आजमगढ़ः वरिष्ठ इतिहासकार और जवाहरलाल विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर चमनलाल ने कहा कि जिस तरह से संसद के भीतर गोडसे का नाम राष्ट्रभक्त के रूप में आ रहा है, निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सवाल किया है कि क्या गांधी जी राष्ट्रद्रोही थे? उन्होंने कहा कि एक तरफ महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ उनके हत्यारों को देशभक्त कह रहे हैं.
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बहरहाल साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने नाथू राम गोडसे को देशभक्त कहा था, उन्होंने गांधी जी के बारे किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं की थी. बताते चलें कि आजमगढ़ जनपद में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का मकसद यहां के युवाओं को भगत सिंह के आदर्शों से अवगत कराना था. इसके साथ ही हमारी नई पीढ़ी को भारत की विभूतियों के बारे में और अधिक जागरूक करना है.
जेएनयू पर लगातार उठ रहे सवाल के जवाब पर डॉ. चमनलाल ने कहा कि जेएनयू के जितने भी वीडियो बने हैं सारे झूठे हैं और जेएनयू को बदनाम किया जा रहा है. जिस तरह से फीस वृद्धि के लिए जेएनयू में प्रदर्शन शुरू हुआ उसके बाद दुनिया के कई अन्य मुल्कों में भी फीस को लेकर प्रदर्शन शुरू हुआ है. उन्होंने जेएनयू के छात्रों को सच्चा देशभक्त बताते हुए कहा कि जेएनयू को जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है.