अयोध्या. 5000 से अधिक मंदिरों वाला अयोध्या में लगभग हर जाति हर संप्रदाय और हर पंथ से जुड़े मंदिर मौजूद हैं. इन मंदिरों के पास दानस्वरूप नकद राशि के अलावा सोने-चांदी के अलावा बड़ी मात्रा में जमीन भी है. जिसको कब्जाने को लेकर धर्म नगरी में खून-खराबे का भी एक काला इतिहास रहा है. साधुओं के वेश में अयोध्या में मौजूद अपराधियों ने मंदिरों के महंतों की हत्या करके उनकी संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयास किया. लंबे समय बाद एक बार फिर यहां मंदिरों की संपत्ति कब्जाने को लेकर कुछ नए विवाद सामने आए हैं. ताजा मामला अयोध्या में दलित समुदाय की आस्था के केंद्र संत रविदास मंदिर से जुड़ा है, जहां संपत्ति को बेचने और भू-माफियाओं द्वारा उसे कब्जा करने की कोशिश का बड़ा मामला सामने आया है.
संत रविदास मंदिर के महंत बनवारी पति ब्रह्मचारी के अनुसार, अयोध्या के रायगंज चौकी क्षेत्र स्थित माझा बरहटा में संत रविदास मंदिर से जुड़ी बेशकीमती जमीन को कुछ भू-माफिया एग्रीमेंट के जरिए बेचने का प्रयास कर रहे हैं. जब उन्होंने ऐसा करने से रोका तो 15 दिन पहले उनके ऊपर हमला भी हुआ और जान से मारने की धमकी दी गई. वह इस मामले पर जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद अभी तक आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
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संत मंदिर के महंत ने ये भी आरोप लगाया कि संपत्ति बेचने का प्रयास करने वाले लोग बेहद ताकतवर हैं. यही वजह है कि उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. हमारी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि जिस तरह से अयोध्या के अन्य मंदिरों की सुरक्षा संरक्षा वह कर रहे हैं. उसी तरह से दलित समुदाय की इस मंदिर की भी सुरक्षा की जिम्मेदारी लें जिससे दलित समुदाय में उनकी सरकार के प्रति और विश्वास बढ़े.
गौरतलब है कि, अयोध्या का संत रविदास मंदिर प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है. दलित समुदाय से जुड़े लोगों की विशेष आस्था इस मंदिर से जुड़ी है. पिछली सरकारों में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी. उस दरमियान सत्तारूढ़ दल के बड़े नेता और मंत्रियों का इस मंदिर में आना-जाना रहा है. कई बड़े आयोजन भी उस दौरान होते रहे हैं. लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद इस मंदिर में बड़े नेताओं का आना कम हो गया वहीं, इस मंदिर से जुड़ी करोड़ों की जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद सतह पर आ गया है.
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