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आजमगढ़: ईटीवी भारत की खबर का असर, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में शौचालो को लेकर सरकार के दावों की पोल खुल गई है. जिले में खुले में शौच मुक्त अभियान के बाद खुले में यूरिनल डिस्चार्ज पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके बाद जिले में कई शौचालय बनाए गए जिस पर तालाबंदी है.

सरकार को झूठे दावों की खुली पोल.
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Published : Sep 24, 2019, 11:01 AM IST

आजमगढ़: जिले में यूरिनल डिस्चार्ज के लिए जगह-जगह बने लाखों की लागत से शौचालयों पर तालाबंदी की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई का भरोसा देते हुए जांच के आदेश दिए थे.

सरकार को झूठे दावों की खुली पोल.
खुले में शौच मुक्त अभियान के बाद खुले में यूरिनल डिस्चार्ज पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके बाद जिला नगर पालिका ने लाखों की लागत से शहर में कई जगह यूरिनल डिस्चार्ज शौचालय बनवाए, लेकिन पिछले 1 साल से इन शौचालयों का ताला ही नहीं खुला. यहां तक कि यह शौचालय गिरने भी लगे.

इसे भी पढ़ें- बस्ती: ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई, DSP समेत 10 पुलिसकर्मियों का कटा चालान

वहीं गिरने का यह दृश्य इनके निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की गवाही दे रहा हैं. वहीं जब ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया तो नगरपालिका के ईओ ने मौखिक तौर पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया.

इन शौचालयों के बंद होने से लोगों को खुले में यूरिनल डिस्चार्ज करना पड़ता है. वहीं कई दिन बीत जाने के बाद भी जब इन शौचालयों का ताला नहीं खोला गया और न ही इसमें हुए भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुई तो ईटीवी भारत की टीम ने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने का आदेश दे दिया.

मामला उनके संज्ञान में ला दिया गया है. अब इसकी एक उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और इसमें जिस प्रकार की कमी या अनियमितता का पता चलेगा उस आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
-नागेंद्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी

आजमगढ़: जिले में यूरिनल डिस्चार्ज के लिए जगह-जगह बने लाखों की लागत से शौचालयों पर तालाबंदी की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई का भरोसा देते हुए जांच के आदेश दिए थे.

सरकार को झूठे दावों की खुली पोल.
खुले में शौच मुक्त अभियान के बाद खुले में यूरिनल डिस्चार्ज पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके बाद जिला नगर पालिका ने लाखों की लागत से शहर में कई जगह यूरिनल डिस्चार्ज शौचालय बनवाए, लेकिन पिछले 1 साल से इन शौचालयों का ताला ही नहीं खुला. यहां तक कि यह शौचालय गिरने भी लगे.

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वहीं गिरने का यह दृश्य इनके निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की गवाही दे रहा हैं. वहीं जब ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया तो नगरपालिका के ईओ ने मौखिक तौर पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया.

इन शौचालयों के बंद होने से लोगों को खुले में यूरिनल डिस्चार्ज करना पड़ता है. वहीं कई दिन बीत जाने के बाद भी जब इन शौचालयों का ताला नहीं खोला गया और न ही इसमें हुए भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुई तो ईटीवी भारत की टीम ने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने का आदेश दे दिया.

मामला उनके संज्ञान में ला दिया गया है. अब इसकी एक उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और इसमें जिस प्रकार की कमी या अनियमितता का पता चलेगा उस आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
-नागेंद्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी

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एंकर- आजमगढ़ में यूरिनल डिस्चार्ज के लिए जगह-जगह बने लाखों की लागत से शौचालयो पर तालाबंदी की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी जिसके पास जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही का भरोसा देते हुए जांच का आदेश दे दिया।


Body:वीवो1- खुले में शौच मुक्त अभियान के बाद खुले में यूरिनल डिस्चार्ज पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया जिसके बाद आजमगढ़ नगर पालिका ने लाखों की लागत से शहर में कई जगह यूरिनल डिस्चार्ज शौचालय बनवाए लेकिन पिछले 1 साल से इन शौचालयों का ताला ही नहीं खुला यहां तक कि यह गिरने भी लगे जो इनके निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की गवाही दे रहे हैं। वहीं जब ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया तो नगरपालिका के ईओ ने मौखिक तौर पर कार्यवाही का भरोसा दिलाया।

वीवो2- इन शौचालयों के बंद होने से लोगो को खुले में यूरिनल डिस्चार्ज करना पड़ता है। वही कई दिन बीत जाने के बाद भी जब इन शौचालयों का ताला नहीं खोला गया और ना ही इसमें हुए भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुई तो ईटीवी भारत की टीम ने जिलाधिकारी आजमगढ़ से इसकी शिकायत की जिसके बाद उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने का आदेश दे दिया।


Conclusion:जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में ला दिया गया है अब इसकी एक उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और इसमें जिस प्रकार की कमी या अनियमितता का पता चलेगा उस आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अब देखने वाली बात होगी कि नगर पालिका जिलाधिकारी के आदेशों का किस तरह पालन करता है क्या इन शौचालयों का ताला खुलता है और इसमें हुए भ्रष्टाचार की जांच होती है या फिर वही सरकारी रवैया अपनाया जाता है।

प्रत्युष सिंह
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