अयोध्या: जनपज स्थित सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटीय इलाकों के डूबने का खतरा बढ़ गया है. सोमवार को नदी का जल स्तर बढ़ गया, जिससे नदी के किनारे स्थित शमशान घाट की लकड़ियां बह गईं. इसे पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर बताया जा रहा है. इससे अंतिम संस्कार भी दूभर हो गया है. सरयू घाट के बैकुंठ धाम में रोज 100 के करीब शवों का दाह संस्कार होता है. इनमें कई कोरोना संक्रमितों के शव भी शामिल होते हैं. इन परिस्थितियों में बैकुंठ धाम में शवों के दाह संस्कार को लेकर लोगों की मुसीबत बढ़ गई है.
बैकुंठ धाम में पानी भरने की वजह से एक ओर जहां लकड़ियां गीली हो गईं हैं, वहीं दूसरी ओर दाह संस्कार के लिए भूमि भी डूब गई है. आज तक सरकार और अयोध्या के जिला प्रशासन ने दाह संस्कार के लिए उचित प्लेटफार्म भी नहीं बनाया है. सरयू तट स्थित केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि विगत 24 घंटे में सरयू का जलस्तर प्रति घंटा 10 सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ा है. इसका कारण पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश होना है. क्योंकि बारिश होने से डैम का पानी खोल दिया जाता है.
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सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा
अभी सरयू का जलस्तर 90 मीटर 80 सेंटीमीटर पहुंच गया है. सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह माना जा रहा है कि अभी 40 सेंटीमीटर सरयू का जलस्तर और बढ़ेगा. सरयू घाट पर जब जलस्तर कम था, तो पंडा समाज ने अपनी चौकी घाट पर लगा रखी थी. अचानक सरयू के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से पंडा समाज की लगी हुई कई चौकिया डूब गई हैं. सरयू नदी के किनारे माझा क्षेत्र में बोई गई फसल भी सरयू नदी के जलस्तर के बढ़ने के वजह से खतरे में है.