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अमेठी में विकास के हाल जानने पहुंचे 71 साल के बुजुर्ग, देखिए ईटीवी भारत से खास बातचीत - chandrakant radhabai damodar kulkarni

महाराष्ट्र के रिटायर्ड शिक्षक चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी अमेठी का हाल जानने पहुंचे हैं. पिछले सत्तर सालों में गांधी परिवार ने अमेठी के लिए क्या किया है इस बात को जानने वह जिले में पहुंचे हैं.

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Published : Mar 18, 2019, 10:27 AM IST

अमेठी: नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ से जाना जाने वाला अमेठी देश भर में एक अलग स्थान रखता है. कई दशकों से अमेठी पर गांधी परिवार का राज रहा है और अब भी है. लेकिन इतने सालों से राज करने के बाद भी अमेठी की हालत खस्ताहाल है. जिले में विकास के बारे में जानने के लिए 71 वर्षीय चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी महाराष्ट्र से पुणे आए हैं.

जानकारी देते रिटायर्ड शिक्षक चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी.

चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी पैंतीस साल महाराष्ट्र के सेंट जोसेफ स्कूल में ड्राइंग के टीचर रह चुके हैं. वह अपनी पेंशन का दस प्रतिशत हिस्सा स्वछता अभियान में लगाते हैं. महाराष्ट्र से पुणे वह अमेठी के हाल जानने आए हैं. साथ ही वह अमेठी के विकास को देखने कि पिछले सत्तर साल में गांधी परिवार ने अमेठी के लिए क्या किया है.

चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी महाराष्ट्र से अमेठी की सच्चाई जानने आए हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे उत्सुकता है और मैं देखना चाहता हूं कि एक कि परिवार के लोग 70 साल से चुन के आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेठी में कुछ स्पेशल हो गया है कि सत्तर साल से एक ही परिवार को लोगों को चुन कर देते हैं. उन्होंने कहा कि सत्तर साल कम नहीं होते प्रगति के लिए. लेकिन बात यह है कि विकास कैसे हो?

अमेठी: नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ से जाना जाने वाला अमेठी देश भर में एक अलग स्थान रखता है. कई दशकों से अमेठी पर गांधी परिवार का राज रहा है और अब भी है. लेकिन इतने सालों से राज करने के बाद भी अमेठी की हालत खस्ताहाल है. जिले में विकास के बारे में जानने के लिए 71 वर्षीय चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी महाराष्ट्र से पुणे आए हैं.

जानकारी देते रिटायर्ड शिक्षक चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी.

चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी पैंतीस साल महाराष्ट्र के सेंट जोसेफ स्कूल में ड्राइंग के टीचर रह चुके हैं. वह अपनी पेंशन का दस प्रतिशत हिस्सा स्वछता अभियान में लगाते हैं. महाराष्ट्र से पुणे वह अमेठी के हाल जानने आए हैं. साथ ही वह अमेठी के विकास को देखने कि पिछले सत्तर साल में गांधी परिवार ने अमेठी के लिए क्या किया है.

चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी महाराष्ट्र से अमेठी की सच्चाई जानने आए हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे उत्सुकता है और मैं देखना चाहता हूं कि एक कि परिवार के लोग 70 साल से चुन के आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेठी में कुछ स्पेशल हो गया है कि सत्तर साल से एक ही परिवार को लोगों को चुन कर देते हैं. उन्होंने कहा कि सत्तर साल कम नहीं होते प्रगति के लिए. लेकिन बात यह है कि विकास कैसे हो?

Intro:अमेठी। नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ से जाना जाने वाला अमेठी देश भर में एक अलग स्थान रखता है। कई दसको से अमेठी पर गांधी परिवार का राज रहा है और अब भी है। लेकिन इतने सालों से राज करने के बाद भी अमेठी की हालत खस्ताहाल है। बता दे कि अमेठी के विकास और गांधी परिवार का लगातार यह आना इन सबके बारे जानने को उत्सुक इकहत्तर वर्षीय चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी जो पैतीस साल महाराष्ट्र के सेंट जोसेफ स्कूल में ड्राइंग के टीचर रह चुके है और अपने पेंशन का दस प्रतिशत हिस्सा स्वछता अभियान में लगाते है और महाराष्ट्र, पुणे के आये है। अमेठी के विकास को देखने की पिछले सत्तर साल में गांधी परिवार ने अमेठी के लिए क्या किया। उन्होंने अपने शरीर पर स्वछता,भ्रस्टाचार, महंगाई से लिखा हुआ बैनर पहना हुआ है और अमेठी की सड़कों पर लोगो से अमेठी के विकास के बारे में पूछ रहे है।


Body:वी/ओ- चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी महाराष्ट्र, पुणे से अमेठी के सच्चाई जानने अमेठी आये हुए है। उन्होंने कहा कि मुझे उत्सुकता है और मैं देखना चाहता हु की एक कि परिवार के लोग सत्तर साल से चुन के आ रहे है और उन्होंने इस शहर एयर यह के वर्तमान सांसद ने यहां के लोगो के लिए क्या किया? इसके बारे में लोगो से पुछु तो सही। उन्होंने कहा कि अमेठी में कुछ स्पेशल हो गया है कि सत्तर साल से एक ही परिवार के लोगो को चुन कर देती है। उन्होंने कहा कि सत्तर साल काम नही होते प्रगति के लिए। बात यह है कि विकास कैसे हो? उन्होंने कहा कि विकास होने के लिए बदलाव जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले बारह साल से रिटायर्ड होने के बाद प्रभु रामचन्द्र की सेवा और स्वच्छता करते आया हु। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे देश मे कितने टॉयलेट और गरीब लोगो को शून्य बैलेंस में खाता खोलवा दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले पंत प्रधान है।

बाइट- चंद्रकांत राधाबाई दामोदर कुलकर्णी (रिटायर्ड शिक्षक)


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