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बैंक खाते से पैसा निकालने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चार जालसाज गिरफ्तार - बैंक खाते से पैसा निकालने वाले गिरोह का पर्दाफाश

अयोध्या जिले में ठगी का काम करने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. साथ ही इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी लोगों के बैंक खाते से फर्जीवाड़ा कर पैसे निकाल लेते थे.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
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Published : Dec 19, 2020, 2:42 AM IST

अयोध्याः मोबाइल पर एटीएम बंद होने और लॉटरी लगने की बात कह कर ठगी का काम करने वाले एक बड़े गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह में शामिल 4 जालसाजों को पकड़ने में सफलता पाई है. इनके कब्जे से फर्जी सिम कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. गिरोह का सरगना और गिरोह में शामिल ज्यादातर लोग बिहार के रहने वाले हैं जो फोन और व्हाट्सऐप कॉल के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाते थे. हैरान करने वाली बात यह है कि इस गिरोह के मुखिया ने जालसाजी के धंधे से करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है.

सऊदी से पैसा मंगाने की बात कह कर खुलावाते थे बैंक अकाउंट

गिरोह के सदस्यों से पूछताछ करने पर बताया कि ठगी करने के लिए सबसे पहले खाते की आवश्यकता होती है, जिसके लिए प्रति व्यक्ति खाता हेतु 10 से 15 हजार रुपये तक दिया जाता है. जिसमें 5000 रुपये खाता धारक को और शेष रुपये बतौर कमीशन एजेन्ट को दिया जाता है. खाता धारक को ये जालसाज बताते हैं कि सउदी का पैसा आयेगा जो टैक्स बचाने के लिए आपके खातें में भेजा जायेगा. खाता खुलवाने के बाद एटीएम पासबुक, नेटबैकिगं का यूजरनेम और पासवर्ड आदि अपने पास रख लेते थे और आनलाइन लाटरी, पेटीएम केवाईसी सहित कई माध्यमों से ठगी का पैसा इन सभी खातों में भेजवाते थे. जिन व्यक्तियों से खाता बहकावे से खुलवाया जाता था, उन्ही के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र लेकर फर्जी सिम भी खरीद लेते थे, जिससे ये जालसाज हमेशा पुलिस की नजरों से बचे रहे और जालसाजी करते रहे.

एक काल के जरिए खाते से निकाल लेते थे पैसे

पुलिस की पूछताछ में ये बात सामने आई है कि जालसाजों द्वारा एक बार किसी खाते में ठगी का पैसा मांगने के बाद सामान्य तौर पर पुलिस/बैंक द्वारा खाता फ्रीज कर दिया जाता है. इसलिए ये जालसाज अपना काम जारी रखने के लिए बड़ी मात्रा में फर्जी बैंक खाते खोल लेते थे. सभी खातों को बिहार के भिन्न-भिन्न जिलों में अपने अन्य साथियों जिसमें प्रमुख रुप से सलमान, जियाउल, जुनैल, शेख हसमुल्ला, जाफर उर्फ इमाम, सहादत हुसैन अंसारी, आजम, जुबैर रहमान को दे दिया जाता था. यही लोग नार्मल कॉल और व्हाट्सऐप कॉल के माध्यम से फोन करके आम जनता को केबीसी/लाटरी, एटीएम कार्ड ब्लाक होने की गलत सूचना आदि के नाम पर गुमराह कर ठगी करते है.

मोबाइल की दुकान से शुरू होता था जालसाजी का कारोबार

इस गिरोह में शामिल दिलीप महतो निवासी गोपालगंज बिहार में मोबाइल की दुकान संचालित करता है. दुकान में आने वाले ग्राहकों का सिम कार्ड एक्टीवेशन के दौरान ही ग्राहकों को बिना जानकारी के पेटीएक/गूगल/फोनपे एकाउन्ट बना कर साइबर ठगी के लिए बेच देता था, जिसके बाद ग्राहकों की आईडी से कूटरचना कर प्रपत्र तैयार कर मोबाइल कनेक्शन निकलवाता था. तथा फर्जी खातों में ओटीपी, पासवर्ड हेतु सिम उपलब्ध कराता है.

ये शातिर बदमाश आए गिरफ्त में

इस मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार जालसाजों में जिन्हें हिरासत में लिया गया है उनमें
1. रहमान उर्फ सुल्तान उर्फ अजीजुल रहमान उर्फ गामा पुत्र मोहम्मद बसरुद्धीन अहमद निवासी- पथरा थाना व पोस्ट- माझांगढ़ जिला- गोपालगंज
2. अजय सिंह उर्फ गुड्डू सिंह पुत्र राम नाथ सिंह निवासी- जगदीश बनकटा पोस्ट- बासोपट्टी थाना- बनकटा जनपद-देवरिया
3. दिलीप महतो उर्फ दीपू पुत्र श्री राम नाथ माथुर निवासी- रतन सराय, जाफर टोला थाना व पोस्ट- बरौली जिला गोपालगंज बिहार
4. रामायन पुत्र स्व0 लाल बचन निवासी- वेलही गोईता टोला पोस्ट- कटेया व थाना-कटेया जिला- गोपालगंज बिहार शामिल हैं.

इनके कब्जे से 07 मोबाइल फोन, 08 सिम कार्ड फर्जी नाम पते पर, 02 एटीएम कार्ड, 04 आधार कार्ड, 02 एसबीआई बैक का पासबुक, 01 पासपोर्ट बरामद हुआ है.

गिरोह के सरगना ने बना रखी है करोड़ों की संपत्ति

साइबर क्राइम के जरिए ज्यादातर ग्रामीण और भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाने वाले इन जालसाजों के गिरोह के मुखिया ने अकूत संपत्ति अर्जित की है. इस गिरोह का सरगना रहमान उर्फ सुल्तान उर्फ गामा द्वारा साइबर ठगी कर करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित कर ली है. जिसका चिन्हीकरण किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रुप से लगभग चार करोड़ की लागत से फुलवारी सरीफ पटना में अलीशान मकान का निर्माण किया गया है. फिलहाल गिरोह का सरगना पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम प्रयास कर रही है.

अयोध्याः मोबाइल पर एटीएम बंद होने और लॉटरी लगने की बात कह कर ठगी का काम करने वाले एक बड़े गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह में शामिल 4 जालसाजों को पकड़ने में सफलता पाई है. इनके कब्जे से फर्जी सिम कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. गिरोह का सरगना और गिरोह में शामिल ज्यादातर लोग बिहार के रहने वाले हैं जो फोन और व्हाट्सऐप कॉल के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाते थे. हैरान करने वाली बात यह है कि इस गिरोह के मुखिया ने जालसाजी के धंधे से करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है.

सऊदी से पैसा मंगाने की बात कह कर खुलावाते थे बैंक अकाउंट

गिरोह के सदस्यों से पूछताछ करने पर बताया कि ठगी करने के लिए सबसे पहले खाते की आवश्यकता होती है, जिसके लिए प्रति व्यक्ति खाता हेतु 10 से 15 हजार रुपये तक दिया जाता है. जिसमें 5000 रुपये खाता धारक को और शेष रुपये बतौर कमीशन एजेन्ट को दिया जाता है. खाता धारक को ये जालसाज बताते हैं कि सउदी का पैसा आयेगा जो टैक्स बचाने के लिए आपके खातें में भेजा जायेगा. खाता खुलवाने के बाद एटीएम पासबुक, नेटबैकिगं का यूजरनेम और पासवर्ड आदि अपने पास रख लेते थे और आनलाइन लाटरी, पेटीएम केवाईसी सहित कई माध्यमों से ठगी का पैसा इन सभी खातों में भेजवाते थे. जिन व्यक्तियों से खाता बहकावे से खुलवाया जाता था, उन्ही के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र लेकर फर्जी सिम भी खरीद लेते थे, जिससे ये जालसाज हमेशा पुलिस की नजरों से बचे रहे और जालसाजी करते रहे.

एक काल के जरिए खाते से निकाल लेते थे पैसे

पुलिस की पूछताछ में ये बात सामने आई है कि जालसाजों द्वारा एक बार किसी खाते में ठगी का पैसा मांगने के बाद सामान्य तौर पर पुलिस/बैंक द्वारा खाता फ्रीज कर दिया जाता है. इसलिए ये जालसाज अपना काम जारी रखने के लिए बड़ी मात्रा में फर्जी बैंक खाते खोल लेते थे. सभी खातों को बिहार के भिन्न-भिन्न जिलों में अपने अन्य साथियों जिसमें प्रमुख रुप से सलमान, जियाउल, जुनैल, शेख हसमुल्ला, जाफर उर्फ इमाम, सहादत हुसैन अंसारी, आजम, जुबैर रहमान को दे दिया जाता था. यही लोग नार्मल कॉल और व्हाट्सऐप कॉल के माध्यम से फोन करके आम जनता को केबीसी/लाटरी, एटीएम कार्ड ब्लाक होने की गलत सूचना आदि के नाम पर गुमराह कर ठगी करते है.

मोबाइल की दुकान से शुरू होता था जालसाजी का कारोबार

इस गिरोह में शामिल दिलीप महतो निवासी गोपालगंज बिहार में मोबाइल की दुकान संचालित करता है. दुकान में आने वाले ग्राहकों का सिम कार्ड एक्टीवेशन के दौरान ही ग्राहकों को बिना जानकारी के पेटीएक/गूगल/फोनपे एकाउन्ट बना कर साइबर ठगी के लिए बेच देता था, जिसके बाद ग्राहकों की आईडी से कूटरचना कर प्रपत्र तैयार कर मोबाइल कनेक्शन निकलवाता था. तथा फर्जी खातों में ओटीपी, पासवर्ड हेतु सिम उपलब्ध कराता है.

ये शातिर बदमाश आए गिरफ्त में

इस मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार जालसाजों में जिन्हें हिरासत में लिया गया है उनमें
1. रहमान उर्फ सुल्तान उर्फ अजीजुल रहमान उर्फ गामा पुत्र मोहम्मद बसरुद्धीन अहमद निवासी- पथरा थाना व पोस्ट- माझांगढ़ जिला- गोपालगंज
2. अजय सिंह उर्फ गुड्डू सिंह पुत्र राम नाथ सिंह निवासी- जगदीश बनकटा पोस्ट- बासोपट्टी थाना- बनकटा जनपद-देवरिया
3. दिलीप महतो उर्फ दीपू पुत्र श्री राम नाथ माथुर निवासी- रतन सराय, जाफर टोला थाना व पोस्ट- बरौली जिला गोपालगंज बिहार
4. रामायन पुत्र स्व0 लाल बचन निवासी- वेलही गोईता टोला पोस्ट- कटेया व थाना-कटेया जिला- गोपालगंज बिहार शामिल हैं.

इनके कब्जे से 07 मोबाइल फोन, 08 सिम कार्ड फर्जी नाम पते पर, 02 एटीएम कार्ड, 04 आधार कार्ड, 02 एसबीआई बैक का पासबुक, 01 पासपोर्ट बरामद हुआ है.

गिरोह के सरगना ने बना रखी है करोड़ों की संपत्ति

साइबर क्राइम के जरिए ज्यादातर ग्रामीण और भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाने वाले इन जालसाजों के गिरोह के मुखिया ने अकूत संपत्ति अर्जित की है. इस गिरोह का सरगना रहमान उर्फ सुल्तान उर्फ गामा द्वारा साइबर ठगी कर करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित कर ली है. जिसका चिन्हीकरण किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रुप से लगभग चार करोड़ की लागत से फुलवारी सरीफ पटना में अलीशान मकान का निर्माण किया गया है. फिलहाल गिरोह का सरगना पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम प्रयास कर रही है.

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