आजमगढ़ः लखनऊ में अजीत सिंह की हत्या कराने के आरोपी ध्रुव उर्फ कुंटू सिंह के खिलाफ जिले में कार्रवाई लगातार जारी है. आजमगढ़ जेल में बंद कूंटू सिंह के दो शिक्षण संस्थानों को ध्वस्त किये जाने की नोटिस प्रशासन ने चस्पा किया है. नोटिस चस्पा होने के बाद दोनों कॉलेज के छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया. छात्रों ने अधिकारियों के बूट पॉलिश कर मेहनताना की मांग की. छात्रों ने प्रशासन से मांग की कि उनके भविष्य को देखते हुए दोनों विद्यालयों का ध्वस्तीकरण रोका जाए.
अजीत हत्याकांड के बाद कुंटू सिंह के खिलाफ कार्रवाई जारी
लखनऊ में अजीत सिंह की हत्या के बाद प्रशासन के निशाने पर आए ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह के खिलाफ पुलिस और जिला प्रशासन की कार्रवाई जारी है. कुंटू सिंह के सगड़ी तहसील के देऊपुर कमालपुर स्थित गिरजा शंकर स्मृति महाविद्यालय और रुद्र प्रताप पालीटेक्निक कॉलेज पर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस चस्पा कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है. नोटिस में पूछा गया है कि इसका नक्शा जिला पंचायत से पास हुआ है या नहीं और निर्माण कब हुआ है. दोनों शिक्षण संस्थानों को नोटिस जारी होने के बाद बुधवार को विद्यालय के सैकड़ो छात्रों प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे.
छात्रों ने जिला प्रशासन को दी चेतावनी
इस दौरान छात्रों ने हाथ में बूट पॉलिश और ब्रस लिये हुए थे. विद्यार्थियों ने अधिकारियों का बूट पॉलिश कर विरोध जताया और कॉलेज के ध्वस्तीकरण कार्रवाई रोकने की मांग की. छात्रों का कहना है कि विद्यालय किसी का भी हो वे उसमें शिक्षा ग्रहण करते हैं, उन्होंने विद्यालय में फीस दिया है. प्रशासन अगर विद्यालय को ध्वस्त करता है तो उनका भविष्य खराब होगा. छात्रों ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो सब्जी का ठेला लगाने के साथ ही अन्य तरीकों से विरोध करेंगे.
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ध्वस्तीकरण कार्रवाई को राजनीतिक रंजिश
वहीं अधिवक्ता आनंद सिंह ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई को राजनीतिक रंजिश करार दिया है. उनका कहना है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत जिलाधिकारी को स्कूल की संपत्ति को जप्त करने का अधिकार है, उनके द्वारा दिये गये नोटिस का जबाव दे दिया गया है. गैंगस्टर कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है. जबकि अब दोनों शिक्षण संस्थानों को नक्शा आदि पास नहीं कराने के लिए जिला पंचायत से ध्वस्तीकरण की नोटिस जारी की गयी है. शासन द्वारा जारी वर्ष 2018 के शासनादेश में किसी भी शिक्षण संस्थान को ध्वस्त करने का कहीं उल्लेख नहीं है.
48 घंटे में निकाला जाएगा समाधान
अतिरिक्त मजिस्ट्रेट विमल दुबे ने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. इसको लेकर अगले 48 घंटे में जिलाधिकारी से मिलकर कोई समाधान निकाला जाएगा.