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अधिकारी और कर्मचारी निराश्रित गोवंशों के लिए एक दिन की सैलरी करें दानः डीएम

आजमगढ़ में जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज (DM Vishal Bhardwaj) ने अनोखी पहल की है. उन्होंने सभी अधिकारी और कर्मचारियों को अपना एक दिन का वेतन निराश्रित गोवंश के लिए दान देने की अपील की है.

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गोवंशों के लिए एक दिन की सैलरी करें दानः डीएम
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Published : Apr 28, 2022, 6:25 PM IST

आजमगढ़ः जिले में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए डीएम ने एक विशेष अभियान की शुरूआत की है. इस अभियान में सभी कर्मचारी अपना एक दिन का वेतन निराश्रित गोवंश के संरक्षण लिए देने की अपील की है. इन पैसों को निराश्रित गोशालाओं में चारा, पानी और अन्य सुविधाओं पर खर्च किया जायेगा. इसी के साथ डीएम ने पूरे जिले के आमजनमानस से अपील की है कि वे गोसंरक्षण के आगे आये और उनसे जो भी संभव हो सकता है निराश्रित गोवंशों के लिए करें.

कलेक्ट्रट सभागार में गुरूवार को डीएम विशाल भारद्वाज ने जिले में निराश्रित गोवंश के संरक्षण और सुविधाओं के लिए सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से एक दिन का वेतन देने की अपील किया है. जिलाधिकारी की अपील के चंद मिनट बाद ही सुबह 11 बजे एक लाख 44 हजार रुपये इकट्ठा हो गये. इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 52 गोआश्रय स्थल हैं, जहां निराश्रित पशुओं को रखा गया है.

जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज

शासन की तमाम योजनाओं से गो आश्रय स्थल में व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उन्होने कहा कि आश्रय स्थलों को और सुविधाओं से लैस करने, चारा इत्यादि के लिए जनसहभागिता की जरूरत है. इसके लिए उन्होने जनपदवासियों से अपील किया वे इस अभियान में भाग लें. जिसमें दान दे सकते हैं, भूसा, चारा, या अन्य जो आश्रय स्थल में जरूरी है, वो कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- सांसद नवनीत राणा के बेटे-बेटी ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

इसके साथ ही साथ गोआश्रय स्थल में उपस्थित पशुओं को ले सकते हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि गो आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने पर भी काम किया जा रहा है. सभी गोशालाओं को चारागाहों से टैग किया जा रहा है. जिसमें मनरेगा से चारा बोने की व्यवस्था की जायेगी. इसके साथ ही गोबर और गोमूत्र के प्रशिक्षण के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जायेगा. उनके सामान बेचने के बाद जो आय होगी, उसे स्वयं सहायता समूह और आश्रय स्थलों पर खर्च किया जायेगा.

आजमगढ़ः जिले में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए डीएम ने एक विशेष अभियान की शुरूआत की है. इस अभियान में सभी कर्मचारी अपना एक दिन का वेतन निराश्रित गोवंश के संरक्षण लिए देने की अपील की है. इन पैसों को निराश्रित गोशालाओं में चारा, पानी और अन्य सुविधाओं पर खर्च किया जायेगा. इसी के साथ डीएम ने पूरे जिले के आमजनमानस से अपील की है कि वे गोसंरक्षण के आगे आये और उनसे जो भी संभव हो सकता है निराश्रित गोवंशों के लिए करें.

कलेक्ट्रट सभागार में गुरूवार को डीएम विशाल भारद्वाज ने जिले में निराश्रित गोवंश के संरक्षण और सुविधाओं के लिए सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से एक दिन का वेतन देने की अपील किया है. जिलाधिकारी की अपील के चंद मिनट बाद ही सुबह 11 बजे एक लाख 44 हजार रुपये इकट्ठा हो गये. इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 52 गोआश्रय स्थल हैं, जहां निराश्रित पशुओं को रखा गया है.

जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज

शासन की तमाम योजनाओं से गो आश्रय स्थल में व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उन्होने कहा कि आश्रय स्थलों को और सुविधाओं से लैस करने, चारा इत्यादि के लिए जनसहभागिता की जरूरत है. इसके लिए उन्होने जनपदवासियों से अपील किया वे इस अभियान में भाग लें. जिसमें दान दे सकते हैं, भूसा, चारा, या अन्य जो आश्रय स्थल में जरूरी है, वो कर सकते हैं.

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इसके साथ ही साथ गोआश्रय स्थल में उपस्थित पशुओं को ले सकते हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि गो आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने पर भी काम किया जा रहा है. सभी गोशालाओं को चारागाहों से टैग किया जा रहा है. जिसमें मनरेगा से चारा बोने की व्यवस्था की जायेगी. इसके साथ ही गोबर और गोमूत्र के प्रशिक्षण के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जायेगा. उनके सामान बेचने के बाद जो आय होगी, उसे स्वयं सहायता समूह और आश्रय स्थलों पर खर्च किया जायेगा.

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