अयोध्याः आईएमआई (IMI) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत के मुसलामानों और मुग़ल शासकों को लेकर अपनी फेसबुक पोस्ट में बड़ा दावा किया है. इस दावे के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है. उनका दावा है कि मुसलमान भारत में मुगलों के शासन से पहले से रह रहे हैं. भारतीय मुसलमानों का मुगल शासकों से कोई लेना-देना नहीं है. इस पर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने असदुद्दीन ओवैसी से सवाल पूछा है कि अगर मुगलों से रिश्ता नहीं तो क्यों लड़ रहे थे अयोध्या में बाबरी का मुकदमा. वहीं, विहिप के पदाधिकारियों ने भी ओवैसी की इस पोस्ट को लेकर आपत्ति जताई है.
जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा है कि भारत के मुसलमानों का मुगलों से कोई लेना-देना नहीं है तो फिर 500 वर्षों तक राम मंदिर मामले पर लड़ाई किसने लड़ी. अयोध्या और बाबरी मस्जिद का केस लड़ने वाले कहां के मुसलमान थे? ओवैसी महिला उत्पीड़न के खिलाफ क्यों नहीं बोल रहे हैं? हलाला से मुस्लिम महिलाओं का शोषण होता है. उन्होंने इसे बलात्कार की संज्ञा दी. कहा कि ओवैसी पहले हलाला बंद करवाकर दिखाएं तब मुस्लिम हित की बात करें.
वहीं, विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा का कहना है कि ओवैसी समाज को भ्रमित कर रहे हैं. अयोध्या और कृष्ण जन्मभूमि पर ओवैसी दावा क्यों कर रहे थे. मुगल आक्रांताओं का समर्थन ओवैसी अपनी हर डिबेट में करते हैं. भारतीय मुसलमान राष्ट्र के साथ है और जो भी ओवैसी जैसे लोगों का समर्थन करते हैं वे राष्ट्र विरोधी हैं. यह ओवैसी का दोहरा चरित्र है. मुगल काल में भी लव जिहाद रहा होगा. ओवैसी लव जिहादियों के साथ हैं. हिंदुओं को अपमानित करने के लिए ओवैसी इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. वह भाषा पर लगाम लगाएं.
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