अयोध्याः धर्म नगरी अयोध्या के किनारे बहने वाली सरयू नदी (Saryu river in Ayodhya ) इस समय विकराल रूप दिखा रही है. सरयू नदी ने साल 2010 के बाढ़ के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बुधवार दोपहर सरयू नदी खतरे के निशान से एक मीटर 12 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. यह सरयू का अभी तक का सर्वाधिक ऊंचा जलस्तर है. नदी प्रति घंटे 2 से 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ती जा रही है. इसे देखते हुए तटीय इलाकों में रहने वाले लोग अपने गांवों से पलायन कर सुरक्षित स्थानों की तरफ बढ़ रहे हैं.
बीच धार में फंसी नाव, प्रशासन ने स्टीमर से किया रेस्क्यू
अयोध्या व गोंडा जनपद को जोड़ने वाले ढेमवा घाट इलाके में नदी में आई बाढ़ से एक परिवार नाव से सुरक्षित स्थान पर जा रहा था. बीच धारा में नाव फंस गई. नदी के बीचों-बीच दोनों नाव तेज प्रवाह में डगमगाने लगी. आनन-फानन में सीढ़ी लगाकर पुल के जरिए एक नाव से लोगों को रेस्क्यू किया गया. एसडीएम सोहावल और सोहावल पुलिस की मदद से स्टीमर के जरिए नदी के बीच में एक पेड़ के सहारे फंसी नाव में मौजूद लोगों को बुधवार की दोपहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. बाढ़ पीड़ितों ने गोंडा और अयोध्या प्रशासन द्वारा समुचित मदद न दिए जाने का भी आरोप लगाया है.
गोंडा के बाढ़ पीड़ित अयोध्या के राहत कैंपों में ढूंढ रहे आसरा
गोंडा के तराई (Terai areas of Gonda) इलाके से निकलकर अयोध्या के सोहावल आश्रय स्थल पर पहुंचे बाढ़ पीड़ितों ने गोंडा जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया गया है. उनका कहना है कि सूचना देने के बाद भी गोंडा जिला प्रशासन ने सरयू में फंसे नाविकों की मदद के लिए आगे नहीं आया. दरअसल ढेमवा घाट का सरयू नदी क्षेत्र गोंडा जनपद से सटा हुआ है. वहीं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीते कई दिनों से बिजली की सप्लाई बाधित है. यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में गांव वासियों के साथ-साथ मवेशियों के खाने-पीने की भी भारी किल्लत हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से कोई समुचित उपाय नहीं किया जा रहा है. चारों तरफ पानी भर जाने से जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है.
अयोध्या में पूरा बाजार ब्लॉक में बाढ़ से तबाही
नदी के तराई इलाकों में सदर तहसील क्षेत्र (Sadar Tehsil Area) से जुड़े पूरा बाजार इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. धर्म नगरी अयोध्या में भी सरयू आरती स्थल और श्मशान स्थल पूरी तरह से डूब गया है. कई गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. हालांकि प्रदेश सरकार की सूची में अभी तक अयोध्या जिले के सिर्फ 12 गांव ही बाढ़ प्रभावित घोषित किए गए हैं जबकि इनका आंकड़ा 100 के करीब है. जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया कि लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए लोगों को आगाह किया गया है. इसके अलावा प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को समुचित मदद दी जा रही है.उनके रहने और खाने-पीने का इंतजाम कर दिया गया है.
मेरठ में बारिश से दो मंजिला जर्जर मकान धराशायी
मेरठ में मूसलाधार बारिश से चारों तरफ पानी पानी हो गया है. वहीं बारिश की वजह से थाना लिसाड़ी गेट के पास एक दो मंजिला मकान गिरकर मलबे में तब्दील हो गया. इस मकान गिरने की वजह से मकान के अगले हिस्से में बनी 3 दुकानें भी गिरकर मलबे में मिल गई. हालांकि इस मकान के गिरने से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
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