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घुमंतू परिवारों को नहीं है कोरोना का खौफ, पेट पालने के लिए लॉकडाउन में भी बीन रहे हैं कचरा - अमेठी मेंं घुमंतू परिवारों को नहीं है कोरोना का खौफ

यूपी के अमेठी में घुमंतू परिवारों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है. सिर्फ एक महीने के लिए खाना फ्री किया गया है. अभी तक किसी नेता या प्रशासन ने सुध नहीं ली है.

अमेठी समाचार.
घुमंतू परिवार लॉकडाउन में बीन रहे कूड़ा.
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Published : Apr 11, 2020, 7:17 AM IST

अमेठी: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. लोग अपने घर में कैद हो गए हैं. वहीं अमेठी में कुछ घुमंतू परिवारों का कहना है कि उनके पास हाथ धोने के लिए साबुन तक नहीं है. उन्हें कोरोना से बचाव के लिए अभी तक कुछ भी नहीं दिया गया है.

अमेठी समाचार.
कोरोना वायरस से बचाव के लिए नहीं मिली सुविधा.

इस घुमंतू परिवार में करीब 10 सदस्य हैं, जो कूड़ा-कचरा इकठ्ठा करने के लिए मुसाफिरखाना कस्बे में लगभग 2 महीने पहले आये थे. घुमंतू परिवार की सदस्य रेशमा का कहना है कि उन्हें कोरोना वायरस की सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं दिया गया है. सिर्फ एक महीने के लिए खाना फ्री किया गया है. अभी तक किसी नेता या प्रशासन ने हमारी सुध नहीं ली है. हम चाहते हैं कि नेता हमारी सुनवाई करें.

इस घुमंतु परिवार के कई बच्चे भी बिना सुरक्षा के कस्बे में रह रहे हैं. इस परिवार की एक बच्ची गीता ने बताया कि उसके पापा नहीं हैं. वह स्कूल पढ़ने जाती है. पेट की खातिर कूड़ा उठाने को मजबूर है. नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश कुमार अग्रहरि ने कहा कि कस्बे में लगभग 2000 माक्स और 200 सैनिटाइजर बांटे जा चुके हैं. मीडिया द्वारा सूचना मिली है तो अब तत्काल वहां पहुचकर उनको मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करवा दिया जाएगा.

अमेठी: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. लोग अपने घर में कैद हो गए हैं. वहीं अमेठी में कुछ घुमंतू परिवारों का कहना है कि उनके पास हाथ धोने के लिए साबुन तक नहीं है. उन्हें कोरोना से बचाव के लिए अभी तक कुछ भी नहीं दिया गया है.

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कोरोना वायरस से बचाव के लिए नहीं मिली सुविधा.

इस घुमंतू परिवार में करीब 10 सदस्य हैं, जो कूड़ा-कचरा इकठ्ठा करने के लिए मुसाफिरखाना कस्बे में लगभग 2 महीने पहले आये थे. घुमंतू परिवार की सदस्य रेशमा का कहना है कि उन्हें कोरोना वायरस की सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं दिया गया है. सिर्फ एक महीने के लिए खाना फ्री किया गया है. अभी तक किसी नेता या प्रशासन ने हमारी सुध नहीं ली है. हम चाहते हैं कि नेता हमारी सुनवाई करें.

इस घुमंतु परिवार के कई बच्चे भी बिना सुरक्षा के कस्बे में रह रहे हैं. इस परिवार की एक बच्ची गीता ने बताया कि उसके पापा नहीं हैं. वह स्कूल पढ़ने जाती है. पेट की खातिर कूड़ा उठाने को मजबूर है. नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश कुमार अग्रहरि ने कहा कि कस्बे में लगभग 2000 माक्स और 200 सैनिटाइजर बांटे जा चुके हैं. मीडिया द्वारा सूचना मिली है तो अब तत्काल वहां पहुचकर उनको मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करवा दिया जाएगा.

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