अमेठी: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. किसान एक-एक बोरी खाद के लिए उर्वरक बिक्री केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं. दिन भर इंतजार के बाद भी किसानों को उर्वरक नहीं मिल पा रहा है. वहीं, रसूख दार लोग बिना लाइन के ही 10-10 बोरी उर्वरक लेकर जा रहे हैं, जिससे गरीब किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है. फिलहाल केंद्र प्रभारी सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं.
शासन की उदासीनता के चलते जिले में किसानों को उनकी जरूरत पर उर्वरक नहीं मिल पा रहा है. उर्वरक को लेकर हाय तौबा मचा हुआ है. उर्वरक केंद्रों पर सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनों में किसान लग जाते हैं. दिन भर इंतजार के बाद भी शाम तक किसानों को एक बोरी खाद नसीब नहीं हो रही है. कोई सुबह से खड़ा है तो कोई तीन-चार दिन से उर्वरक के लिए उर्वरक केंद्रों का चक्कर काट रहा है. बावजूद इसके किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है.
किसानों का आरोप है कि सुबह से ही खाद के लिए लाइन में लग जाया जाता है, लेकिन एक बोरी भी खाद नहीं मिल पा रही है. वहीं, रसूखदार लोग बिना लाइन के 10-10 बोरी खाद लेकर जा रहे हैं. महिला किसानों का आरोप है कि दिनभर लाइन में खड़े रहने के बाद शाम तक कई बार धक्का देकर लाइन से बाहर कर दिया जाता है. यहां उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.
किसानों का आरोप है कि खाद के साथ अतिरिक्त 270 रुपये दवा का बोझ लाद दिया गया है. जब हमारे पास खाद का पैसा नहीं है तो दवा के लिए पैसा कहां से लाए. जबरदस्ती खाद के चक्कर में दवा भी लेनी पड़ रही है. जिसकी जरूरत नहीं है.
सरकार को कोसते हुए किसानों ने कहा कि बड़े किसानों के लिए कोई नियम कानून नहीं है. हम लोगों के लिए जबरदस्ती दवा लेने का दबाव डाला जा रहा है. कई किसानों ने बताया कि पल्लेदारी के नाम पर ₹5 प्रति बोरी वसूली जा रही है. जबकि कोई ऐसा नियम नहीं है.
केंद्र प्रभारी शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि खाद की कोई कमी नही है. थोड़ा विलंब होने से खाद के लिए लाइन लग गई है. जहां आज के दिन में एक हजार बोरी वितरित किया गया है.
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