ETV Bharat / state

अखिलेश यादव के सपनों पर अमेठी में फिरा पानी, निकाय चुनाव 2023 में मुख्य मुकाबले में ही नहीं दिखी सपा - UP News

निकाय चुनाव 2023 के मतदान से पहले अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी उतारने का एलान किया था. लेकिन, निकाय चुनाव 2023 में मिली करारी हार के बाद क्या अखिलेश यादव अपना प्रत्याशी उतार पाएंगे, देखें रिपोर्ट.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : May 15, 2023, 7:39 PM IST

अमेठी: समाजवादी पार्टी के दो विधायक और मजबूत संगठन के बावजूद निकाय चुनाव 2023 में पार्टी का अमेठी में सूपड़ा साफ हो गया. एक सीट को छोड़कर सपा प्रत्याशी कहीं भी मुख्य मुकाबले में भी नहीं दिखाई दिए. ऐसे में दो माह पूर्व अखिलेश यादव के उस बयान को बड़ा झटका लगा है जिसमें उन्होंने अमेठी से लोकसभा प्रत्याशी उतारने की बात कही थी.

जिले में निकाय चुनाव के परिणाम में जहां बीजेपी अपने पुराने रिकॉर्ड को बनाए रही, वहीं सपा पूरी तरह से अमेठी में साफ हो गई. निकाय चुनाव में आए परिणामों को गौर करें तो इस बार गौरीगंज नगर पालिका के अलावा कहीं मुख्य मुकाबने में भी नहीं दिखाई दी. अमेठी नगर पंचायत पर जहां पार्टी के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर चले गए, वहीं जायस में सपा चौथे स्थान पर पहुंच गई. मुसाफिर खाना में पार्टी को नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी ही नहीं मिला. जबकि जिले में गौरीगंज और अमेठी सीट पर पार्टी के विधायक भी हैं.

तीन बार चुनाव हारे कांग्रेसी नेता की पत्नी पर सपा ने लगाया था दांव: अमेठी नगर पंचायत की बात की जाए तो यहां सपा को अपनी पार्टी से उम्मीदवार नहीं मिले. जबकि यहां पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महराजी देवी सपा से विधायक हैं. यहां पार्टी ने तीन बार चुनाव हार चुके कांग्रेस नेता लईक हवरी की पत्नी जमीरूल को साइकिल पर बैठा कर नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने भेज दिया.

पार्टी के कुछ नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां स्थानीय विधायक महराजी देवी की राय प्रत्याशी उतारने में नहीं ली गई. लिहाजा मुख्य मुकाबले में मानी जाने वाली सपा की उम्मीदवार तीसरे स्थान पर चली गईं. सपा प्रत्याशी ने चुनाव में मात खाने के बाद शोशल मीडिया पर भड़ास निकालते हुए लिखा की मैं गायत्री प्रसाद प्रजापति नहीं हूं, जो इतना पैसा दे दूं कि लोग स्विट्जरलैंड घूम आएं, मैं अपने पैसे से मुंबई और अमेठी आता जाता हूं. हराम के पैसे से नहीं हैं.

मुस्लिम ने सपा का छोड़ा साथ: अमेठी में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं. मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता वाले वार्डों में भी सपा की साइकिल रेस नहीं भर पाई. लिहाजा यहां सपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर खिसक कर पहुंच गए. जबकि बीजेपी ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए नगर में कमल खिला दिया. बीजेपी ने वार्ड सदस्य के लिए दो मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. दोनों प्रत्याशी जीत दर्ज कराते हुए मुस्लिम मतदाताओं वाले वार्ड में कमल खिला गए.

जिला अध्यक्ष के घर में सपा ने खाली कर दिया था मैदान : नगर पंचायत मुसाफिरखाना की बात की जाए तो समाजवादी पार्टी को नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी तक नहीं मिला. यहां सपा ने मैदान खाली कर दिया. गौर करने वाली बात यह है कि मुसाफिरखाना नगर पंचायत में ही सपा के जिलाध्यक्ष राम उदित यादव का घर भी है. ऐसे में पार्टी द्वारा प्रत्याशी न उतारने से स्थानीय कार्यकर्ताओं में काफी मायूसी देखने को मिली. यहां बीजेपी ने जीत दर्ज कराते हुए नगर में कमल खिला दिया. वहीं निर्दल प्रत्याशी फिरोज खान रनअप के रूप में संघर्ष करते रहे.

सपा विधायक के वर्चस्व पर उठे सवाल: जिला मुख्यालय स्थित नगर पालिका गौरीगंज में समाजवादी पार्टी की तारा देवी बीजेपी प्रत्याशी से लगभग 2100 वोटों से पीछे रहीं, जबकि इस सीट पर इसके पूर्व सपा का ही चेयरमैन था. इस सीट पर सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह का दबदबा माना जाता है. ऐसे में सपा प्रत्याशी की इतनी लंबी हार सपा के लिए शुभ संकेत नहीं है. यहां बीजेपी की रश्मि सिंह ने कमल खिला कर भारी मतों से जीत दर्ज कराई. यह सीट चुनाव के दौरान काफी चर्चा में रही. मतदान के एक दिन पूर्व ही सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी के पति से अपनी जान का खतरा बताते हुए कोतवाली में धरने पर बैठ गए. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह का कोतवाली के अंदर बीजेपी नेता की पिटाई करते एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

जायस में मुख्य मुकाबले से भी दूर रहा सपा प्रत्याशी: नगर पालिका जायस में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी दूर-दूर तक लड़ाई में नहीं दिखे. यहां मुख्य मुकाबले में बीजेपी प्रत्याशी रहे. लंबे अरसे बाद कांग्रेस ने यह सीट बीजेपी से छीन ली. इस सीट पर भी मुस्लिम मतदाता काफी तादात में हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी की निकाय चुनाव में करारी हार हुई. जबकि विधान सभा चुनाव में यहां सपा मुख्य मुकाबले थी.

अखिलेश ने लोकसभा चुनाव 2024 में प्रत्याशी उतारने का किया था एलान : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो माह पूर्व अमेठी दौरे पर आए थे. तब उन्होंने अमेठी से लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी उतारने की बात कही थी. निकाय चुनाव में पार्टी की करारी हार से उनके बयान को बड़ा झटका लगा है. राजनीतिक गलियारे में सपा की हार की चर्चा तेजी से हो रही है. फिलहाल चुनाव परिणामों पर समाजवादी पार्टी की तरफ से कोई नेता बोलने को तैयार नहीं है. सपा जिलाध्यक्ष राम उदित यादव ने भी कुछ बोलना इनकार कर दिया.

ये भी पढ़ेंः रामपुर में आजम खान अपना 'घर' भी हारे, जानिए कौन ले उड़ा वोट

अमेठी: समाजवादी पार्टी के दो विधायक और मजबूत संगठन के बावजूद निकाय चुनाव 2023 में पार्टी का अमेठी में सूपड़ा साफ हो गया. एक सीट को छोड़कर सपा प्रत्याशी कहीं भी मुख्य मुकाबले में भी नहीं दिखाई दिए. ऐसे में दो माह पूर्व अखिलेश यादव के उस बयान को बड़ा झटका लगा है जिसमें उन्होंने अमेठी से लोकसभा प्रत्याशी उतारने की बात कही थी.

जिले में निकाय चुनाव के परिणाम में जहां बीजेपी अपने पुराने रिकॉर्ड को बनाए रही, वहीं सपा पूरी तरह से अमेठी में साफ हो गई. निकाय चुनाव में आए परिणामों को गौर करें तो इस बार गौरीगंज नगर पालिका के अलावा कहीं मुख्य मुकाबने में भी नहीं दिखाई दी. अमेठी नगर पंचायत पर जहां पार्टी के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर चले गए, वहीं जायस में सपा चौथे स्थान पर पहुंच गई. मुसाफिर खाना में पार्टी को नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी ही नहीं मिला. जबकि जिले में गौरीगंज और अमेठी सीट पर पार्टी के विधायक भी हैं.

तीन बार चुनाव हारे कांग्रेसी नेता की पत्नी पर सपा ने लगाया था दांव: अमेठी नगर पंचायत की बात की जाए तो यहां सपा को अपनी पार्टी से उम्मीदवार नहीं मिले. जबकि यहां पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महराजी देवी सपा से विधायक हैं. यहां पार्टी ने तीन बार चुनाव हार चुके कांग्रेस नेता लईक हवरी की पत्नी जमीरूल को साइकिल पर बैठा कर नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने भेज दिया.

पार्टी के कुछ नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां स्थानीय विधायक महराजी देवी की राय प्रत्याशी उतारने में नहीं ली गई. लिहाजा मुख्य मुकाबले में मानी जाने वाली सपा की उम्मीदवार तीसरे स्थान पर चली गईं. सपा प्रत्याशी ने चुनाव में मात खाने के बाद शोशल मीडिया पर भड़ास निकालते हुए लिखा की मैं गायत्री प्रसाद प्रजापति नहीं हूं, जो इतना पैसा दे दूं कि लोग स्विट्जरलैंड घूम आएं, मैं अपने पैसे से मुंबई और अमेठी आता जाता हूं. हराम के पैसे से नहीं हैं.

मुस्लिम ने सपा का छोड़ा साथ: अमेठी में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं. मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता वाले वार्डों में भी सपा की साइकिल रेस नहीं भर पाई. लिहाजा यहां सपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर खिसक कर पहुंच गए. जबकि बीजेपी ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए नगर में कमल खिला दिया. बीजेपी ने वार्ड सदस्य के लिए दो मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. दोनों प्रत्याशी जीत दर्ज कराते हुए मुस्लिम मतदाताओं वाले वार्ड में कमल खिला गए.

जिला अध्यक्ष के घर में सपा ने खाली कर दिया था मैदान : नगर पंचायत मुसाफिरखाना की बात की जाए तो समाजवादी पार्टी को नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी तक नहीं मिला. यहां सपा ने मैदान खाली कर दिया. गौर करने वाली बात यह है कि मुसाफिरखाना नगर पंचायत में ही सपा के जिलाध्यक्ष राम उदित यादव का घर भी है. ऐसे में पार्टी द्वारा प्रत्याशी न उतारने से स्थानीय कार्यकर्ताओं में काफी मायूसी देखने को मिली. यहां बीजेपी ने जीत दर्ज कराते हुए नगर में कमल खिला दिया. वहीं निर्दल प्रत्याशी फिरोज खान रनअप के रूप में संघर्ष करते रहे.

सपा विधायक के वर्चस्व पर उठे सवाल: जिला मुख्यालय स्थित नगर पालिका गौरीगंज में समाजवादी पार्टी की तारा देवी बीजेपी प्रत्याशी से लगभग 2100 वोटों से पीछे रहीं, जबकि इस सीट पर इसके पूर्व सपा का ही चेयरमैन था. इस सीट पर सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह का दबदबा माना जाता है. ऐसे में सपा प्रत्याशी की इतनी लंबी हार सपा के लिए शुभ संकेत नहीं है. यहां बीजेपी की रश्मि सिंह ने कमल खिला कर भारी मतों से जीत दर्ज कराई. यह सीट चुनाव के दौरान काफी चर्चा में रही. मतदान के एक दिन पूर्व ही सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी के पति से अपनी जान का खतरा बताते हुए कोतवाली में धरने पर बैठ गए. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह का कोतवाली के अंदर बीजेपी नेता की पिटाई करते एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

जायस में मुख्य मुकाबले से भी दूर रहा सपा प्रत्याशी: नगर पालिका जायस में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी दूर-दूर तक लड़ाई में नहीं दिखे. यहां मुख्य मुकाबले में बीजेपी प्रत्याशी रहे. लंबे अरसे बाद कांग्रेस ने यह सीट बीजेपी से छीन ली. इस सीट पर भी मुस्लिम मतदाता काफी तादात में हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी की निकाय चुनाव में करारी हार हुई. जबकि विधान सभा चुनाव में यहां सपा मुख्य मुकाबले थी.

अखिलेश ने लोकसभा चुनाव 2024 में प्रत्याशी उतारने का किया था एलान : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो माह पूर्व अमेठी दौरे पर आए थे. तब उन्होंने अमेठी से लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी उतारने की बात कही थी. निकाय चुनाव में पार्टी की करारी हार से उनके बयान को बड़ा झटका लगा है. राजनीतिक गलियारे में सपा की हार की चर्चा तेजी से हो रही है. फिलहाल चुनाव परिणामों पर समाजवादी पार्टी की तरफ से कोई नेता बोलने को तैयार नहीं है. सपा जिलाध्यक्ष राम उदित यादव ने भी कुछ बोलना इनकार कर दिया.

ये भी पढ़ेंः रामपुर में आजम खान अपना 'घर' भी हारे, जानिए कौन ले उड़ा वोट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.