अयोध्याः राम नगरी अयोध्या में बाबरी मस्जिद और राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले को 1 वर्ष पूरे हो गए हैं. 9 नवंबर 2019 को इस ऐतिहासिक फैसले की वर्षगांठ है. इस मौके पर कई संगठन अपने अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं. इस सूचना को दृष्टिगत रखते हुए अयोध्या पुलिस ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए ऐसे किसी भी आयोजन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है.
9 नवम्बर 2019 को रामलला के पक्ष में आया था फैसला
9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय विशेष पीठ ने अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला देते हुए इस प्रकरण पर रामलला के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. इस फैसले को सुनाए जाने के बाद अब 1 वर्ष का समय बीत चुका है और फैसले की पहली वर्षगांठ पर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था बेहद चाक-चौबंद रहेगी.
आयोजन की मिली है सूचना
डीआईजी/एसएसपी अयोध्या दीपक कुमार ने बताया कि सूत्रों से उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ संगठन वर्षगांठ के मौके पर अपने-अपने स्तर पर आयोजन करना चाहते हैं. ऐसे लोगों को स्पष्ट रूप से बता दिया जा रहा है कि अगर बिना अनुमति के उन्होंने कोई आयोजन किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सख्त कार्रवाई के निर्देश
दीपक कुमार ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के कारण बिना अनुमति के कोई भी कार्यक्रम नहीं किया जा सकता. हमने जिले के तमाम संगठनों से बातचीत कर आश्वस्त किया है कि वह किसी भी प्रकार का कोई आयोजन नहीं करेंगे, फिर भी चोरी छुपे अगर कोई आयोजन करता है तो उसके खिलाफ विधि संगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की जाएगी.
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
करीब 70 वर्षों तक कानूनी दांवपेच चलने के बाद बीते वर्ष 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की विशेष अदालत ने इस मामले पर रामलला के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. जिसके बाद से अब राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण भी शुरू हो गया है. ऐसे में पहले से ही आतंकियों की हिट लिस्ट में रही अयोध्या पर आतंकी हमले के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन ने 9 नवंबर के मौके पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए हैं. साथ ही शांति व्यवस्था में कहीं से खलल पड़े ऐसे किसी भी आयोजन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है.