अयोध्या: तपस्वी छावनी के महंत जगदगुरु परमहंस आचार्य ने शबनम फांसी मामले में राष्ट्रपति से क्षमा दान करने की मांग की है. परमहंस दास ने कहा कि पहली बार देश में किसी महिला को फांसी होने जा रही है. अपराध अक्षम्य हो, लेकिन उसकी फांसी की सजा माफ किया जाना उचित होगा.
उन्होंने कहा कि वेदों और पुराणों में माता का स्थान पुरुष से ऊपर है. भगवान के नाम से पहले मातृशक्ति का नाम लिया जाता है. हिन्दू धर्माचार्य होने के नाते राष्ट्रपति से अपील करता हूं कि शबनम की दया याचिका को स्वीकार करते हुए फांसी की सजा माफ हो.
पढ़ें: बावनखेड़ी में किसी बेटी का नाम नहीं रखा जाता 'शबनम', जानिए वजह
'उसके दंड का प्राश्चित हो चुका'
परमहंस दास ने कहा कि शबनम ने जो कदम उठाया, उसके दंड का प्राश्चित हो चुका है. राष्ट्रपति शबनम की फांसी माफ करते हैं तो करोड़ों महिलाओं का राष्ट्र के प्रति प्रेम बढ़ेगा. परमहंस दास ने कहा कि इससे महिलाओं के सम्मान को लेकर एक अच्छा संदेश जाएगा. उनकी मांग पर दयापूर्वक विचार किया जाना चाहिए.