आजमगढ़: जिले के चौक स्थित दक्षिण मुखी मां दुर्गा का मंदिर लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है. हर नववर्ष पर यहां पर छप्पन भोग लगाया जाता है. साथ ही मां दुर्गा का भव्य श्रृंगार किया जाता है. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तगण आकर मां दुर्गा से अपनी मन्नतें मांगते हैं. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा से जो भी भक्त अपने मन की मुराद मांगते हैं, मां दुर्गा अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी करती हैं.
नव वर्ष पर होता है मां का श्रंगार और चढ़ाते है छप्पन भोग
दक्षिण मुखी मां दुर्गा मंदिर के वरिष्ठ पुजारी शरद चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि नव वर्ष के उपलक्ष में मां दुर्गा का वार्षिक सिंगार किया जाता है और माता दुर्गा को छप्पन भोग का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है. पुजारी संरक्षण त्रिपाठी का कहना है कि यह मंदिर पुराना होने के साथ-साथ तांत्रिक मंदिर भी है. एशिया महाद्वीप में कोलकाता में दक्षिणेश्वर मंदिर के बाद सिर्फ आजमगढ़ में ही यह मंदिर हैं. उन्होंने बताया कि इस मंदिर की स्थापना हमारे पूर्वजों ने की थी.
कोई भी काम शुरू करने से पहले लोग करते हैं मां के दर्शन
दक्षिण मुखी मंदिर तांत्रिक पूजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. शरद चंद त्रिपाठी के पूर्वज बड़े तांत्रिक थे और उन्हीं की पूजा से प्रसन्न होकर मां दुर्गा स्वयं निकली थी, जिसके बाद यहां पर मां के मंदिर का निर्माण हुआ. लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराने इस मंदिर में जो भी भक्त अपनी मन की मुराद मांगते हैं मां दुर्गा उनकी हर मुराद को पूरी करती हैं. कोई भी व्यक्ति अपना काम शुरू करता है तो दक्षिणमुखी मां दुर्गा के दर्शन के बाद ही अपना काम शुरू करता है.
मां के दर्शन को साल के पहले ही दिन उमड़ पड़ते हैं भक्त
दक्षिण मुखी मां दुर्गा का मंदिर होने के कारण इस मंदिर की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में भक्तगण मां दुर्गा के दर्शन करने के लिए आते हैं और जो भी मुराद मां दुर्गा से मांगते हैं मां दुर्गा उनकी हर मुराद को पूरी करती हैं. नव वर्ष के पहले दिन से ही मां दुर्गा के इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ पड़ती है.
इसे भी पढ़ें- कानपुर में बोले सुरेश खन्ना- नागरिकता छीनने नहींं देने को बनाया गया है सीएए