अयोध्या: भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में कोहरे के कहर ने आम जनमानस को अस्त-व्यस्त कर रखा है. हर और कोहरा छाया हुआ है, जिससे सरयू स्नानघाट से लेकर मंदिरों में पूजा-पाठ, भगवान को वस्त्र पहनाने सहित अन्य धार्मिक गतिविधियों में परेशानी आ रही है. सरयू घाट से लेकर मंदिरों की चौखट तक हर जगह कोहरे का कहर देखा जा रहा है. राम की नगरी अयोध्या दो दिनों से कोहरे की चपेट में है.
दर्शनार्थियों की संख्या भी घटी
अयोध्या में कोहरे के कारण मंगलवार से ही धर्म जगत प्रभावित है. बुधवार को कोहरे के कारण न केवल सरयू स्नान करने वालों की संख्या में कमी आई है, बल्कि मंदिरों में दर्शनार्थियों की संख्या भी घटी है. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या न के बराबर देखी जा रही है. कोहरे के कारण मंदिरों में भगवान को स्नान कराने का समय बदलने के साथ उनके पूजन में अनेक प्रकार की समस्याएं सामने आ रही हैं. इसके चलते मंदिरों में दर्शन का समय बदल दिया गया है.
मंदिरों के बंद होने का समय भी एक घंटा पूर्व
हर मंदिरों में प्रातः काल दर्शन अवधि एक घंटे देर से शुरू की जा रही है. सायंकाल मंदिरों के बंद होने का समय भी एक घंटा पूर्व कर दिया गया है. इसका कारण मौसम के चलते मंदिरों में पूजा-पाठ में आ रही कठिनाई है. यह नहीं कुछ संत मंदिरों में ही स्नान कर रहे हैं.
राम की पैड़ी पर सन्नाटा
आसपास के क्षेत्रों से स्नान करने आने वाले भक्तों की संख्या भी कम हुई है. सरयू तट स्थित राम की पैड़ी पर मंगलवार को सन्नाटा दिखा. इक्का-दुक्का दर्शनार्थियों ने ही नागेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया. राम की पैड़ी पर प्रतिदिन टहलने आने वाले पर्यटकों की संख्या बमुश्किल हजारों में रह गई है.
नागेश्वर नाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की संख्या कम
बुधवार सुबह इक्का-दुक्का लोग ही राम की पैड़ी पर दिखाई दिए. राम की पैड़ी प्रवेश द्वार से लेकर पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा. नागेश्वर नाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम रही. इसके अलावा हनुमानगढ़ी, कनक भवन, नागेश्वरनाथ, मणिराम छावनी, श्रीराम वल्लभा कुंज, रंगमहल, काले राम मंदिर, अशर्फी भवन, सियाराम किला, लक्ष्मण किला आदि मंदिरों में भी दर्शनार्थियों की संख्या कम रही.
कोहरे का कहर अयोध्या में छाया हुआ है, जिसके कारण मंदिरों में पूजा-पाठ प्रभावित हो रहा है. मंदिरों के संचालकों द्वारा दर्शन और भगवान के शयन में भी एक घंटे का अंतर किया जा रहा है.
-लालजी मिश्र, पुजारी, सरयू मंदिर