अयोध्या: राम जन्मभूमि का विवाद खत्म होने पर पहली बार राम नगरी में रविवार को देव दीपावली का भव्य आयोजन किया गया. कोविड-19 की चुनौतियों के बीच सरयू नदी तट पर स्थित राम की पैड़ी पर 51 हजार दीये को जलाकर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली मनाई गई. नित्य सरयू महाआरती समिति के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने बहुत ही कम समय मे आयोजन की रूपरेखा तैयार की थी.
संत महंतों की मौजूदगी में राम की पैड़ी पर 51 हजार दीये सजाए गए थे. दीये को जलाने के साथ दीपदान व 2100 बत्ती की सरयू महाआरती भी की गई, जो देव दीपावली पर्व की भव्यता का गवाह बनी. आयोजन संस्था के संरक्षक स्वामी राजकुमार दास ने पहला दीपक प्रज्वलित किया. इस अवसर पर राम की पैड़ी पर भजन सांध्य का भी आयोजन किया गया. 51 हजार दीये की रोशन से सरयू घाट की भव्यवता देखते बन रही थी और पूरा अयोध्या दीये की रोशनी से जगमगा रहा था.
तीन नवंबर को जलाए गए थे 6 लाख से अधिक दीये
इससे पहले तीन नवंबर को राम की पैड़ी पर छह लाख से ज्यादा दीये जलाकर विश्व रिकाॅर्ड बनाया गया था. राम नगर में दीपोत्सव के बाद यह अवसर था, जब देव दीपावली का आयोजन किया गया. इसका आयोजन अंजनेय सेवा संस्थान की ओर से किया गया था. कोविड-19 गाइडलाइन के कारण सीमित संख्या में ही लोग सरयू घाट पर मौजूद रहें.
विदेशी महिला श्रद्धालु ने कहा, दीप जलाकर धन्य हुई
राम की पैड़ी में दीपों को जला रहे श्रद्धालुओं में से शिकागों से आई एक महिला श्रद्धालु भी शामिल थी. उन्होंने कहा कि आज दीप जलाकर उसका जीवन धन्य हो गया. राम की नगरी में देव दीपावली के दिन दीपक जलाने का मौका मिला. स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि अब दीपोत्सव के साथ-साथ देव दीपावली भी प्रतिवर्ष मनाई जाएगी. इस मौके पर डीएम अनुज कुमार झा, डीआईजी दीपक कुमार, श्रीरामवल्लभा कुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास, लक्ष्मण किला के महंत मैथिली रमण शरण, महंत मनीष दास मौजूद रहें. वहीं महंत अंजनी शरण ने राम दरबार की आरती की.