आजमगढ़ः जिले के एमपी एमएलए कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच फतेहगढ़ जिला जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वर्तमान विधायक व पूर्व सांसद रमाकांत यादव को तीन मामलों में शनिवार को पेश किया गया. वही, पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी की भी पेशी हुई. दोनों लोग वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान अंबारी पुलिस चौकी के पास रमाकांत यादव व अकबर अहमद डंपी के बीच हुई फायरिंग के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए.
इसी मामले में अन्य 36 आरोपी भी कोर्ट में पेश हुए. इसी के साथ इस मुकदमे का ट्रायल शुरू हो गया है. रमाकांत यादव की अंबारी चौक फायरिंग मामले के अलावा पिछले वर्ष अहिरौला के माहुल में जहरीली शराब के मामले में भी पेशी हुई. अब इन तीनों मामलों की अगली सुनवाई 9 जून को होगी, जिसमें गवाही दर्ज होगी. गौरतलब है कि वर्ष 1998 के लोकसभा उपचुनाव के दौरान सपा प्रत्याशी रमाकांत यादव और बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी दोनों कई बार चुनाव में आमने-सामने हुए थे, लेकिन शनिवार को जब कोर्ट में पेशी हुई, तब दोनों ही प्रस्पर प्रतिद्वंद्वी अगल-बगल ही बैठे थे.
रमाकांत यादव के अधिवक्ता आद्या प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि रमाकांत यादव की अंबारी में धारा 307 और अहिरौला के शराब कांड के दो मामलों में पेशी हुई. वहीं, कोर्ट से बाहर निकलते समय रमाकांत यादव ने एक बार फिर दोहराया कि सरकार उन्हें फर्जी मामले में फंसा रही है. अंबारी फायरिंग मामले में हाईकोर्ट से आए अधिवक्ता ने कहा कि 'वह भी इस मामले में मुलजिम बनाए गए, जब वह साढ़े 18 वर्ष के थे. इसमें पुलिस का यह कहना था कि चुनाव के दौरान रमाकांत यादव और अकबर अहमद डंपी प्रत्याशी थे. दोनों का काफिला अंबारी चौक के पास आमने सामने आ गया था, जिसमें अंधाधुंध फायरिंग की गई. हालांकि अधिवक्ता ने इसमें पुलिस की थ्योरी पर कई सवाल भी खड़ा किए.