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अयोध्याः श्रीराम मंदिर निर्माण कार्यशाला में पहुंचे सभी धर्मों के लोग, मनाया सद्भावना दिवस - काला दिवस

अयोध्या में 6 दिसंबर को श्रीराम जन्मभूमि कार्यशाला में सद्भावना दिवस के रूप में मनाया गया. इस दौरान सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर विकास की बात कही.

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श्रीराम मंदिर निर्माण कार्यशाला में पहुंचे सभी धर्मों के लोग.
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Published : Dec 6, 2019, 6:11 PM IST

अयोध्याः श्रीरामलला के मंदिर बनने के लिए कार्यशाला में रखे गए पत्थरों के बीच आज एक नई इबारत लिखी गई. इसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध सभी धर्म के लोगों ने एक साथ मिलकर अयोध्या के विकास की बात कही. इस दौरान हनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास, सामाजिक कार्यकर्ता बबलू खान, सिखों के सरदार सुखबीर मौजूद रहे.

फैसला आने के बाद से आज राम जन्मभूमि कार्यशाला में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि ये हमारी एकता और संस्कृति के लिए खींची जाने वाली नई लकीर है. अयोध्या हमेशा से ही विकास और सद्भाव का मॉडल रही है, इस बात को सभी को समझना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीके से रहना चाहिए.

श्रीराम मंदिर निर्माण कार्यशाला में पहुंचे सभी धर्मों के लोग.
पढे़ंः-अयोध्या भूमि विवाद: 6 दिसंबर को लेकर शांति व्यवस्था के लिए प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामसामाजिक कार्यकर्ता बबलू खान ने कहा कि हमारा यह एकता का संदेश उन लोगों के लिए तमाचा है, जो कोर्ट का आदेश मानने के विरुद्ध जाकर रिव्यू पिटिशन की बात कर रहे हैं. वो बहुत थोड़े से हैं, भगवान उनको सदबुद्धि दें. वहीं सरदार सुखबीर सिंह ने कहा कि हम सब एक हैं. आज से 6 दिसंबर को मनाए जाने वाला काला दिवस बंद होना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देकर मुद्दों को साफ कर दिया है. कार्यशाला में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी एक साथ नजर आए, जिन्होंने एक नई मिसाल कायम की है.

अयोध्याः श्रीरामलला के मंदिर बनने के लिए कार्यशाला में रखे गए पत्थरों के बीच आज एक नई इबारत लिखी गई. इसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध सभी धर्म के लोगों ने एक साथ मिलकर अयोध्या के विकास की बात कही. इस दौरान हनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास, सामाजिक कार्यकर्ता बबलू खान, सिखों के सरदार सुखबीर मौजूद रहे.

फैसला आने के बाद से आज राम जन्मभूमि कार्यशाला में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि ये हमारी एकता और संस्कृति के लिए खींची जाने वाली नई लकीर है. अयोध्या हमेशा से ही विकास और सद्भाव का मॉडल रही है, इस बात को सभी को समझना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीके से रहना चाहिए.

श्रीराम मंदिर निर्माण कार्यशाला में पहुंचे सभी धर्मों के लोग.
पढे़ंः-अयोध्या भूमि विवाद: 6 दिसंबर को लेकर शांति व्यवस्था के लिए प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामसामाजिक कार्यकर्ता बबलू खान ने कहा कि हमारा यह एकता का संदेश उन लोगों के लिए तमाचा है, जो कोर्ट का आदेश मानने के विरुद्ध जाकर रिव्यू पिटिशन की बात कर रहे हैं. वो बहुत थोड़े से हैं, भगवान उनको सदबुद्धि दें. वहीं सरदार सुखबीर सिंह ने कहा कि हम सब एक हैं. आज से 6 दिसंबर को मनाए जाने वाला काला दिवस बंद होना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देकर मुद्दों को साफ कर दिया है. कार्यशाला में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी एक साथ नजर आए, जिन्होंने एक नई मिसाल कायम की है.
Intro:ब्रेकिंग।





अयोध्या. 6 दिसंबर विवादित ढांचा गिराए जाने की 27 वी बरसी पर आज विश्व हिंदू परिषद का शौर्य दिवस और मुस्लिम पक्षकार के द्वारा काला दिवस मनाने के ऐलान के दौरान अयोध्या बेहद शांत दिखाई दी। वहीं श्रीरामलला के मंदिर बनने के लिए कार्यशाला में रखे गए पत्थरों के बीच आज एक नई इबारत लिखी गई। जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, और बौद्ध, सभी धर्म के लोगों ने एक साथ मिलकर अयोध्या के विकास की बात कही। इस दौरान हनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास, सामाजिक कार्यकर्ता बबलू खान, सिखों के सरदार सुखबीर मौजूद रहे। 6दिसम्बर को आज श्रीराम जन्मभूमि कार्यशाला में सद्भावना दिवस के रूप में मनाया गया।
फैसला आने के बाद से आज राम जन्मभूमि कार्यशाला में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि, ये हमारी एकता संस्कृति के लिए खींची जानें वाली नई लकीर है। अयोधया हमेशा से ही विकास और सद्भाव का मॉडल रही है।
Body:सामाजिक कार्यकर्ता बबलू खान ने कहा कि, हमारी इस एकता से उन लोगों को तमाचा है जो कोर्टका आदेश मानने के विरुद्ध जाकर रिविव की बात कहते हैं। वो बहुत थोड़े से हैं, निश्चित तौर पर राम ही सब करेंगे।
वहीं सरदार सुखबीर ने कहा कि, हम सब एक हैं, आज से 6 दिसंबर को मनाए जाने वाला काला दिवस बंद होना चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देकर मुद्दों को साफ करते हुए क्लियर कर दिया है।
Conclusion:कार्यशाला में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई इस बार सभी एक साथ नजर आए। जिसने एक नई मिसाल कायम की है।
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