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कथा वाचिका ऊषा बोलीं, भारत देश को संवैधानिक रूप से हिन्दू राष्ट्र घोषित करना चाहिए - अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका ऊषा रामायणी

अमेठी में भक्ति महोत्सव में कथा वाचन पहुंची ब्रह्मर्षि आश्रम चित्रकूट धाम की संस्थापिका साध्वी ऊषा रामायणी ने कहा कि भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित होना चाहिए. वहीं, बागेश्वर धाम पर कहा कि कोई चमत्कार नहीं है सब भगवान की कृपा है.

अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका ऊषा रामायणी
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Published : Jan 25, 2023, 7:05 PM IST

अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका ऊषा रामायणी

अमेठी: बेल खरी गांव में अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका एवं ब्रह्मर्षि आश्रम चित्रकूट धाम की संस्थापिका साध्वी ऊषा रामायणी भक्ति महोत्सव में कथा प्रवचन कर रही है. जहां उन्होंने बुधवार को कहा कि भारत देश को संवैधानिक रूप से हिन्दू राष्ट्र घोषित होना चाहिए. उन्होंने ने एक सवाल के जवाब में तर्क देते हुए कहा कि भगवान जहां प्रकट हो जाए, वहां हम टुकड़ों में क्यों बंटे. हमारा भारत गुरु माना जाता था. सभी युगों में हमारे भारत में ही भगवान का अवतार हुआ है. इसलिए भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित होना चाहिए.

मीडिया से बातचीत करते साध्वी ऊषा रामायणी ने कहा कि राजनीति में धर्म की चर्चा होना अच्छी बात है. लेकिन, यह चर्चा सकारात्मक होनी चाहिए. जिससे हमारे सनातन धर्म की रक्षा होनी चाहिए. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रामचरितमानस में ऐसा कुछ नहीं है जिससे बैन लगाया जाए. राम चरित मानस समाज में समरसता स्थापित करती है.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सवाल पर उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम में जो दिख रहा है वह कोई चमत्कार नहीं है, वह भगवान की कृपा है. भक्तों के जीवन में कोई ऐसा चमत्कार नहीं होता है. अगर भक्त के जीवन में कोई अलौकिक व अद्वितीय व्यवहार दिखाई पड़ता है. उसे हम चमत्कार नहीं कह सकते हैं. उनमें भगवान की कृपा होती है. जैसे आप भागवत में देखिए भगवान ने कुब्जा को सीधा कर दिया सुंदर बना दिया, यह भगवान की कृपा है.

उन्होंने अयोध्या काशी के बाद मथुरा में मंदिर निर्माण के सवाल पर कहा कि जैसे त्रेतायुग, द्वापर और कलियुग आया. वैसे ही पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हुआ फिर काशी में अब मथुरा में भी मंदिर निर्माण होना चाहिए.राजनीति में हिंदुत्व की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर राष्ट्र की सेवा चाहे राजनीतिक रूप से या धार्मिक रूप से हमे हिंदुत्व को बचाना है. तो धर्म के साथ चलना पड़ेगा. बिना धर्म की राजनीति नहीं हो सकती है. बिना नीति को जाने राज्य का संचालन नहीं हो सकता है. राज करने के लिए राजा को धार्मिक, सत्यवादी और देशभक्त होना चाहिए. ऐसी विचारधारा जब नेता व राजा के अंदर आयेंगी. तभी विश्व का कल्याण होगा.

यह भी पढे़ं: G20 Summit : ग्लोब पार्क में लगेगा जी 20 का लोगो, जानिए कितने कुंतल होगा वजन

अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका ऊषा रामायणी

अमेठी: बेल खरी गांव में अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका एवं ब्रह्मर्षि आश्रम चित्रकूट धाम की संस्थापिका साध्वी ऊषा रामायणी भक्ति महोत्सव में कथा प्रवचन कर रही है. जहां उन्होंने बुधवार को कहा कि भारत देश को संवैधानिक रूप से हिन्दू राष्ट्र घोषित होना चाहिए. उन्होंने ने एक सवाल के जवाब में तर्क देते हुए कहा कि भगवान जहां प्रकट हो जाए, वहां हम टुकड़ों में क्यों बंटे. हमारा भारत गुरु माना जाता था. सभी युगों में हमारे भारत में ही भगवान का अवतार हुआ है. इसलिए भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित होना चाहिए.

मीडिया से बातचीत करते साध्वी ऊषा रामायणी ने कहा कि राजनीति में धर्म की चर्चा होना अच्छी बात है. लेकिन, यह चर्चा सकारात्मक होनी चाहिए. जिससे हमारे सनातन धर्म की रक्षा होनी चाहिए. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रामचरितमानस में ऐसा कुछ नहीं है जिससे बैन लगाया जाए. राम चरित मानस समाज में समरसता स्थापित करती है.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सवाल पर उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम में जो दिख रहा है वह कोई चमत्कार नहीं है, वह भगवान की कृपा है. भक्तों के जीवन में कोई ऐसा चमत्कार नहीं होता है. अगर भक्त के जीवन में कोई अलौकिक व अद्वितीय व्यवहार दिखाई पड़ता है. उसे हम चमत्कार नहीं कह सकते हैं. उनमें भगवान की कृपा होती है. जैसे आप भागवत में देखिए भगवान ने कुब्जा को सीधा कर दिया सुंदर बना दिया, यह भगवान की कृपा है.

उन्होंने अयोध्या काशी के बाद मथुरा में मंदिर निर्माण के सवाल पर कहा कि जैसे त्रेतायुग, द्वापर और कलियुग आया. वैसे ही पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हुआ फिर काशी में अब मथुरा में भी मंदिर निर्माण होना चाहिए.राजनीति में हिंदुत्व की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर राष्ट्र की सेवा चाहे राजनीतिक रूप से या धार्मिक रूप से हमे हिंदुत्व को बचाना है. तो धर्म के साथ चलना पड़ेगा. बिना धर्म की राजनीति नहीं हो सकती है. बिना नीति को जाने राज्य का संचालन नहीं हो सकता है. राज करने के लिए राजा को धार्मिक, सत्यवादी और देशभक्त होना चाहिए. ऐसी विचारधारा जब नेता व राजा के अंदर आयेंगी. तभी विश्व का कल्याण होगा.

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