अमेठी: नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ से जाना जाने वाला अमेठी देश भर में एक अलग स्थान रखता है. कई दशकों से अमेठी पर गांधी परिवार का राज रहा है और अब भी है. लेकिन इतने सालों से राज करने के बाद भी अमेठी की हालत खस्ताहाल है. जिले में विकास के बारे में जानने के लिए 71 वर्षीय चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी महाराष्ट्र से पुणे आए हैं.
चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी पैंतीस साल महाराष्ट्र के सेंट जोसेफ स्कूल में ड्राइंग के टीचर रह चुके हैं. वह अपनी पेंशन का दस प्रतिशत हिस्सा स्वछता अभियान में लगाते हैं. महाराष्ट्र से पुणे वह अमेठी के हाल जानने आए हैं. साथ ही वह अमेठी के विकास को देखने कि पिछले सत्तर साल में गांधी परिवार ने अमेठी के लिए क्या किया है.
चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी महाराष्ट्र से अमेठी की सच्चाई जानने आए हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे उत्सुकता है और मैं देखना चाहता हूं कि एक कि परिवार के लोग 70 साल से चुन के आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेठी में कुछ स्पेशल हो गया है कि सत्तर साल से एक ही परिवार को लोगों को चुन कर देते हैं. उन्होंने कहा कि सत्तर साल कम नहीं होते प्रगति के लिए. लेकिन बात यह है कि विकास कैसे हो?