ETV Bharat / state

आजमगढ़: जब प्रवासी लॉकडाउन में पहुंचे घर तो पता चला जमीनों पर हो गया है कब्जा

देशभर में लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर लौट रहे हैं. अब वे वापस आकर जमीन-जायदाद में अपना हिस्सा मांग रहे हैं, जिससे जमीन जायदाद की समस्याएं बढ़ने लगी हैं.

अपर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह
अपर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह
author img

By

Published : Jun 6, 2020, 11:09 AM IST

आजमगढ़: पूरे देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण विभिन्न प्रदेशों में रोजी-रोटी की तलाश में गए प्रवासी श्रमिकों के घर वापसी का सिलसिला जारी है. यूपी के आजमगढ़ जिले में अभी तक एक लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं. ऐसे में इन श्रमिकों को अपने ही घरों में संपत्ति के विवाद से उलझना पड़ रहा है.

गुजरात के सूरत में नौकरी करने गए दुर्गेश निषाद लॉकडाउन के बाद लौटकर अपने गांव आए हैं. उनका कहना है कि 10 साल बाद जब वापस घर आया तो गांव के लोग व रिश्तेदारों ने खेतों पर कब्जा कर लिया है. अब वह इसकी शिकायत को लेकर कभी प्रधान के पास जाते हैं तो कभी पुलिस के पास. गांव के प्रधान रामकरण यादव का कहना है कि गांव के लोग जो पिछले 15-20 वर्ष से गांव से दूर जाकर मजदूरी कर रहे हैं, जब यह लॉकडाउन में गांव आ रहे हैं तो निश्चित रूप से इनकी जमीनों पर अन्य लोगों का कब्जा किया हुआ है.

प्रवासियों के घर पहुंचते ही बढ़ने लगा जमीन-जायदाद का झगड़ा

इस बारे में आजमगढ़ के अपर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि लॉकडाउन में एक लाख से अधिक लोग अपने घर आए हैं. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के डीजीपी के निर्देश पर जनपद के गांव को A, B, C तीन कैटेगरी में बांटा गया है. इसमें C कैटेगरी वाले गांव में दरोगा के साथ-साथ राजस्व विभाग के इंस्पेक्टर को भेजा जाता है. B कैटेगरी वाले गांव में दरोगा और थाना इंचार्ज को भेजा जा रहा है. साथ ही A कैटेगरी जहां गंभीर स्थिति है, वहां पर सीओ और एसडीएम स्तर के अधिकारियों को भेजा जाता है. जिससे समस्याओं का समाधान हो सके.

अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि जनपद में जमीन कम है और निश्चित रूप से जब बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे लोग गांव वापस आएंगे तो जमीन जायदाद की समस्याओं में इजाफा होगा. फिलहाल पुलिस इसका समाधान कर रही है. बता दें कि, 55 लाख की आबादी वाले आजमगढ़ जनपद के बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोटी की तलाश में गए थे. अब जबकि पूरे देश में लॉकडाउन लागू हुआ तो सभी की नौकरी छूट गई. मजबूरन इन लोगों को अपने घरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है. जहां उनके सामने जमीन जायदाद की अलग समस्या खड़ी हो रही है.

आजमगढ़: पूरे देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण विभिन्न प्रदेशों में रोजी-रोटी की तलाश में गए प्रवासी श्रमिकों के घर वापसी का सिलसिला जारी है. यूपी के आजमगढ़ जिले में अभी तक एक लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं. ऐसे में इन श्रमिकों को अपने ही घरों में संपत्ति के विवाद से उलझना पड़ रहा है.

गुजरात के सूरत में नौकरी करने गए दुर्गेश निषाद लॉकडाउन के बाद लौटकर अपने गांव आए हैं. उनका कहना है कि 10 साल बाद जब वापस घर आया तो गांव के लोग व रिश्तेदारों ने खेतों पर कब्जा कर लिया है. अब वह इसकी शिकायत को लेकर कभी प्रधान के पास जाते हैं तो कभी पुलिस के पास. गांव के प्रधान रामकरण यादव का कहना है कि गांव के लोग जो पिछले 15-20 वर्ष से गांव से दूर जाकर मजदूरी कर रहे हैं, जब यह लॉकडाउन में गांव आ रहे हैं तो निश्चित रूप से इनकी जमीनों पर अन्य लोगों का कब्जा किया हुआ है.

प्रवासियों के घर पहुंचते ही बढ़ने लगा जमीन-जायदाद का झगड़ा

इस बारे में आजमगढ़ के अपर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि लॉकडाउन में एक लाख से अधिक लोग अपने घर आए हैं. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के डीजीपी के निर्देश पर जनपद के गांव को A, B, C तीन कैटेगरी में बांटा गया है. इसमें C कैटेगरी वाले गांव में दरोगा के साथ-साथ राजस्व विभाग के इंस्पेक्टर को भेजा जाता है. B कैटेगरी वाले गांव में दरोगा और थाना इंचार्ज को भेजा जा रहा है. साथ ही A कैटेगरी जहां गंभीर स्थिति है, वहां पर सीओ और एसडीएम स्तर के अधिकारियों को भेजा जाता है. जिससे समस्याओं का समाधान हो सके.

अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि जनपद में जमीन कम है और निश्चित रूप से जब बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे लोग गांव वापस आएंगे तो जमीन जायदाद की समस्याओं में इजाफा होगा. फिलहाल पुलिस इसका समाधान कर रही है. बता दें कि, 55 लाख की आबादी वाले आजमगढ़ जनपद के बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोटी की तलाश में गए थे. अब जबकि पूरे देश में लॉकडाउन लागू हुआ तो सभी की नौकरी छूट गई. मजबूरन इन लोगों को अपने घरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है. जहां उनके सामने जमीन जायदाद की अलग समस्या खड़ी हो रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.