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अयोध्या में प्रभु की प्रतिमा को राम का ही आसरा

अयोध्या में सरयू तट पर प्रभु राम की विश्व में सबसे विशाल 251 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है. माझा बरेहटा में स्थान तय करने के बाद भी यह योजना अभी तक संबंधित जमीन का बंदोबस्त पूरा होने की बाट जोह रही है.

जानकारी देते महंत.
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Published : Nov 18, 2020, 6:58 PM IST

अयोध्या: रामनगरी में मनाए गए दीपोत्सव-2018 कार्यक्रम के अगले दिन 7 नवम्बर को सीएम योगी ने अयोध्या में प्रभु राम की विशाल प्रतिमा की स्थापना की घोषणा की थी. बाद में इसके आकार में परिवर्तन करते हुए प्रतिमा की लंबाई 221 मीटर से 251 मीटर कर दी गई, लेकिन जमीनी काम को लेकर यहां का प्रशासन काफी सुस्त ही रहा है. सीएम योगी ने हाल ही में खास तौर पर उस प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण भी किया, जहां प्रभु राम की विशाल प्रतिमा का प्राजेक्ट अमल में लाया जाना है.


सरकार जल्द ही इसे पूरा करेगी
पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत कमला दास रामायणी और हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ का यह प्रोजेक्ट बहुत प्रभावी है. हम सन्त और श्रद्धालु खुश हैं. सरकार जल्द ही इसे पूरा करेगी.

जानकारी देते महंत.
मीरपुर मांझा की जमीन का हो चुका है नोटिफिकेशन
प्रभु राम की प्रतिमा के प्राजेक्ट के लिए सहमति से जमीन अधिग्रहण के लिए सरयू तट के मीरपुर मांझा इलाके की जमीन का नोटिफिकेशन हो चुका है. अधिग्रहण के दायरे में सरयू तट के मीरपुर इलाके और हाईवे के पुल के बीच की जमीन के 5 मंदिर, 22 खातेदार, 517 वृक्ष और 165 लोगों के मकान आ गए हैं. करीब 85 लोग अधिग्रहण के विरोध में आ गए. इन लोगों ने कहा कि यदि अधिग्रहण करना ही है, तो हाईवे के सर्किल रेट से 4 गुना ज्यादा मुआवजे का भुगतान किया जाए. प्रभावित लोगों का पुनर्वास प्रतिमा स्थल से एक किमी के अंदर ही करवाया जाए. साथ ही पुनर्वास 6 महीने में करवाया जाए, पर प्रशासन से संतुष्ट न होने पर इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. इसके बाद माझा बरेहटा में जमीन तय की गई. भाजपा के बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता कहते हैं कि जल्द ही जमीन क्रय करने का बजट रिलीज हो जाएगा. विश्व की विशाल प्रतिमा के लिए जमीन क्रय की कार्रवाई शुरू हो जाएगी. इस योजना के लिए अभी 64 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन चाहिए. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने बताया कि पूर्व प्रस्तावित स्थल पर ही जमीन के क्रय के लिए 1 अरब 17 करोड़ रुपये की मांग का प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है, जिसमें विशाल प्रतिमा के निर्माण पर आने वाले खर्च को नहीं जोड़ा गया है.

अयोध्या जिला प्रशासन/सरकार द्वारा बलपूर्वक किसानों/भूस्वामियों/व्यापारियों से पर्यटन विकास के लिए जैसे नव्य अयोध्या, श्रीराम प्रतिमा की स्थापना, श्रीराम एअरपोर्ट, नया घाट से सहादतगंज तक फोरलेन किया जा रहा है. श्री सरयूनगर विकास समिति अयोध्या के विकास में बाधक नहीं है. जिलाधिकारी ने वर्ष 2017 से सर्किल रेट नहीं बढ़ाया है. 1984 से मांझा बरेहटा, मांझा मीरापुर द्वाबा, मांझा तिहुरा का बंदोबस्त नहीं किया है. जनपद बस्ती के सीतारामपुर, अयोध्या के मांझा बरेहटा, मांझा तिहुरा, मांझा मीरापुर द्वाबा की सीमा निर्धारित नहीं है और माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ में बंदोबस्त एवं सीमा निर्धारण एवं श्रीराम एअरपोर्ट का मुकदमा चल रहा है. ऐसे में भूमि अधिग्रहण माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना होगी और श्री सरयू नगर विकास समिति जनहित में किसानों, व्यापारियों, भूस्वामियों के साथ खड़ी है.

अवधेश कुमार सिंह, अध्यक्ष, श्री सरयू नगर विकास समिति अयोध्या

अयोध्या: रामनगरी में मनाए गए दीपोत्सव-2018 कार्यक्रम के अगले दिन 7 नवम्बर को सीएम योगी ने अयोध्या में प्रभु राम की विशाल प्रतिमा की स्थापना की घोषणा की थी. बाद में इसके आकार में परिवर्तन करते हुए प्रतिमा की लंबाई 221 मीटर से 251 मीटर कर दी गई, लेकिन जमीनी काम को लेकर यहां का प्रशासन काफी सुस्त ही रहा है. सीएम योगी ने हाल ही में खास तौर पर उस प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण भी किया, जहां प्रभु राम की विशाल प्रतिमा का प्राजेक्ट अमल में लाया जाना है.


सरकार जल्द ही इसे पूरा करेगी
पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत कमला दास रामायणी और हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ का यह प्रोजेक्ट बहुत प्रभावी है. हम सन्त और श्रद्धालु खुश हैं. सरकार जल्द ही इसे पूरा करेगी.

जानकारी देते महंत.
मीरपुर मांझा की जमीन का हो चुका है नोटिफिकेशन
प्रभु राम की प्रतिमा के प्राजेक्ट के लिए सहमति से जमीन अधिग्रहण के लिए सरयू तट के मीरपुर मांझा इलाके की जमीन का नोटिफिकेशन हो चुका है. अधिग्रहण के दायरे में सरयू तट के मीरपुर इलाके और हाईवे के पुल के बीच की जमीन के 5 मंदिर, 22 खातेदार, 517 वृक्ष और 165 लोगों के मकान आ गए हैं. करीब 85 लोग अधिग्रहण के विरोध में आ गए. इन लोगों ने कहा कि यदि अधिग्रहण करना ही है, तो हाईवे के सर्किल रेट से 4 गुना ज्यादा मुआवजे का भुगतान किया जाए. प्रभावित लोगों का पुनर्वास प्रतिमा स्थल से एक किमी के अंदर ही करवाया जाए. साथ ही पुनर्वास 6 महीने में करवाया जाए, पर प्रशासन से संतुष्ट न होने पर इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. इसके बाद माझा बरेहटा में जमीन तय की गई. भाजपा के बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता कहते हैं कि जल्द ही जमीन क्रय करने का बजट रिलीज हो जाएगा. विश्व की विशाल प्रतिमा के लिए जमीन क्रय की कार्रवाई शुरू हो जाएगी. इस योजना के लिए अभी 64 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन चाहिए. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने बताया कि पूर्व प्रस्तावित स्थल पर ही जमीन के क्रय के लिए 1 अरब 17 करोड़ रुपये की मांग का प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है, जिसमें विशाल प्रतिमा के निर्माण पर आने वाले खर्च को नहीं जोड़ा गया है.

अयोध्या जिला प्रशासन/सरकार द्वारा बलपूर्वक किसानों/भूस्वामियों/व्यापारियों से पर्यटन विकास के लिए जैसे नव्य अयोध्या, श्रीराम प्रतिमा की स्थापना, श्रीराम एअरपोर्ट, नया घाट से सहादतगंज तक फोरलेन किया जा रहा है. श्री सरयूनगर विकास समिति अयोध्या के विकास में बाधक नहीं है. जिलाधिकारी ने वर्ष 2017 से सर्किल रेट नहीं बढ़ाया है. 1984 से मांझा बरेहटा, मांझा मीरापुर द्वाबा, मांझा तिहुरा का बंदोबस्त नहीं किया है. जनपद बस्ती के सीतारामपुर, अयोध्या के मांझा बरेहटा, मांझा तिहुरा, मांझा मीरापुर द्वाबा की सीमा निर्धारित नहीं है और माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ में बंदोबस्त एवं सीमा निर्धारण एवं श्रीराम एअरपोर्ट का मुकदमा चल रहा है. ऐसे में भूमि अधिग्रहण माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना होगी और श्री सरयू नगर विकास समिति जनहित में किसानों, व्यापारियों, भूस्वामियों के साथ खड़ी है.

अवधेश कुमार सिंह, अध्यक्ष, श्री सरयू नगर विकास समिति अयोध्या

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