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अयोध्या के तीन विशेष स्थल, जहां दशकों से मिल रहा है रामकथा का अखंड रसपान

अयोध्या में प्रवेश करते ही घंट-घड़ियाल की धुन आपके कानों में पड़ती है. यह धुन यहां के लोगों के लिए आम बात हो सकती है, लेकिन उन श्रद्धालुओं के लिए इस धुन का विशेष महत्व है, जो यहां रामकथा या प्रभु श्रीराम से जुड़े प्रवचन सुनने आते हैं.

अयोध्या
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Published : Nov 3, 2019, 3:16 PM IST

अयोध्या: प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में प्रवेश करते ही राम नाम की धुन सुनाई देने लगती है. आस्था की इस नगरी की यही पहचान है. यहां श्री रामकुंज कथा मंडप पिछले 8 दशकों से श्रद्धालुओं को अनवरत राम कथा का रसपान कराता आ रहा है. यह स्थल हनुमानगढ़ी और तपसी जी की छावनी के बाद तीसरा स्थान है, जहां पर अनवरत कथा चल रही है. रामकथा मंडप में पिछले 8 दशकों से लगातार प्रतिदिन रामकथा के साथ अन्य धार्मिक कथाएं चलती रहती हैं. ईटीवी भारत ने रामकथा मंडप के महंत रामानंदाचार्य से बात की.

जानकारी देते महंत रामानंदाचार्य.

रामकुंज कथा मंडप
ईटीवी भारत से बात करते हुए महंत रामानंदाचार्य ने बताया कि ये वह स्थल है जहां के पीठाधीश्वर ने राजाओं को अपनी गोद में बैठाकर राम कथा सुनाई और उन्हें भगवान राम का दर्शन कराया था. महंत रामानंदाचार्य का कहना है कि अयोध्या अनादिकाल से भगवान श्री राम की जन्मभूमि रही है. यहां लंबे काल से संत, महात्मा, ऋषि, मुनि लोग निवास करते रहे हैं. अयोध्या में श्रीराम वल्लभाकुंज जानकी घाट एक स्थान है, जिसके संस्थापक पंडित श्रीराम वल्लभाशरण जी महाराज थे. उन्होंने प्रत्यक्ष कई राजा-रानियों को अपनी गोद में लेकर भगवान का दर्शन कराया था.

इसे भी पढ़ें- AK-47 के साये में बदायूं पुलिस करती है वाहन चेकिंग, वीडियो वायरल

उन्होंने बताया कि पंडित श्री रामचरण जी महाराज ने कई राजाओं को शिष्य बनाया. उन्हीं के विशिष्ट शिष्यों में श्रीराम कथा मंडप रामघाट अयोध्या के संस्थापक अखिलेश्वर दास जी महाराज थे, जिन्होंने कई वर्षों तक मणिराम दास छावनी में अपने गुरुदेव के आदेश से व्यासपीठ को संभाला. उन्होंने लंबे काल तक श्रीराम कथा और पुराणों के मंगलमय प्रवचन किया. बाद में वहां से महाराज श्रीराम कथा मंडप आए, जहां पिछले 8 दशकों से कथा चल रही है.

हनुमानगढ़ी
अयोध्या के प्रमुख स्थानों में से एक हनुमानगढ़ी पीठ पर पिछले कई वर्षों से लगातार अखंड राम नाम संकीर्तन चल रहा है. माना जाता है कि अगर हनुमान जी को प्रकट करना है तो श्रीराम को बुलाना पड़ता है. यही वजह है कि हनुमानगढ़ी में दशकों से अखंड राम नाम संकीर्तन चल रहा है.

तपसी जी की छावनी
अयोध्या के प्राचीन स्थलों में तपसी जी की छावनी भी एक स्थल है, जहां पर दशकों से रामभक्त लगातार राम कथा का रसपान करते आ रहे हैं. इस स्थल की विशेषता यहां की रामकथा से है.

अयोध्या: प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में प्रवेश करते ही राम नाम की धुन सुनाई देने लगती है. आस्था की इस नगरी की यही पहचान है. यहां श्री रामकुंज कथा मंडप पिछले 8 दशकों से श्रद्धालुओं को अनवरत राम कथा का रसपान कराता आ रहा है. यह स्थल हनुमानगढ़ी और तपसी जी की छावनी के बाद तीसरा स्थान है, जहां पर अनवरत कथा चल रही है. रामकथा मंडप में पिछले 8 दशकों से लगातार प्रतिदिन रामकथा के साथ अन्य धार्मिक कथाएं चलती रहती हैं. ईटीवी भारत ने रामकथा मंडप के महंत रामानंदाचार्य से बात की.

जानकारी देते महंत रामानंदाचार्य.

रामकुंज कथा मंडप
ईटीवी भारत से बात करते हुए महंत रामानंदाचार्य ने बताया कि ये वह स्थल है जहां के पीठाधीश्वर ने राजाओं को अपनी गोद में बैठाकर राम कथा सुनाई और उन्हें भगवान राम का दर्शन कराया था. महंत रामानंदाचार्य का कहना है कि अयोध्या अनादिकाल से भगवान श्री राम की जन्मभूमि रही है. यहां लंबे काल से संत, महात्मा, ऋषि, मुनि लोग निवास करते रहे हैं. अयोध्या में श्रीराम वल्लभाकुंज जानकी घाट एक स्थान है, जिसके संस्थापक पंडित श्रीराम वल्लभाशरण जी महाराज थे. उन्होंने प्रत्यक्ष कई राजा-रानियों को अपनी गोद में लेकर भगवान का दर्शन कराया था.

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उन्होंने बताया कि पंडित श्री रामचरण जी महाराज ने कई राजाओं को शिष्य बनाया. उन्हीं के विशिष्ट शिष्यों में श्रीराम कथा मंडप रामघाट अयोध्या के संस्थापक अखिलेश्वर दास जी महाराज थे, जिन्होंने कई वर्षों तक मणिराम दास छावनी में अपने गुरुदेव के आदेश से व्यासपीठ को संभाला. उन्होंने लंबे काल तक श्रीराम कथा और पुराणों के मंगलमय प्रवचन किया. बाद में वहां से महाराज श्रीराम कथा मंडप आए, जहां पिछले 8 दशकों से कथा चल रही है.

हनुमानगढ़ी
अयोध्या के प्रमुख स्थानों में से एक हनुमानगढ़ी पीठ पर पिछले कई वर्षों से लगातार अखंड राम नाम संकीर्तन चल रहा है. माना जाता है कि अगर हनुमान जी को प्रकट करना है तो श्रीराम को बुलाना पड़ता है. यही वजह है कि हनुमानगढ़ी में दशकों से अखंड राम नाम संकीर्तन चल रहा है.

तपसी जी की छावनी
अयोध्या के प्राचीन स्थलों में तपसी जी की छावनी भी एक स्थल है, जहां पर दशकों से रामभक्त लगातार राम कथा का रसपान करते आ रहे हैं. इस स्थल की विशेषता यहां की रामकथा से है.

Intro:अयोध्या: राम नगरी में प्रवेश करते ही अखंड राम नाम धुन आपको सुनाई देगी. आस्था की नगरी की यही पहचान है. यहां श्री रामकुंज कथा मंडप पिछले 8 दशकों से श्रद्धालुओं को अनवरत राम कथा का रसपान कराता आ रहा है. यह स्थल हनुमानगढ़ी और तपसी जी की छावनी के बाद तीसरा स्थान है, जहां पर अनवरत कथा चल रही है.


Body:रामकथा मंडप में पिछले 8 दशकों से लगातार प्रतिदिन रामकथा के साथ अन्य धार्मिक कथाएं चलती रहती हैं. ईटीवी भारत में रामकथा मंडप के महंत रामानंदाचार्य से बात की. उन्होंने बताया कि यह वह स्थल है जहां के पीठाधीश्वर ने राजाओं को अपने गोद में बैठाकर राम कथा सुनाई और उन्हें भगवान राम का दर्शन कराया था. आचार्य रामानंद दास का कहना है कि अयोध्या अनादिकाल से भगवान श्री राम की जन्मभूमि रही है. यहां लंबे काल से संत महात्मा ऋषि मुनि लोग निवास करते रहे हैं. अयोध्या में श्री राम वल्लभा कुंज जानकी घाट एक स्थान है जिसके संस्थापक श्री महाराज जी पंडित श्री राम वल्लभा शरण जी महाराज थे. उन्होंने प्रत्यक्ष कई राजा रानियों को अपनी गोद में लेकर भगवान का दर्शन कराया था. पंडित श्री रामचरण जी महाराज ने कई राजाओं को शिष्य बनाया और रामाचा जी को उन्होंने प्रकट किया आज पूरे भारत में संतों में श्री रामार्चा पूजा विशिष्ट रूप से की जाती है. उन्हीं के विशिष्ट शिष्यों में श्री राम कथा मंडप रामघाट अयोध्या के संस्थापक अखिलेश दास जी महाराज थे, जिन्होंने कई वर्षों तक मणिराम दास छावनी में अपने गुरुदेव के आदेश से व्यासपीठ को संभाला. वे लंबे काल तक श्री राम कथा एवं पुराणों के मंगलमय प्रवचन किया. बाद में वहां से महाराज जी राम कथा मंडप श्री राम कुंज कथा मंडप आए. जहां लगभग पिछले 8 दशकों से कथा चल रही है. हनुमानगढ़ी में हो रहा अखंड राम नाम संकीर्तन अयोध्या के प्रमुख स्थानों में से एक हनुमानगढ़ी पीठ पर पिछले कई वर्षों से लगातार अखंड राम नाम संकीर्तन चल रहा है माना जाता है कि अगर हनुमान जी को प्रकट करना है तो राम को बुलाना पड़ता है क्योंकि राम हनुमान जी के प्रिय भक्त हैं. यही वजह है कि हनुमानगढ़ी में दशकों से अखंड राम नाम संकीर्तन चल रहा है.


Conclusion:तपसी जी की छावनी अयोध्या के प्राचीन स्थलों में तपसी जी की छावनी भी एक स्थल है, जहां पर दशकों से राम भक्त लगातार राम कथा का रसपान करते आ रहे हैं. इस स्थल की विशेषता यहां की रामकथा से है. बाइट- आचार्य रामानंद दास, महंत, श्री रामकुंज कथा मंडप, राम घाट, अयोध्या
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