अंबेडकरनगरः प्रदेश सरकार अपने इस कार्यकाल का आखिरी बजट लेकर आ रही है. विधानसभा चुनाव 2022 से पहले का बजट होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है. हर कोई आने वाले बजट पर नजर लगाए बैठा है. कोरोना संकट, लगातार बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई और किसान आंदोलन के बीच सरकार के आखिरी बजट से किसानों, युवाओं और घरेलू महिलाओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं.
प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट को लेकर जब ईटीवी भारत ने किसानों से बात की, तो उनके माथे पर महंगाई की मार से परेशान चिंता की लकीरें साफ तौर पर दिखीं. किसान खाद, तेल और बिजली के दामो में लगातार हो रही वृद्धि से परेशान हैं. युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं. पहले से ही बेरोजगारी से परेशान युवाओं को कोरोना ने और मजबूर कर दिया है. घरेलू महिलायें लगातार गैस के दामों में हो रही वृद्धि से परेशान हैं. इनके पास सिलेंडर तो है लेकिन उसे भराने के लिए पैसे नही हैं.
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किसान महंगाई से परेशान
किसान बृजलाल, नासिर और बुधू का कहना है कि महंगाई बढ़ रही है. सरकार तेल, खाद और बिजली के दरों में कमी करे और फसल का उचित मूल्य दे.
युवाओं की मांग
युवा महेंद्र, गुड्डू और बीरेंद्र का कहना है कि बेरोजगारी बड़ी समस्या बन गई है. सरकार पहले रोजगार की व्यवस्था करे, जिससे युवाओं का विकास हो. छोटे कारोबारियों को प्रोत्साहन दिया जाय.
महिलाओं की मांग
गृहणी महिला सुनीता और इमिरता का कहना है कि रसोई गैस का दाम रोज बढ़ रहा है. कमाई नहीं है तो गैस कहां से भरायें, सरकार गैस का दाम कम करे और हमें काम दे.