शाम 20-20 हजार के दो जमानतों पर रिहा कर दिया. इन तीनों लोगों पर पर आरोप है कि विधानसभा 2022 के चुनाव के दौरान मैरिज हाल में आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्रियों को जुटाकर प्रलोभन दिया था.
बता दें कि 3 फरवरी 2022 को एसडीएम सदर सुखलाल वर्मा को सूचना मिली कि विधानसभा 115 के सदर सीट से सपा प्रत्याशी रईस अहमद, पूर्व सपा सांसद धर्मेंद्र यादव, फखरे अहमद शोबी द्वारा गांव पड़ौआ के समीप बुधवाई रोड स्थित पूनम लॉन में बगैर किसी निर्वाचन अधिकारी के अनुमति के सभा का आयोजन किया जा रहा है. इसके बाद अफसरों ने छापा मारा तो आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्री, शिक्षा मित्र एवं अनुदेशक मिले. जो राज्य सरकार से मानदेय प्राप्त करते हैं. इसके बाद कोविड-19 प्रॉटोकाल अधिनियम-1951 एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सुसंगत धाराओं में सिविल लाइंस कोतवाली में सपा प्रत्याशी, पूर्व सांसद सहित 37 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था. जिसकी चार्जशीट सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में दायर की थी.
मुकदमे में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, सपा प्रत्याशी हाजी रहीस अहमद, फखरे अहमद शोबी समेत 37 लोग थे. इनके खिलाफ चुनाव संहिता उल्लंघन, महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. बाद में 8 लोगों की नामजदगी झूठी पाई गई थी. पुलिस ने साक्ष्यों को संकलित कर पूर्व सासंद एवं पूर्व प्रत्याशी समेत 29 के खिलाफ एमपीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में 26 लोगों ने पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर जमानत पा चुके हैं.